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हालिया बलात्कारों पर विदेशी मीडिया ने क्या कहा

<figure> <img alt="बलात्कार के खिलाफ़ प्रदर्शन" src="https://c.files.bbci.co.uk/2D05/production/_110052511_2fae527d-7b35-40fb-a448-f808cc43ed13.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p><strong>क्या एक बर्बर हत्या भारत को उसके ‘रेप कल्चर’ का सामना करने पर मजबूर करेगी?</strong></p><p><strong>Can a Brutal Murder Shake India into Facing Its Rape Culture?</strong></p><p>ये अमरीका की एक समाचार वेबसाइट <em>'</em><strong><em>फ़ेयर ऑब्ज़र्वर'</em></strong> पर छपे <a href="https://www.fairobserver.com/region/central_south_asia/priyanka-reddy-murder-india-rape-culture-womens-rights-south-asia-news-66151/">ओपीनियन लेख</a> का शीषर्क है. संदर्भ है: हैदराबाद […]

<figure> <img alt="बलात्कार के खिलाफ़ प्रदर्शन" src="https://c.files.bbci.co.uk/2D05/production/_110052511_2fae527d-7b35-40fb-a448-f808cc43ed13.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p><strong>क्या एक बर्बर हत्या भारत को उसके ‘रेप कल्चर’ का सामना करने पर मजबूर करेगी?</strong></p><p><strong>Can a Brutal Murder Shake India into Facing Its Rape Culture?</strong></p><p>ये अमरीका की एक समाचार वेबसाइट <em>'</em><strong><em>फ़ेयर ऑब्ज़र्वर'</em></strong> पर छपे <a href="https://www.fairobserver.com/region/central_south_asia/priyanka-reddy-murder-india-rape-culture-womens-rights-south-asia-news-66151/">ओपीनियन लेख</a> का शीषर्क है. संदर्भ है: हैदराबाद और उन्नाव में लड़कियों से गैंगरेप के बाद की गई उनकी क्रूर हत्या.</p><p>भारत की हलचल पर दुनिया भर की मीडिया की नज़र रहती है. ज़ाहिर है, हैदराबाद और उन्नाव पर भी वैश्विक मीडिया लगातार नज़र बनाए हुए है और इसे प्रमुखता से कवर कर रही है.</p><p>फ़ेयर ऑब्ज़र्वर ने भारत में ‘रेप कल्चर’ की समस्या को समझने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए तकरीबन 1,500 शब्दों का विस्तृत लेख प्रकाशित किया है.</p><p>लेख में वर्ष 2012 के निर्भया गैंगरेप के बाद से अब तक क्या बदला है, इस पर विस्तार से चर्चा की गई है. साथ ही बलात्कार को रोकने के लिए क्या उपाय किए जाएं, इस बारे में भी विचार-विमर्श किया गया है.</p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-43737772?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">’विधायक जी, तीन बच्चों की मां से बलात्कार होता है'</a></p><figure> <img alt="फ़ेयर ऑब्ज़र्वर" src="https://c.files.bbci.co.uk/17D45/production/_110050679_f150dad7-b202-4ea7-b63b-0e229549b173.jpg" height="327" width="1118" /> <footer>Fair Observer/Screenshot</footer> </figure><h3>’बलात्कार पर भारतीयों की दोहरी मानसिकता'</h3><p>लेख में कहा गया है कि भारत में बलात्कार, यौन हिंसा और यौन उत्पीड़न के मामलों में अक्सर दोहरा रवैया अपनाया जाता है. </p><p>लेखिका ने इसका उदाहरण देते हुए बताया है कि कैसे #MeToo मुहिम के दौरान कुछ बड़ी हस्तियों का नाम सामने आने के बाद भी उनकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी और फ़ैन फ़ॉलोइंग पर कोई असर नहीं पड़ा.</p><p>लेखिका का मानना है कि यौन उत्पीड़न के आरोपों में घिरे लोगों को अपना ‘आइकन’ मानना और साथ ही कुछ अभियुक्तों के लिए मौत की सज़ा या उसे लिंच किए जाने की वकालत करना भारतीय समाज की दोहरी मानसिकता का परिचायक है.