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Thursday, March 28, 2024

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ईरान ने कहा भारत अपनी रीढ़ और मज़बूत करे: पांच बड़ी ख़बरें

<figure> <img alt="javad zarif, जावेद ज़ारिफ़" src="https://c.files.bbci.co.uk/11353/production/_109738407_fd9f08ce-9330-4cf2-98c0-af70100259d1.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> <figcaption>ईरान के विदेश मंत्री जावेद ज़ारिफ़</figcaption> </figure><p>ईरान के विदेश मंत्री जावेद ज़ारिफ़ ने कहा है कि अगर संपूर्णता में चीज़ों को देखें तो इस्लामिक गणतांत्रिक सभ्यता ईरान और भारत के संबंध टूट नहीं सकते.</p><p>हालांकि <a href="https://www.telegraphindia.com/amp/world/iran-minister-says-us-bullied-india-into-accepting-sanctions-but-age-old-ties-will-survive/cid/1720154">जावेद ज़ारिफ़</a> ने कहा कि भारत को अपनी […]

<figure> <img alt="javad zarif, जावेद ज़ारिफ़" src="https://c.files.bbci.co.uk/11353/production/_109738407_fd9f08ce-9330-4cf2-98c0-af70100259d1.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> <figcaption>ईरान के विदेश मंत्री जावेद ज़ारिफ़</figcaption> </figure><p>ईरान के विदेश मंत्री जावेद ज़ारिफ़ ने कहा है कि अगर संपूर्णता में चीज़ों को देखें तो इस्लामिक गणतांत्रिक सभ्यता ईरान और भारत के संबंध टूट नहीं सकते.</p><p>हालांकि <a href="https://www.telegraphindia.com/amp/world/iran-minister-says-us-bullied-india-into-accepting-sanctions-but-age-old-ties-will-survive/cid/1720154">जावेद ज़ारिफ़</a> ने कहा कि भारत को अपनी रीढ़ और मज़बूत करनी चाहिए ताकि हमारे ऊपर प्रतिबंधों को लेकर अमरीका के दबाव के सामने झुकने से इनकार कर सके.</p><p>ज़ारिफ़ ने भारत और ईरान के बीच सूफ़ी परंपरा के रिश्तों का भी ज़िक्र किया. ईरानी विदेश मंत्री तेहारन में पत्रकारों से बातचीत में ये बातें कह रहे थे. उन्होंने कहा कि अमरीकी प्रतिबंधों से पहले उन्हें उम्मीद थी कि भारत ईरान का सबसे बड़ा तेल ख़रीदार देश बनेगा. उन्होंने कहा कि अमरीकी दबाव के सामने भारत को और प्रतिरोध दिखाना चाहिए.</p><p>ज़ारिफ़ ने कहा, ”ईरान इस बात को समझता है कि भारत हम पर प्रतिंबध नहीं चाहता है लेकिन इसी तरह वो अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप को भी नाराज़ नहीं करना चाहता है. लोग चाहते कुछ और हैं और करना कुछ और पड़ रहा है. यह एक वैश्विक रणनीतिक ग़लती है और इसे दुनिया भर के देश कर रहे हैं. आप ग़लत चीज़ों को जिस हद तक स्वीकार करेंगे और इसका अंत नहीं होगा और इसी ओर बढ़ने पर मजबूर होते रहेंगे. भारत पहले से ही अमरीका के दबाव में ईरान से तेल नहीं ख़रीद रहा है.&quot;</p><p>जावेद ज़ारिफ़ ने ये बातें भारतीय महिला पत्रकारों के एक दल से कही.</p><p>पिछले साल ट्रंप ईरान के साथ हुए अंतरराष्ट्रीय परमाणु समझौते से बाहर निकल गए थे. ट्रंप का कहना था कि ईरान परमाणु समझौते की आड़ में अपना परमाणु कार्यक्रम चला रहा है. इसी समझौते के तहत ईरान से 2015 में अमरीकी प्रतिबंध हटा था लेकिन ट्रंप ने फिर से इन प्रतिबंधों को लागू कर दिया था. अमरीकी प्रतिबंधों के कारण ईरान की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से ठहर गई है. भारत ने भी इन्हीं प्रतिबंधों के कारण ईरान से तेल ख़रीदना बंद कर दिया.</p><p>जावेद ज़ारिफ़ ने कहा, &quot;अगर आप हमसे तेल नहीं ख़रीदेंगे तो ईरान आपका चावल नहीं ख़रीदेगा.