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जीएस लक्ष्मी बनीं पुरुषों के इंटरनेशनल वनडे की पहली महिला मैच रेफ़री

<figure> <img alt="GS LAXMI" src="https://c.files.bbci.co.uk/30CB/production/_110019421_29fd13b0-6776-4940-8b75-f0b053c386fa.jpg" height="549" width="976" /> <footer>ICC</footer> </figure><p>भारत की जीएस लक्ष्मी आईसीसी के पुरुष वनडे क्रिकेट में पहली महिला मैच रेफ़री बनने जा रही हैं.</p><p>लक्ष्मी आठ दिसंबर से शुरू हो रहे तीसरे आईसीसी पुरुष क्रिकेट वर्ल्ड कप लीग 2 के दौरान यूएई और अमरीका के बीच शारजाह में खेले जाने वाले वनडे मैच […]

<figure> <img alt="GS LAXMI" src="https://c.files.bbci.co.uk/30CB/production/_110019421_29fd13b0-6776-4940-8b75-f0b053c386fa.jpg" height="549" width="976" /> <footer>ICC</footer> </figure><p>भारत की जीएस लक्ष्मी आईसीसी के पुरुष वनडे क्रिकेट में पहली महिला मैच रेफ़री बनने जा रही हैं.</p><p>लक्ष्मी आठ दिसंबर से शुरू हो रहे तीसरे आईसीसी पुरुष क्रिकेट वर्ल्ड कप लीग 2 के दौरान यूएई और अमरीका के बीच शारजाह में खेले जाने वाले वनडे मैच में बतौर मैच रेफ़री उतर कर इतिहास रचेंगी.</p><p>आईसीसी पुरुष क्रिकेट वर्ल्ड कप लीग 2 इस साल अगस्त में शुरू हुआ था और जनवरी 2022 तक चलेगा. इस दौरान इसमें कुल 126 मैच खेले जाएंगे.</p><p>इसकी शीर्ष तीन टीमें आईसीसी पुरुष क्रिकेट वर्ल्ड कप क्वालिफायर 2022 में खेलेंगी. इसी के आधार पर भारत में 2023 में खेले जाने वाले वाले विश्व कप के लिए आईसीसी क्वालीफायर टीम का चयन होना है.</p><p>आईसीसी इंटरनेशनल पैनल ऑफ़ मैच रेफ़री में नियुक्ति के बाद यह लक्ष्मी की इस साल दूसरी महत्वपूर्ण उपलब्धि है.</p><p>51 वर्षीय लक्ष्मी 2008-09 के घरेलू महिला क्रिकेट में पहली बार मैच रेफ़री बनी थीं.</p><p>अब तक लक्ष्मी महिलाओं के तीन अंतरराष्ट्रीय वनडे मैचों, महिलाओं के सात टी20 इंटरनेशनल और पुरुषों के सोलह टी20 इंटरनेशनल में बतौर मैच रेफ़री उतर चुकी हैं.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/sport-50511028?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">पिंक बॉल और डे-नाइट टेस्ट मैच से क्या-क्या होगा?</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/sport-50664243?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">विराट कोहली बने टेस्ट के नंबर वन बल्लेबाज़</a></li> </ul><figure> <img alt="जीएस लक्ष्मी, महिला क्रिकेट" src="https://c.files.bbci.co.uk/7EEB/production/_110019423_7c8949f2-7be8-444b-a99d-1b5d342f4c96.jpg" height="549" width="976" /> <footer>ICC</footer> <figcaption>महिला टी20 और वनडे के साथ साथ पुरुषों के अंतरराष्ट्रीय टी20 मुक़ाबले में मैच रेफ़री रह चुकी हैं लक्ष्मी</figcaption> </figure><h3>क्रिकेट में कैसे आईं लक्ष्मी?</h3><p>आईसीसी के साथ एक इंटरव्यू में जीएस लक्ष्मी ने कहा कि उन्होंने कभी क्रिकेटर बनने के बारे में नहीं सोचा था.</p><p>उन्होंने कहा, &quot;अपनी पढ़ाई के ज़रिए मैं कॉलेज में एडमिशन पाने में असफल रही थी. तब प्रिंसिपल ने मुझसे पूछा कि क्या तुम्हारे पास कोई अन्य प्रतिभा है. मैं अपने भाइयों के साथ क्रिकेट खेल रखी थी. मेरे इस कौशल को देखा गया. मुझमें गेंदबाज़ी की प्रतिभा थी. इसकी बदौलत मुझे कॉलेज में एडमिशन मिल गया.&quot;</p><p>18 सालों तक घरेलू क्रिकेट खेली लक्ष्मी ने बताया कि इसके बाद वो क्रिकेट की कोचिंग देने लगीं. फिर राज्य स्तरीय टीम की सेलेक्टर बनीं.</p><p>इस दौरान बीसीसीआई महिलाओं को मैच अधिकारी के रूप में क्रिकेट से जोड़ने का नया प्रावधान लेकर आई.</p><p>लक्ष्मी उन पांच सदस्यों में से थी जिन्हें बीसीसीआई की तरफ से चयन किया गया.</p><p>लक्ष्मी ने कहा, &quot;बतौर मैच रेफ़री चुना जाना मेरे लिए बहुत बड़ा सम्मान है. भारत में एक क्रिकेटर और मैच रेफ़री के रूप में मेरा लंबा करियर रहा है. उम्मीद है कि मैं एक खिलाड़ी और मैच अधिकारी के रूप में अपने अनुभव का यहां अच्छा उपयोग करूंगी.&quot;</p><figure> <img alt="ICC WOMEN MATCH REFEREE" src="https://c.files.bbci.co.uk/11743/production/_110019417_f26dad6b-231f-4f18-ac72-efcbed25b5ba.jpg" height="549" width="976" /> <footer>ICC</footer> </figure><h3>मैच रेफ़री बनने का सफ़र</h3><p>आंध्र प्रदेश में जन्मीं लक्ष्मी बिहार के जमशेदपुर में बड़ी हुईं. वहां उनके पिता कार्यरत थे. </p><p>बतौर तेज़ गेंदबाज़ वे रेलवे के लिए खेलीं. गेंदबाज़ी में आउट स्विंग पर उनकी अच्छी पकड़ थी.</p><p>1999 में इंग्लैंड के दौरे पर भारतीय टीम की सदस्य भी रह चुकी हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के लिए उन्हें खेलने का मौका कभी नहीं मिला.</p><p>2004 में क्रिकेट से रिटायर होने के बाद लक्ष्मी ने क्रिकेट में कोचिंग देना शुरू किया.</p><p>लक्ष्मी 10 वर्षों तक साउथ सेंट्रल रेलवे की कोच रहीं.</p><p>इसी दौरान 2008 में बीसीसीआई ने घरेलू महिला क्रिकेट में महिला रेफ़री को उतारने की शुरुआत की.</p><p>पूर्व महिला क्रिकेटरों रजनी वेणुगोपाल, राजेश नय्यर, निलिमा जोगलेकर और गार्गी बनर्जी के साथ बतौर रेफ़री लक्ष्मी के करियर को यहीं से उड़ान मिली.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम </a><strong>और </strong><a href="https://www.youtube.com/user/bbchindi">यूट्यूब</a><strong>पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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