36.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

हॉन्ग कॉन्ग: जंग का मैदान बनी यूनिवर्सिटी से भाग रहे प्रदर्शनकारी गिरफ़्तार

<figure> <img alt="प्रदर्शनकारी" src="https://c.files.bbci.co.uk/E6C0/production/_109727095_bd008d84-7f05-4cdc-8fe9-f23dfbad5639.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>हॉन्ग कॉन्ग में एक यूनिवर्सिटी कैंपस को घेर लिए जाने के बाद भागने की कोशिश कर रहे कई प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ़्तार किया है.</p><p>लगभग 100 लोगों के एक समूह ने पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी से भागने की कोशिश की मगर पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आँसू […]

<figure> <img alt="प्रदर्शनकारी" src="https://c.files.bbci.co.uk/E6C0/production/_109727095_bd008d84-7f05-4cdc-8fe9-f23dfbad5639.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>हॉन्ग कॉन्ग में एक यूनिवर्सिटी कैंपस को घेर लिए जाने के बाद भागने की कोशिश कर रहे कई प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ़्तार किया है.</p><p>लगभग 100 लोगों के एक समूह ने पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी से भागने की कोशिश की मगर पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आँसू गैस और रबर की गोलियां इस्तेमाल कीं.</p><p>रातभर पुलिस के साथ बने रहे हिंसक गतिरोध के बाद यह तीसरा मौक़ा था जब प्रदर्शनकारी भागने की कोशिश कर रहे थे.</p><p>हॉन्ग कॉन्ग में लंबे समय से चल रहे प्रदर्शनों के हिंसक होने के बाद पिछले हफ़्ते पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी भी जंग के मैदान में तब्दील हो गई थी.</p><p>प्रदर्शनों के बीच हॉन्ग कॉन्ग की एक अदालत ने आदेश दिया है कि सरकार का नया मास्क-रोधी क़ानून असंवैधानिक है.</p><p>अक्तूबर में सरकार ने औपनिवेशिक दौर के एक आपातकालीन क़ानून को लागू करते हुए मास्क पहनने को गै़र-क़ानूनी घोषित कर दिया था मगर प्रदर्शनकारी इसका लगातार उल्लंघन कर रहे थे.</p><figure> <img alt="प्रदर्शनकारी" src="https://c.files.bbci.co.uk/1286A/production/_109728857_ad71f37c-20e4-40a7-beb6-f3c325b5cff4.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Reuters</footer> <figcaption>कैंपस से निकले प्रदर्शनकारियों को गिरफ़्तार किया गया है.</figcaption> </figure><h1>अब क्या हो रहा है</h1><p>स्थानीय समय के अनुसार सोमवार को दोपहर क़रीब दो बजे लगभग 100 प्रदर्शनकारियों ने कैंपस से भागने की कोशिश की मगर पुलिस ने उन्हें रोक लिया.</p><p>इससे पहले पुलिस अधिकारियों ने कहा था कि प्रदर्शनकारी पुल वाले एक दूसरे रास्ते से बाहर निकल सकते हैं मगर इसके लिए उन्हें अपने हथियार डालने होंगे और गैस मास्क हटाने होंगे.</p><p>मगर कैंपस में मौजूद लोकतंत्र समर्थक सांसद टेड ह्यूई ने कहा कि ‘पुल को सील कर दिया गया था’ और वहां से बाहर निकलना संभव नहीं था.</p><p>इससे पहले ह्यूई ने कहा था कि मौक़े पर 1000 प्रदर्शनकारी मौजूद हैं.</p><p><a href="https://twitter.com/robindbrant/status/1196304576065888256">https://twitter.com/robindbrant/status/1196304576065888256</a></p><p>प्रदर्शनकारियों ने सुबह पौ फटते ही कैंपस से भागने की कोशिश की थी मगर पुलिस ने आँसू गैस और रबर की गोलियों से उन्हें रोक दिया था.</p><p>पुलिस का कहना है आँसू गैस इसलिए इस्तेमाल करनी पड़ी क्योंकि &quot;मास्क पहनकर आए दंगाइयों के एक बड़े समूह ने अचानक उनपर धावा बोल दिया था.