&quot;</p><p>ईरान ने भारत को ये सुविधा दे रखी दी थी कि तेल का भुगतान अपनी मुद्रा रुपया में करे. यह भारत के लिए फ़ायदेमंद था क्योंकि इससे रुपये की मज़बूती भी बनी रहती थी और विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव भी नहीं बढ़ता था. ज़ारिफ़ ने चाबहार पोर्ट के निर्माण में धीमी गति के लिेए भी भारत से निराशा ज़ाहिर की.</p><p>ज़ारिफ़ ने कहा, &quot;चाबहार भारत और ईरान के लिए काफ़ी अहम है. चाबहार से क्षेत्रीय स्थिरता प्रभावित होगी. अफ़ग़ानिस्तान में स्थिरता आएगी और इसका मतलब है कि आतंकवाद पर नकेल कसा जा सकता है.&quot;</p><p>ज़ारिफ़ ने कहा कि अमरीकी प्रतिबंधों के कारण ईरान की आठ करोड़ आबादी भुगत रही है. 1979 में इस्लामिक क्रांति के बाद से ईरान लगातार अमरीकी प्रतिबंध झेल रहा है. इस क्रांति से ईरान में पश्चिम समर्थित शासक शाह मोहम्मद रज़ा पहलवी के शासन का अंत हो गया था.</p><figure> <img alt="नरेंद्र मोदी" src="https://c.files.bbci.co.uk/1079B/production/_109738476_61288a6b-5f94-437d-9947-dcc31b00b55d.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h3>पीएम नरेंद्र मोदी ने एनसीपी की तारीफ़ की</h3><p>प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसे वक्त में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की तारीफ़ की है जब महाराष्ट्र में शरद पवार की पार्टी (एनसीपी) बीजेपी की पूर्व सहयोगी शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने की कोशिश में लगी है.</p><p>संसद का शीतकालीन सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन के अंत में जो कुछ कहा उससे सियासी गलियारे में हलचल मच गई.</p><p><a href="https://twitter.com/narendramodi/status/1196349440610582528">https://twitter.com/narendramodi/status/1196349440610582528</a></p><p>प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के अंत में शरद पवार की पार्टी की तारीफ़ की. उन्होंने कहा, &quot;हमें सदन में रुकावटों की बजाय संवाद का रास्ता चुनना चाहिए, एनसीपी-बीजेडी की विशेषता है कि दोनों ने तय किया है कि वो लोग सदन के वेल में नहीं जाएंगे.&quot;</p><figure> <img alt="राहुल गांधी" src="https://c.files.bbci.co.uk/16173/production/_109738409_2b4bb7ef-23be-497b-b641-4479dc72b0fa.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h3>न्यू इंडिया में रिश्वत और अवैध कमीशन का नाम है इलेक्टोरल बॉन्डः राहुल गांधी</h3><p>कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर केंद्र सरकार पर ताज़ा हमला किया है. उन्होंने एक ट्वीट कर लिखा, &quot;नए भारत में रिश्वत और अवैध कमीशन को चुनावी बॉन्ड कहते हैं.&quot;</p><p><a href="https://twitter.com/RahulGandhi/status/1196448516475764736">https://twitter.com/RahulGandhi/status/1196448516475764736</a></p><p>राहुल गांधी ने अपने ट्वीट के साथ हफिंग्टन पोस्ट की उस ख़बर को शेयर किया जिसमें यह लिखा गया है कि आरबीआई ने इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर असहमति जताते हुए सवाल उठाए थे.</p><p>इससे पहले कांग्रेस ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया था कि आरबीआई को दरकिनार करते हुए इलेक्टोरल बॉन्ड पेश किए, ताकि काले धन को बीजेपी के कोष में लाया जा सके. कांग्रेस ने योजना को तुरंत समाप्त करने की मांग भी की.</p><p>वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी कहा था कि, रिजर्व बैंक को दरकिनार करते हुए चुनावी बॉन्ड लाया गया ताकि कालाधन बीजेपी के पास पहुंच सके.</p><p><a href="https://twitter.com/priyankagandhi/status/1196370871746617344">https://twitter.com/priyankagandhi/status/1196370871746617344</a></p><p>ट्वीट के जरिए प्रियंका ने लिखा, &quot;आरबीआई को दरकिनार करते हुए और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को ख़ारिज करते हुए चुनावी बॉन्ड को मंजूरी दी गई ताकि बीजेपी के पास कालाधन पहुंच सके. ऐसा लगता है कि बीजेपी को कालाधान ख़त्म करने के नाम पर चुना गया था, लेकिन यह उसी से अपना जेब भरने में लग गई. यह देश की जनता के साथ निंदनीय धोखा है.&quot;</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-47161303?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">राहुल गांधी में आख़िर नई धार कहां से आई </a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-50106703?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">मोदी को नहीं है अर्थशास्त्र की समझ: राहुल गांधी</a></li> </ul><figure> <img alt="वोडाफ़ोन-आइडिया" src="https://c.files.bbci.co.uk/2CDB/production/_109738411_1c8efdb4-3820-4fdf-ae54-d915a7ee49f1.jpg" height="549" width="976" /> <footer>PTI</footer> </figure><h3>वोडाफ़ोन-आइडिया, एयरटेल के टैरिफ होंगे महंगे</h3><p>देश की दो बड़ी टेलीकॉम कंपनियां वोडाफ़ोन-आइडिया और एयरटेल ने अपने टैरिफ प्लान की कीमतें बढ़ाने की घोषणा की है.</p><p>सोमवार को पहले वोडाफ़ोन-आइडिया ने अपने टैरिफ प्लान की कीमतें बढ़ाने की घोषणा की उसके कुछ घंटे बाद ही एयरटेल ने भी बताया कि उसके टैरिफ प्लान 1 दिसंबर से महंगे होंगे.</p><p>कुछ दिन पहले ही आई दूसरी तिमाई की रिपोर्ट में वोडाफ़ोन-इंडिया को रिकॉर्ड 74,000 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. साथ ही एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) के मामले में हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के हक़ में फ़ैसला दिया है.</p><p>जिसका मतलब ये है कि टेलीकॉम सेक्टर की कंपनियों को एडीआर का 83,000 करोड़ रुपये सरकार को भुगतान करना पड़ेगा. इसमें अकेले वोडाफ़ोन इंडिया का हिस्सा 40,000 करोड़ रुपये का है.</p><p>लिहाजा पहले से घाटे में चल रही इन कंपनियों पर और अधिक आर्थिक बोझ पड़ गया. भारत पहले ही डेटा के मामले में दुनिया का सबसे सस्ता देश है लिहाजा यह माना जा रहा है कि टैरिफ प्लान बढ़ाने की एलान इन कंपनियों को हो रहे घाटे को कम करने की दिशा में उठाया गया कदम है.</p><figure> <img alt="फ़ुटबॉल" src="https://c.files.bbci.co.uk/A20B/production/_109738414_27be15ec-62aa-4ddf-be4a-47bad0fefaa9.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h3>फ़ीफ़ा वर्ल्ड कपः भारत के पास क्वालिफ़ाई करने का आख़िरी मौका</h3><p>भारतीय फ़ुटबॉल टीम के पास मंगलवार को फ़ीफ़ा वर्ल्ड कप में क्वालिफाई करने का आख़िरी मौका है.</p><p>इसके लिए उसे मस्कट में अपने से कहीं ऊंची रैंकिंग वाले ओमान के ख़िलाफ़ जीत दर्ज करनी होगी.</p><p>सितंबर में खेले गए पहले चरण के मैच में ओमान ने दो गोल से हरा दिया था. भारतीय टीम जीत जाती है तो वर्ल्ड कप में क्वालिफाई करने की उसकी उम्मीदें जीवंत रहेगी.</p><p>इस मैच को हारने की स्थिति में भारत 2022 क्वालिफिकेशन की दौड़ से बाहर हो जाएगी. यह मैच हारने से भारत ओमान से 9 अंक पीछे हो जाएगा.</p><p>इसके बाद भारत को अभी तीन मैच और खेलने हैं. अगर भारत ये तीनों मैच जीत भी जाता है तो उसे अधिकतम 9 अंक ही मिलेंगे</p><p>भारत फिलहाल ग्रुप ई में तीन अंकों के साथ चौथे स्थान पर है जबकि ओमान 9 अंक के साथ दूसरे और क़तर 10 अंक के साथ टॉप पर है.</p><p>आठों ग्रुप विजेता और उपविजेता को वर्ल्ड कप क्वालिफिकेशन के तीसरे दौर में जगह मिलनी है लिहाजा अगर 2022 वर्ल्ड कप में खेलने की उम्मीद बरकरार रखनी है तो भारत को ओमान के ख़िलाफ़ जीत दर्ज करनी ही होगी.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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