</p><figure> <img alt="गार्डियन" src="https://c.files.bbci.co.uk/48AD/production/_110050681_20b1aa67-57df-4ef0-ab5e-347e38c47d6b.jpg" height="808" width="935" /> <footer>Guardian </footer> </figure><h3>भारत में बलात्कार गंभीर मुद्दा</h3><p>ब्रिटेन के प्रमुख अख़बार <strong><em>’द गार्डियन'</em></strong> ने भी इस विषय में एक <a href="https://www.theguardian.com/commentisfree/2019/dec/08/another-week-violence-brings-shame-on-india">ओपीनियन लेख</a> छापा है. इसका शीर्षक है: <strong>Another week of violence that brings shame on all India (हिंसा से भरा एक और सप्ताह, जिसने पूरे भारत को शर्मसार किया).</strong></p><p>लेख में हैदराबाद के कथित एनकाउंटर को अनुचित ठहराया गया है और कहा गया है कि पुलिस को बलात्कारियों की हत्या की इजाज़त देकर इंसाफ़ नहीं दिलाया जा सकता.</p><p>लेखक का मानना है कि भारत में बलात्कार एक गंभीर मुद्दा बन चुका है लेकिन भारत की न्यायिक प्रक्रिया बेहद धीमी है. </p><p>लेखक फिर यह तर्क देकर कथित एनकाउंटर और बलात्कार अभियुक्तों को लिंच करने की मांग का विरोध करते हैं कि अगर धीमी न्यायिक कार्यवाही एक बड़ी समस्या है तो आम जनता की बर्बरता भी एक बड़ी समस्या है. </p><figure> <img alt="मेल ऑनलाइन" src="https://c.files.bbci.co.uk/96CD/production/_110050683_0ac70125-6068-407c-b41d-a206ff346d2f.jpg" height="941" width="954" /> <footer>Mail Online</footer> </figure><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-46377573?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">बलात्कार की वो संस्कृति, जिसे आप सींच रहे हैं </a></p><p>ब्रितानी अख़बार ‘<strong><em>डेली मेल'</em></strong> से सम्बद्ध वेबसाइट <strong><em>’मेल ऑनलाइन'</em></strong> पर उन्नाव रेप पीड़िता की मौत और हैदराबाद में बलात्कार अभियुक्तों के कथित एनकाउंटर की ख़बर को एक विस्तृत<a href="https://www.dailymail.co.uk/news/article-7767221/India-rape-victim-candle-lit-march-erupts-violence.html"> फ़ोटो स्टोरी</a> के ज़रिए कवर किया गया है.</p><p>इसमें पीड़िता की मौत के बाद भड़के प्रदर्शनकारियों की पुलिसकर्मियों के साथ हुई झड़प, प्रदर्शनकारियों को वॉटर कैनन से तितर-बितर करते पुलिसबल और पीड़िता का शव ले जाते वाहन को घेरे लोगों की तस्वीरें हैं. </p><p>फ़ोटो स्टोरी में हैदराबाद में कथित एनकाउंटर की जगह पर खड़े पुलिसकर्मियों और पुलिस पर फूल बरसाकर उनका स्वागत करते लोगों की तस्वीरें भी हैं.</p><figure> <img alt="मेल ऑनलाइन" src="https://c.files.bbci.co.uk/C55D/production/_110052505_1e5a6b2e-e0fb-4aab-bf7f-24156a54abbb.jpg" height="794" width="931" /> <footer>Mail Online</footer> </figure><p><strong>'</strong><strong>भारत के सबसे भयावह रेप</strong><strong>'</strong></p><p>इसके साथ ही ‘मेल ऑनलाइन’ पर एक<a href="https://www.dailymail.co.uk/news/article-7767221/India-rape-victim-candle-lit-march-erupts-violence.html"> लिस्टिकल</a> है जिसमें भारत में हुए सबसे भयावह मामलों की सूची बनाई गई है. इस सूची में अरुणा शाहबाग, भंवरी देवी और प्रियदर्शिनी मट्टू से लेकर 2012 के निर्भया गैंगरेप तक का ज़िक्र है. </p><p>वेबसाइट ने इस सूची को <strong>The most dangerous place in the world to be female: India’s history of violence against women</strong> शीर्षक के साथ छापा है, जिसका मतलब है: <strong>दुनिया में महिला होने के लिए सबसे ख़तरनाक जगह</strong><strong>: </strong><strong>महिलाओं के विरुद्ध हिंसा का भारतीय </strong><strong>इतिहास</strong><strong>.