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निर्भया रेप: एक दोषी की दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेजी गई

<p>केंद्र सरकार ने दिल्ली के चर्चित निर्भया कांड के एक दोषी की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेजी है और इसे नामंज़ूर करने की सिफ़ारिश की है. समाचार एजेंसी पीटीआई और एएनआई ने यह जानकारी दी है.</p><p>दिल्ली के लेफ़्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल ने इसी सप्ताह इस दया याचिका को ठुकराते हुए फ़ाइल केंद्रीय […]

<p>केंद्र सरकार ने दिल्ली के चर्चित निर्भया कांड के एक दोषी की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेजी है और इसे नामंज़ूर करने की सिफ़ारिश की है. समाचार एजेंसी पीटीआई और एएनआई ने यह जानकारी दी है.</p><p>दिल्ली के लेफ़्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल ने इसी सप्ताह इस दया याचिका को ठुकराते हुए फ़ाइल केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी थी.</p><p>गृह मंत्रालय की ओर से राष्ट्रपति को ये सिफ़ारिश ऐसे दिन भेजी गई है, जब हैदराबाद में बहुचर्चित डॉक्टर रेप और मर्डर कांड में पुलिस ने चारों अभियुक्तों को मार दिया है.</p><p>हैदराबाद पुलिस का दावा है कि सीन रिक्रिएशन के दौरान अभियुक्तों ने पुलिस पर हमला करने की कोशिश की और जवाबी कार्रवाई में वे मारे गए.</p><p>इस बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राजस्थान में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि पॉक्सो एक्ट के तहत जो लोग बलात्कार के लिए दोषी ठहराए जाते हैं, उन्हें दया याचिका का अधिकार नहीं मिलना चाहिए.</p><h1>सज़ा</h1><p>सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2012 के निर्भया गैंगरेप के चारों अभियुक्तों मुकेश, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह को मौत की सज़ा सुनाई थी.</p><p>पिछले साल इनमें से तीन दोषियों की पुनर्विचार याचिका भी सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दी थी और मौत की सज़ा बरकरार रखी थी.</p><p>इस मामले में एक नाबालिग़ को भी दोषी ठहराया गया था, जिसे तीन साल जुवेनाइल होम में रखने का आदेश दिया गया था.</p><p>निर्भया कांड के एक अन्य दोषी राम सिंह ने दिल्ली के तिहाड़ जेल में वर्ष 2013 में आत्महत्या कर ली थी.</p><h1>क्या हुआ था निर्भया के साथ</h1><figure> <img alt="प्रतीकात्मक तस्वीर" src="https://c.files.bbci.co.uk/0C8E/production/_102441230_5921677e-efe8-45f1-9364-8da841ff5f5b.jpg" height="624" width="624" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>साल 2012 में दिल्ली में एक चलती बस में 23 साल की छात्रा के साथ गैंगरेप किया गया था.</p><p>बुरी तरह घायल छात्रा को सड़क किनारे फेंक दिया गया था. कई दिनों तक चले इलाज के बाद छात्रा की मौत हो गई थी.</p><p>इस घटना के बाद राजधानी दिल्ली समेत देशभर में व्यापक प्रदर्शन हुए थे.</p><p>निर्भया मामले के सामने आने के बाद भारत सरकार ने जस्टिस वर्मा समिति का गठन कर महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा के क़ानूनों की समीक्षा की थी.</p><p>साल 2013 में क़ानूनों में संशोधन कर बलात्कार के जघन्य मामलों में मौत की सज़ा देने का प्रावधान जोड़ा गया था.</p><h1>कब क्या हुआ</h1><p><strong>16 दिसंबर 2012: </strong>23 वर्षीय फ़ीज़ियोथेरेपी छात्रा के साथ चलती बस में छह लोगों ने गैंगरेप किया. छात्रा के पुरुष मित्र को बुरी तरह पीटा गया और दोनों को सड़क किनारे फेंक दिया गया.</p><p><strong>17 दिसंबर 2012:</strong> मुख्य अभियुक्त और बस ड्राइवर राम सिंह को गिरफ़्तार कर लिया गया. अगले कुछ दिनों में उनके भाई मुकेश सिंह, जिम इंस्ट्रक्टर विनय शर्मा, फल बेचने वाले पवन गुप्ता, बस के हेल्पर अक्षय कुमार सिंह और एक 17 वर्षीय नाबालिग को गिरफ़्तार किया गया.</p><p><strong>29 दिसंबर:</strong> सिंगापुर के एक अस्पताल में पीड़िता की मौत. शव को वापस दिल्ली लाया गया.</p><p><strong>11 मार्च 2013: </strong>अभियुक्त राम सिंह की तिहाड़ जेल में संदिग्ध हालत में मौत. पुलिस का कहना है कि उसने आत्महत्या की, लेकिन बचाव पक्ष के वकील और परिजनों ने हत्या के आरोप लगाए.</p><p><strong>31 अगस्त 2013:</strong> जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने नाबालिग अभियुक्त को दोषी माना और तीन साल के लिए बाल सुधार गृह भेजा.</p><p><strong>13 सितंबर 2013:</strong> ट्रायल कोर्ट ने चार बालिग अभियुक्तों को दोषी क़रार देते हुए फांसी की सज़ा सुनाई.</p><p><strong>13 मार्च 2014:</strong> दिल्ली हाई कोर्ट ने फांसी की सज़ा को बरक़रार रखा.</p><p><strong>मार्च-जून 2014:</strong> अभियुक्तों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की और सुप्रीम कोर्ट ने फ़ैसला आने तक फांसी पर रोक लगा दी.</p><p><strong>मई 2017:</strong> सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट और ट्रायल कोर्ट की फांसी की सज़ा को बरक़रार रखा.</p><p><strong>जुलाई 2018:</strong> सुप्रीम कोर्ट ने तीन दोषियों की पुनर्विचार याचिका को ख़ारिज किया.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> करें. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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