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सेक्स वर्करों को मैनेज करने वाली गंगूबाई कैसे हुई थीं चर्चित

<figure> <img alt="गंगूबाई" src="https://c.files.bbci.co.uk/13622/production/_110549397_eoswfrcucaafeso.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Film Poster</footer> <figcaption>संजय लीला भंसाली की आने वाली फ़िल्म गंगूबाई का पोस्टर</figcaption> </figure><p>संजय लीला भंसाली ने अपनी अगली फ़िल्म की घोषणा कर दी है. फ़िल्म का नाम है गंगूबाई काठियावाड़ी. इसमें मुख्य किरदार आलिया भट्ट हैं.</p><p>ये फ़िल्म उस गंगूबाई की ज़िंदगी से प्रेरित है, जो 1960 के दशक […]

<figure> <img alt="गंगूबाई" src="https://c.files.bbci.co.uk/13622/production/_110549397_eoswfrcucaafeso.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Film Poster</footer> <figcaption>संजय लीला भंसाली की आने वाली फ़िल्म गंगूबाई का पोस्टर</figcaption> </figure><p>संजय लीला भंसाली ने अपनी अगली फ़िल्म की घोषणा कर दी है. फ़िल्म का नाम है गंगूबाई काठियावाड़ी. इसमें मुख्य किरदार आलिया भट्ट हैं.</p><p>ये फ़िल्म उस गंगूबाई की ज़िंदगी से प्रेरित है, जो 1960 के दशक में मुंबई के कमाठीपुरा में ‘वेश्यालय’ चलाती थीं. फ़िल्म ‘माफ़िया क्वीन्स ऑफ मुंबई’ नाम की किताब पर आधारित है, जिसे एस. हुसैन ज़ैदी और जेन बोर्गेस ने लिखी है. </p><p>गंगूबाई का असली नाम गंगा हरजीवनदास काठियावाड़ी था. उनका जन्म गुजरात के काठियावाड़ में हुआ था और वो वहीं पलीं-बढ़ीं.</p><p>’माफ़िया क्वीन्स ऑफ मुंबई’ के सह-लेखक एस. हुसैन ज़ैदी गंगूबाई के बारे में कई चीज़ें विस्तार से बताते हैं.</p><p>वो कोठा चलाती थीं. उन्हें धोखा देकर इस धंधे में लाया गया था. वो काठियावाड़ के सम्पन्न परिवार से थीं. परिवार के लोग पढ़े-लिखे थे और वकालत से जुड़े थे. गंगा को रमणीकलाल नाम के एक अकाउंटेंट से प्यार हो गया. उनका परिवार इस रिश्ते के लिए राज़ी नहीं था तो वो मुंबई भाग आईं.</p><p>लेकिन उस आदमी ने उन्हें धोखा दिया और कमाठीपुरा में बेच दिया. तब उन्हें अहसास हुआ कि अब वो अपने परिवार के पास वापस नहीं लौट सकतीं क्योंकि उनका परिवार उन्हें स्वीकार नहीं करेगा. इसलिए उन्होंने हालात को अपनाया और बतौर सेक्स वर्कर काम करने लगीं.</p><p>वो गैंगस्टर नहीं थीं. वो अंडरवर्ल्ड का हिस्सा भी नहीं थीं लेकिन ऐसे धंधे में थीं, जिसे नीची नज़रों से देखा जाता था. जैसे-जैसे वक़्त गुज़रा, वो कमाठीपुरा रेड लाइट एरिया की प्रमुख बन गईं. इस तरह से वह पहले ‘गंगा’ से ‘गंगू’ बनीं और गंगू से ‘मैडम’ बन गईं.</p><figure> <img alt="कमाठीपुरा वेश्यालय" src="https://c.files.bbci.co.uk/18442/production/_110549399_gettyimages-89593769.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> <figcaption>प्रतीकात्मक तस्वीर</figcaption> </figure><p>गंगूबाई ने कमाठीपुरा में हुए घरेलू चुनावों में हिस्सा लिया और जीत हासिल की. गंगू सेक्स वर्कर से गंगूबाई काठेवाली बन गईं. काठेवाली दरअसल कोठेवाली से जुड़ा है. कोठा का मतलब है वेश्यालय और कोठा की प्रमुख को कोठेवाली कहा जाता था. उनके नाम के साथ जुड़ा काठियावाड़ी यह भी दिखाता था कि उनका परिवार से कैसा जुड़ाव था. </p><p><strong>सेक्स वर्कर</strong><strong> के लिए माँ जैसी </strong></p><p>1960 और 1970 के दशक में गंगूबाई का कमाठीपुरा में काफ़ी नाम रहा. वो अन्य सेक्स वर्कर्स के लिए मां की तरह थीं. उन्होंने कोठा चलाने वालीं ‘मैडमों’ का प्रभाव ख़त्म कर दिया. </p><p>गंगूबाई सुनहरे किनारे वाली सफेद साड़ी, सुनहरे बटन वाला ब्लाउज़ और सुनहरा चश्मा भी पहनती थीं. वो कार से चला करती थीं.