</strong></p><figure> <img alt="गल्फ़ न्यूज़" src="https://c.files.bbci.co.uk/1137D/production/_110052507_76a45f28-c90d-4fb7-8fe8-95be5bd91092.jpg" height="699" width="728" /> <footer>Gulf News</footer> </figure><h3>’बलात्कार के बाद बलात्कार'</h3><p>संयुक्त अरब अमीरात से छपने वाले अख़बार <strong><em>’गल्फ़ न्यूज़'</em></strong> ने भारत में होने वाली बलात्कार की घटनाओं पर एक विचारोत्तेजक <a href="https://gulfnews.com/world/asia/india/rape-after-rape-after-rape-but-nothing-ever-changes-in-india-1.1575793584220">ओपीनियन लेख</a> प्रकाशित किया है. </p><p>इस लेख का शीर्षक है: <strong>Rape after rape after rape, but nothing ever changes in India (बलात्कार के बाद बलात्कार लेकिन भारत में कभी कुछ नहीं बदलता)</strong></p><p>लेख में तंज़ करते हुए कहा गया है कि भारत की शिथिल अदालतें यह तय करती हैं कि इंसाफ़ देरी से मिले और देरी से इंसाफ़ मिलने का मतलब नाइंसाफ़ी होता है.</p><p><strong><em>लेख में जो भी बातें कही गई हैं उनका निचोड़ कुछ यूं निकाला गया है: </em></strong></p> <ul> <li>भारत औरतों का देश नहीं है.</li> </ul> <ul> <li>बलात्कार महिलाओं पर आधिपत्य जमाने के लिए एक बर्बर हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है.</li> </ul><p>लेखिका ने बलात्कार अभियुक्तों की पुलिस द्वारा हत्या पर कुछ भारतीय सांसदों के सदन के अंदर खुले तौर पर ख़ुशी जताने को चिंताजनक बताया है.</p><p>लेख में कठुआ बलात्कार और हत्या मामले का हवाला देते हुए हत्या और यौन हिंसा के अभियुक्त सांसदों की संख्या पर भी नाराज़गी जताई गई है.</p><p>लेखिका ने कहा है कि मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अब उन्हें एक धमकी जैसा प्रतीत होता है.</p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-45900134?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">#MeToo: औरतों के इस युद्धघोष से क्या मिला</a></p><figure> <img alt="बलात्कार के खिलाफ़ प्रदर्शन" src="https://c.files.bbci.co.uk/7B25/production/_110052513_351086d7-a248-44a2-befc-cbe108776a5d.jpg" height="916" width="1571" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h3>निर्भया गैंगरेप की याद</h3><p>प्रमुख अमरीकी अख़बार <strong><em>’द न्यूयॉर्क टाइम्स'</em></strong> ने अपनी एक <a href="https://www.nytimes.com/2019/12/06/world/asia/india-rape-murder-police.html">विस्तृत रिपोर्ट</a> में हैदराबाद में महिला डॉक्टर के गैंगरेप और हत्या को ‘हालिया महीनों में भारत का सबसे चिंताजनक बलात्कार’ कहा है. </p><p>अख़ाबर ने लिखा है कि हैदराबाद बलात्कार के संदिग्ध अभियुक्तों का कथित एनकाउंटर करने वाले पुलिसबलों को कुछ लोग ‘हीरो’ मान रहे हैं और कुछ लोग इस क़दम की आलोचना कर रहे हैं.</p><p>न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा है इससे पहले साल 2012 में दिल्ली गैंगरेप के भयावह अपराध ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान कुछ इसी तरह खींचा था.</p><p>पाकिस्तान के अंग्रेज़ी अख़बार<strong><em> ‘डॉन</em></strong>’ और <strong><em>’द एक्सप्रेस ट्रिब्यून</em></strong>” में उन्नाव और हैदराबाद से जुड़ी सभी ख़बरों को सिलसिलेवार ढंग से कवर किया गया है.</p><p>पिछले साल थॉमसन रॉयटर्स फ़ाउंडेशन ने एक सर्वे प्रकाशित किया था जिसमें भारत को महिलाओं के लिए दुनिया का सबसे ख़तरनाक देश बताया गया था.</p><p>यह सर्वे थॉमसन-रॉयटर्स फ़ाउंडेशन की तरफ़ से महिला मुद्दों पर काम करने वालीं 550 महिला विशेषज्ञों के साथ किया गया था.</p><p>भारत में इस सर्वे की काफ़ी आलोचना हुई थी और भारतीय महिला आयोग ने इसे सिरे से ख़ारिज कर दिया था.</p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-50699611?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">हैदराबाद और उन्नाव: नेताओं की इस राजनीति से किसका भला होगा?</a></p><p><strong>(</strong><strong>बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.</strong><strong>)</strong></p>

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