&quot;</p><p>इससे पहले सुबह साढ़े पाँच बजे के क़रीब जब पुलिस ने कैंपस में घुसने की कोशिश की तो प्रदर्शनकारियों ने पेट्रोल बम फेंके और आग जलाई.</p><p>लोकतंत्र समर्थक सांसद ह्यूई का कहना है कि कैंपस में कई लोग ज़ख़्मी हैं. सहायता समूह रेड क्रॉस से जुड़े लोग बाद में वहां जाते नज़र आए.</p><p>पॉलिटेक्निक यूनविर्सिटी की स्टूडेंट यूनियन के कार्यकारी अध्यक्ष केन वू ने कहा कि ताज़ा पानी तो अंदर उपलब्ध है मगर खाने-पीने की चीज़ों की कमी हो गई है.</p><p>इससे पहले यूनिवर्सिटी के प्रमुख, प्रोफ़ेसर जिन-ग्वांग तेंग ने एक वीडियो संदेश जारी करके प्रदर्शनकारियों से कहा कि उन्होंने पुलिस के साथ एक समझौता किया है.</p><p>उन्होंने कहा कि &quot;अगर प्रदर्शनकारी शांति से निकल जाते हैं तो वह ख़ुद उनके साथ पुलिस स्टेशन जाएंगे और सुनिश्चित करेंगे कि उनके मामले को निष्पक्षता से देखा जाए.&quot;</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-49952575?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">हॉन्ग कॉन्ग में हुआ सरकार विरोधी प्रदर्शन </a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-49342922?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">हॉन्ग कॉन्ग: क्या चीन अपनी सेना भेज सकता है?</a></li> </ul><figure> <img alt="छात्र" src="https://c.files.bbci.co.uk/13594/production/_109725297_hk1.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h1>रात को क्या हुआ</h1><p>कई दिनों से प्रदर्शनकारी पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी में जमे हुए हैं. रविवार रात को पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को चेताया कि बाहर निकलने के लिए उनके पास स्थानीय समय के अनुसार रात 10 बजे तक का समय है.</p><p>इसके बाद कुछ लोग बाहर निकल आए मगर बाक़ी रुके रहे और उन्होंने पुलिस पर पेट्रोल बम और ईंटें फेंकीं. कुछ ने धनुष से तीर भी चलाए.</p><p>पुलिस ने चेताया कि अगर हमले जारी रहे तो वे हथियार इस्तेमाल कर सकते हैं.</p><p>मौक़े पर मौजूद रहे बीबीसी के गैब्रियल गेटहाउस ने कहा कि पुलिस के साथ &quot;चूहे-बिल्ली का खेल&quot; चलता रहा.</p><p>&quot;पुलिस ने आँसू गैस छोड़ी और आगे बढ़ते हुए वॉटर कैनन से जलन पैदा करने वाला नीले रंग का तरल फेंका.&quot;</p><p>&quot;प्रदर्शनकारी छाते के पीछे छिपे रहे और बदले में उन्होंने पेट्रोल बमों और पत्थरों से जवाब दिया जिससे पुलिस को फिर पीछे हटना पड़ा.&quot;</p><p>रविवार को यूनिवर्सिटी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वहां &quot;बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ हुई है.&quot;</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-50064979?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">चीन की चेतावनी के बाद अमरीका का एक और दांव</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/48834790?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">हॉन्ग कॉन्ग की संसद में घुसे प्रदर्शनकारी, की तोड़फोड़</a></li> </ul><figure> <img alt="आंसू गैस के गोले छोड़ती पुलिस" src="https://c.files.bbci.co.uk/11F5A/production/_109726537_hk3.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> <figcaption>आंसू गैस के गोले छोड़ती पुलिस</figcaption> </figure><h1>अंदर बचे प्रदर्शनकारी कौन हैं</h1><p>मीडिया के साथ इंटरव्यू में बाहर आए कई लोगों ने ख़ुद को यूनिवर्सिटी का छात्र बताया.