</p><p>उन्हें सोने से बनी चीज़ें पहनने का बहुत शौक़ था. बचपन में उनका सपना अभिनेत्री बनने का था. बाद के सालों में भी फ़िल्मी दुनिया में उनकी दिलचस्पी बनी रही. उन्होंने ऐसी कई लड़कियों को घर वापस भेजने में मदद की, जिन्हें धोखा देकर वेश्यालयों में बेचा गया था.</p><p>वो इस काम से जुड़ीं महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी काफ़ी सजग थीं. उन्होंने उन महिलाओं के साथ हुए अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई और उन लोगों के ख़िलाफ़ भी क़दम उठाए, जिन्होंने इन महिलाओं का शोषण किया.</p><p>उनका यह नज़रिया था कि शहरों में सेक्स वर्कर्स के लिए जगह उपलब्ध कराई जानी चाहिए. मुंबई के आज़ाद मैदान में महिला सशक्तीकरण और महिला अधिकारों के लिए आयोजित रैली में उनका भाषण काफ़ी चर्चा में रहा था.</p><p>गंगूबाई की मौत के बाद कई वेश्यालयों में उनकी तस्वीरें लगाई गईं और उनकी मूर्तियां भी बनाई गईं.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-43701134?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">’कोई मुझे देवी समझता है कोई वेश्या'</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-51145680?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">करीम लाला को दाऊद इब्राहीम ने क्यों नहीं बनाया निशाना?</a></li> </ul><figure> <img alt="करीम लाला" src="https://c.files.bbci.co.uk/28FE/production/_110549401__110543677_8f77d83a-bc91-49d7-9871-e57ef6fa6bd6.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Wikipedia</footer> <figcaption>अब्दुल करीम ख़ान को अंडरवर्ल्ड में लोग करीम लाला के नाम से जानते थे.</figcaption> </figure><h1>करीम लाला और गंगूबाई</h1><p>कमाठीपुरा में हुई एक घटना के बाद गंगूबाई का दबदबा और बढ़ गया. एक पठान ने वेश्यालय में गंगूबाई से बदसलूकी की. उसने उनके साथ ज़बर्दस्ती करने की कोशिश की, उन्हें चोट पहुंचाई और पैसे नहीं दिए. ये लगातार होता रहा. </p><p>एक बार उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की स्थिति बन गई. तब उन्होंने उस पठान के बारे में जानकारी जुटाई. उन्हें पता चला कि पठान शौक़त ख़ान नाम के इस शख़्स का ताल्लुक करीम लाला के गैंग से था. </p><p>अब्दुल करीम ख़ान को अंडरवर्ल्ड में लोग करीम लाला के नाम से जानते थे. गंगूबाई करीम लाला के पास गईं और उन्हें वो सब कुछ बताया जो उनके साथ हो रहा था. करीम लाला ने गंगूबाई को सुरक्षा देने का वादा किया. </p><p>अगले दिन जब शौकत ख़ान वेश्यालय पहुंचा तो उसकी जमकर पिटाई हुई. करीम लाला ने गंगूबाई को अपनी बहन बना लिया और इसी के साथ गंगूबाई का दबदबा इस इलाक़े में काफ़ी बढ़ गया. </p><figure> <img alt="कमाठीपुरा वेश्यालय" src="https://c.files.bbci.co.uk/10486/production/_110549666_gettyimages-103545234.jpg" height="549" width="976" /> <footer>AFP</footer> </figure><h1>नेहरू से मुलाक़ात</h1><p>1960 के दशक में कमाठीपुरा में सेंट एंथनी गर्ल्स हाई स्कूल शुरू हुआ. यह आवाज़ उठने लगी कि वेश्यालय को बंद किया जाना चाहिए क्योंकि वेश्याओं के आसपास होने का बुरा असर छोटी बच्चियों पर पड़ेगा.</p><p>इस फ़ैसले से कमाठीपुरा में क़रीब एक सदी से काम कर रही महिलाओं पर बुरा असर पड़ने वाला था. गंगूबाई ने इसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई और इसे आगे ले जाने के लिए पूरी ताक़त लगा दी.</p><p>अपने राजनीतिक परिचितों की मदद से उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से मिलने के लिए वक़्त मांगा. हालांकि यह मीटिंग आधिकारिक तौर पर कहीं दर्ज नहीं हुई लेकिन एस. हुसैन ज़ैदी ने अपनी किताब में इस क़िस्से का ज़िक्र किया है.</p><p>ज़ैदी ने ‘माफ़िया क्वीन्स ऑफ मुंबई’ में लिखा, ”इस मुलाक़ात में गंगूबाई की सजगता और स्पष्ट विचारों से नेहरू भी हैरान रह गए. नेहरू ने उनसे सवाल किया था कि वो इस धंधे में क्यों आईं जबकि उन्हें अच्छी नौकरी या अच्छा पति मिल सकता था.”</p><p>ऐसा कहा जाता है कि गंगूबाई ने उसी मुलाक़ात में तुरंत नेहरू के सामने प्रस्ताव रखा. उन्होंने नेहरू से कहा कि अगर वो उन्हें (गंगूबाई) को पत्नी के रूप में स्वीकार करने को तैयार हैं तो वह ये धंधा हमेशा के लिए छोड़ देंगी.</p><p>इस बात से नेहरू दंग रह गए और उन्होंने गंगूबाई के बयान से असहमति जताई. तब गंगूबाई ने कहा, ”प्रधानमंत्री जी, नाराज़ मत होइए. मैं सिर्फ़ अपनी बात साबित करना चाहती थी. सलाह देना आसान है लेकिन उसे ख़ुद अपनाना मुश्किल है.” नेहरू ने इसके ख़िलाफ़ कुछ नहीं कहा.</p><p>मुलाक़ात ख़त्म होने पर नेहरू ने गंगूबाई से वादा किया कि वो उनकी मांगों पर ध्यान देंगे. प्रधानमंत्री ने जब ख़ुद इस पर हस्तक्षेप किया तो कमाठीपुरा से वेश्याओं को हटाने का काम कभी नहीं हो पाया.”</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49440489?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">भारत का सेक्स स्कैंडल जिसने हिला दी थी दुनिया</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-45770568?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">जो सेक्स वर्कर बनने के अधिकार के लिए लड़ी</a></li> </ul><figure> <img alt="गंगूबाई फ़िल्म पोस्टर" src="https://c.files.bbci.co.uk/12B96/production/_110549667_salmankhan.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Twitter/AliaBhatt</footer> </figure><p>संजय लीला भंसाली अब गंगूबाई काठेवाली की ज़िंदगी पर फ़िल्म बना रहे हैं. आलिया भट्ट गंगूबाई के किरदार में नज़र आएंगी. फ़िल्म का फर्स्ट लुक लॉन्च कर दिया गया है. </p><p>बीबीसी से बात करते हुए ए. हुसैन ज़ैदी ने कहा, ”भंसाली को कहानी बहुत अच्छी लगी. उन्हें लगा कि इस महिला की कहानी बड़े पर्दे पर दिखनी चाहिए. भंसाली के पास वो क़ाबिलियत है जो किसी किरदार को बड़े पर्दे पर तरह रख पाएं और उसे असलियत की तरह दिखा पाएं. लोगों ने गंगूबाई के बारे में मेरी किताब में पढ़ा होगा लेकिन अब वो इस महिला को बड़े पर्दे पर देख सकेंगे. हम सब आलिया भट्ट की अदाकारी से परिचित हैं. जिस तरह वो किरदार निभाती हैं, वो उसे जीती हैं. मुझे लगता है कि आलिया और भंसाली दोनों इस कहानी के साथ न्याय करेंगे.”</p><p>संजय लीला भंसाली की यह फ़िल्म 11 सितंबर 2020 को रिलीज़ होगी.</p><p><strong>यह भी पढ़ें</strong><strong>:</strong></p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international/2016/04/160416_vert_cul_the_girlfriend_experience_cj?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">वेश्याएं बुरी हैं पर उनकी कहानियां अच्छी?</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-51133712?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">संजय राउत ने इंदिरा पर दिया विवादित बयान, कांग्रेस ख़फ़ा</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international/2016/07/160726_outspoken_pak_women_threats_abuse_sh?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">जब वो मुझे बिच और वेश्या कहने लगे… </a></li> </ul><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a 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