</p><p>मगर अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया कि कैंपस से बाहर निकलने वालों में आख़िर कितने वहां के वास्तविक छात्र हैं.</p><p>इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रों और अन्य लोगों से साथ देने की अपील की थी.</p><h3>कैसे पैदा हुए ये हालात</h3><p>जिस दौरान शुरुआती प्रदर्शन हो रहे थे, कैंपसों में बिल्कुल भी हिंसा नहीं हुई थी. मगर पिछले हफ़्ते चाइनीज़ यूनिवर्सिटी ऑफ़ हॉन्ग कॉन्ग एक तरह से जंग के मैदान में बदल गई थी.</p><p>पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने यूनिवर्सिटी के पास एक अहम सड़क को बाधित करने के लिए पेट्रोल बमों से हमला किया. और फिर अधिकारियों ने जब सड़क को बहाल करने की कोशिश की तो उस दौरान झड़प हो गई.</p><figure> <img alt="प्रदर्शनकारी" src="https://c.files.bbci.co.uk/127E8/production/_109725757_hi058072428.jpg" height="549" width="976" /> <footer>AFP</footer> </figure><p>इसके बाद छात्रों की सभी कक्षाएं यूनिवर्सिटी ने रद्द कर दी. कुछ दिन बाद पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी के प्रदर्शनकारियों ने भी पास की एक सुरंग को बंद करने की कोशिश की. </p><p>एक छात्र ने एनबीसी न्यूज़ को बताया था, &quot;अगर हम ऐसा करके ट्रैफ़िक रोक देते तो लोग काम पर नहीं जा पाते और इसका असर इकॉनमी पर पड़ता.&quot;</p><p>सोमवार को शहर के अस्पताल प्रशासन ने कहा कि पूरे हॉन्ग कॉन्ग में 18-64 साल की उम्र के 24 लोग घायल हुए हैं जिनमें से चार गंभीर रूप से घायल हैं.</p><p>रविवार को 22 से 57 साल की उम्र के 13 लोग घायल हुए थे जिनमें से एक की स्थिति गंभीर थी.</p><p>यूनिवर्सिटी में कितने लोग घायल हुए हैं, इसकी जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-49909916?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कम्युनिस्ट चीन ने पूंजीवाद को भी कैसे साध लिया</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-48841018?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">हॉन्गकॉन्ग में प्रदर्शन पर चीन आग बबूला</a></li> </ul><figure> <img alt="कैंपस से निकली प्रदर्शनकारी को हिरासत में लेती पुलिस" src="https://c.files.bbci.co.uk/B6A0/production/_109725764_hi058074771.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Reuters</footer> <figcaption>कैंपस से निकली प्रदर्शनकारी को हिरासत में लेती पुलिस</figcaption> </figure><h1>क्यों हो रहे हैं प्रदर्शन</h1><p>हॉन्ग कॉन्ग 1997 तक ब्रितानी उपनिवेश था. अब यह &quot;एक देश-दो प्रणालियां&quot; वाले मॉडल के तहत चीन का हिस्सा है. </p><p>इस मॉडल के तहत हॉन्ग कॉन्ग के लोगों को काफ़ी स्वायत्तता और स्वतंत्रता मिलती है जितनी चीन में नहीं है.</p><p>इस साल जून में उस समय प्रदर्शन शुरू हुए थे जब हॉन्ग कॉन्ग सरकार ने एक ऐसा विधेयक पेश किया था जिसके क़ानून बन जाने पर संदिग्धों को चीन प्रत्यर्पित किया जा सकता था.</p><p>कई लोगों ने आशंका जताई थी कि इससे शहर के लोगों की स्वाधीनता और न्यायिक स्वतंत्रता कम हो जाएगी.</p><p>इस विधेयक को विरोध के बाद वापस ले लिया गया था मगर प्रदर्शन जारी रहे. अब पुलिस की क्रूरता और शासन चलाने के चीनी तौर-तरीक़ों के विरोध में व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम </a><strong>और </strong><a href="https://www.youtube.com/user/bbchindi">यूट्यूब</a><strong>पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें