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अयोध्या: केंद्र के बनाए ट्रस्ट में क्या होगी वीएचपी की भूमिका?- ग्राउंड रिपोर्ट

<figure> <img alt="अयोध्या" src="https://c.files.bbci.co.uk/16636/production/_109620719_capture.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> <figcaption>विश्व हिन्दू परिषद के नेता और दो बार सांसद रहे रामविलास वेदांती</figcaption> </figure><p>अयोध्या में मंदिर-मस्जिद विवाद पर नौ नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फ़ैसले से विवादित ज़मीन पर राम मंदिर बनाने का रास्ता साफ़ कर दिया है. अब अयोध्या में इसे लेकर काफ़ी हलचल है.</p><p>विश्व हिंदू […]

<figure> <img alt="अयोध्या" src="https://c.files.bbci.co.uk/16636/production/_109620719_capture.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> <figcaption>विश्व हिन्दू परिषद के नेता और दो बार सांसद रहे रामविलास वेदांती</figcaption> </figure><p>अयोध्या में मंदिर-मस्जिद विवाद पर नौ नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फ़ैसले से विवादित ज़मीन पर राम मंदिर बनाने का रास्ता साफ़ कर दिया है. अब अयोध्या में इसे लेकर काफ़ी हलचल है.</p><p>विश्व हिंदू परिषद के नेता और दो बार सांसद रहे रामविलास वेदांती कहते हैं, ”हम लोग जब भगवान राम के जन्मस्थान पर एक भव्य मंदिर बनाएंगे तो अयोध्या की कायापलट हो जाएगी. आप इसके बाद नया अयोध्या देखेंगे. यहां की बुनियादी सुविधाओं में भी तब्दीली आएगी.” </p><p>राम भक्त और पुजारी छबील शरण कहते हैं कि उनसे अब इंतज़ार नहीं हो रहा. उन्हें लगता है कि जल्द ही राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो जाए. शरण को लगता है कि राम मंदिर बनने के बाद अयोध्या दुनिया का स्वर्ग होगा. </p><p>सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद अयोध्या में लोगों की उम्मीदें बढ़ गई हैं. पुजारियों से लेकर आम लोगों में भी उम्मीद बढ़ी है. भगवा वस्त्र धारण किए एक राम भक्त ने कहा, ”मैं चाहता हूं कि अयोध्या भारत का सांस्कृतिक केंद्र बने और यहां हिंदुत्व से जुड़ी चीज़ें पढ़ाई जाएं.” </p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-50334247?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">अयोध्या मामला: क्या पुरातात्विक सर्वेक्षण में मंदिर के अवशेष मिले थे?</a></p><figure> <img alt="अयोध्या" src="https://c.files.bbci.co.uk/11816/production/_109620717_ram.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>वेदांती भी कहते हैं कि अगर आप अयोध्या के खंडहरों को देखें तो यहां के समृद्ध अतीत का अहसास होता है. वेदांती चाहते हैं कि अतीत का ‘खोया गौरव’ वापस आए. </p><p>कई लोगों को लगता है राम मंदिर के लिए बहुत लंबे वक़्त तक इंतज़ार करना पड़ा. छबील शरण बच्चों की तरह बेसब्र दिखे. उन्होंने कहा कि वो मंदिर के लिए काम करना चाहते हैं. </p><p>वो कहते हैं, ”हमने 25 सालों तक इंतज़ार किया. मंदिर आंदोलन जुड़े कई लोग अब इस दुनिया में नहीं रहे. सौभाग्यवश हमलोग ज़िंदा हैं और आख़िरकार हमारा सपना पूरा हुआ.” </p><p>विश्व हिंदू परिषद यानी वीएचपी ने राम मंदिर को लेकर आंदोलन 1984 में शुरू किया था. यह आंदोलन बाबरी मस्जिद की जगह राम मंदिर बनाने को लेकर था. इस आंदोलन में शामिल लोगों का तर्क था कि बाबरी मस्जिद राम के जन्मस्थान पर प्राचीन मंदिर तोड़कर बनाई गई थी. </p><p>इस मंदिर आंदोलन में तब और तेज़ी आई जब बीजेपी भी शामिल हो गई. आंदोलन का नेतृत्व बीजेपी के तत्कालीन प्रमुख लालकृष्ण आडवाणी ने अपने हाथों में ले लिया था और आख़िरकार 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद तोड़ दी गई थी. </p><figure> <img alt="अयोध्या" src="https://c.files.bbci.co.uk/319E/production/_109620721_ayo.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> <figcaption>छबील शरण</figcaption> </figure><p>वीएचपी ने मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों को तराशने की प्रक्रिया बहुत पहले ही शुरू कर दी थी. वीएचपी के प्रवक्ता शरद शर्मा कहते हैं, ”जब हमने 1990 के सितंबर महीने से मंदिर निर्माण का काम शुरू किया तो हमें पता था कि एक न एक दिन हमें इसका फल मिलेगा.”</p><p>पिछले 29 सालों से मंदिर की सामग्री तैयार करने का काम चल रहा था. वीएचपी के चंपत राय कहते हैं कि सामग्री तैयार करने काम 60 फ़ीसदी पूरा हो गया है. </p><p>इनके पास मंदिर का नमूना भी है. मंदिर का आकार कैसा होगा, इसका पूरा खाका इनके पास है. मंदिर का यह काम अयोध्या में जहां चल रहा है उसे वीएचपी कारसेवकपुरम कहती है. </p><p>इसकी निगरानी राम जन्मभूमि न्यास कर रहा है, जो वीएचपी का ही एक ट्रस्ट है. पूर्व सांसद रामविलास वेदांती कहते हैं कि मंदिर के प्रस्तावित नमूने के हिसाब से राम मंदिर बनेगा या नहीं, इसे लेकर वो कुछ ठोस नहीं कह सकते क्योंकि नया मंदिर और विशाल बनेगा. </p><p>ऐसा माना जा रहा है कि नया मंदिर 67 एकड़ में बनेगा और पूरी ज़मीन सरकार के पास है. 2.77 एकड़ की विवादित ज़मीन, जिसमें बाबरी मस्जिद थी, वो भी इसी में शामिल हो जाएगी. हालांकि वेदांती कहते हैं कि मंदिर 200 एकड़ में बनेगा. इसक मतलब है कि और ज़मीन की ज़रूरत होगी. </p><figure> <img alt="अयोध्या" src="https://c.files.bbci.co.uk/7FBE/production/_109620723_ramone.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है मंदिर निर्माण के तीन महीने के भीतर एक ट्रस्ट बनाए. तो क्या ट्रस्ट बनने के बाद राम जन्मभूमि न्यास की भूमिका ख़त्म हो जाएगी? </p><p>शरद शर्मा कहते हैं कि केंद्र सरकार उनके काम की उपेक्षा नहीं कर सकती है. वो कहते हैं, ”हम मंदिर आंदोलन के अग्रदूत रहे हैं. हम वर्षों से मंदिर निर्माण में लगे हुए हैं. मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि प्रधानमंत्री मोदी हमसे सलाह लेंगे और सभी संबंधित पार्टियों को तवज्जो देंगे.”</p><p>वेदांती न्यास में बड़ी हैसियत रखते हैं. वो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से प्रस्तावित मंदिर पर जल्द ही बातचीत शुरू करने वाले हैं. </p><p>वो कहते हैं, ”सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जो ट्रस्ट बनेगा वो कैसा होगा, इसे लेकर कुछ भी पता नहीं है. लेकिन हम इस चीज़ को लेकर आश्वस्त हैं कि ट्रस्ट के हिस्सा हम भी होंगे. योगी जी ने फ़ोन किया था और कहा कि वो अयोध्या में मिलना चाहते हैं.’ मैं उनसे मिलूंगा.” </p><p>वर्षों से मंदिर आंदोलन को क़रीब से देखने वाले स्थानीय पत्रकार महेंद्र त्रिपाठी कहते हैं, ”इस बात की पूरी आशंका है कि ट्रस्ट का हिस्सा बनने के लिए हिंदूवादी संगठनों के बीच आपसी टकराव होगा. जो इस फ़ैसले का लंबे समय से इंतज़ार कर रहे थे वो मांग करेंगे कि उन्हें भी ट्रस्ट में शामिल किया जाए.” </p><figure> <img alt="अयोध्या" src="https://c.files.bbci.co.uk/CDDE/production/_109620725_sharadshrama.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> <figcaption>वीएचपी नेता शरद शर्मा</figcaption> </figure><p>सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से निर्मोही अखाड़ा पूरे परिदृश्य से बाहर हो गया है. निर्मोही अखाड़ा भी बाबरी मस्जिद की ज़मीन पर दावा करता था. निर्मोही अखाड़ा के पुजारी इससे परेशान हैं और वो आपसी बातचीत में इसे कोसते भी हैं. त्रिपाठी कहते हैं कि निर्मोही अखाड़ा के लोग भी इस ट्रस्ट का हिस्सा बनना चाहते हैं. </p><p>अखाड़ा के प्रमुख पुजारी महंत दिनेंद्र दास कहते हैं, ”हमने भी राम मंदिर के लिए वर्षों से लड़ाई लड़ी है. हम अदालत के फ़ैसले से ख़ुश हैं लेकिन हम लोग मुख्य पुजारियों से बात करने के बाद ही कुछ कहेंगे.” </p><p>हालांकि इस फ़ैसले के बाद कारसेवकपुरम में गुलज़ार है. भारत के कई हिस्सों से श्रद्धालु आ रहे हैं और श्रद्धा जता रहे हैं. यहां हर मत से जुड़े पुजारियों को देखा जा सकता है. </p><figure> <img alt="अयोध्या" src="https://c.files.bbci.co.uk/12B9E/production/_109620767_ram3.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>महंत रामचंद्र दास का मानना है कि हिंदुओं के सभी खेमों को इस ट्रस्ट में शामिल किया जाना चाहिए. वीएचपी के शरद शर्मा भी कहते हैं कि निर्मोही अखाड़ा मंदिर आंदोलन का हिस्सा रहा है और उसे भी कोई भूमिका मिलनी चाहिए. </p><p>अदालत ने मुस्लिम पक्ष को मस्जिद के लिए अलग से ज़मीन देने का निर्देश दिया है. स्थानीय मुसलमान चाहते हैं कि ज़मीन बाबरी मस्जिद के आसपास ही मिले. </p><p>स्थानीय हिंदुओं का कहना है कि यह राज्य सरकार की ज़िम्मेदारी है कि वो मस्जिद के लिए ज़मीन कहां देती है. लेकिन जितने भी पुजारियों से मैंने बात की सबने यही कहा कि सरकार को अयोध्या में मस्जिद के लिए ज़मीन नहीं देनी चाहिए क्योंकि यह हिंदुओं का पवित्र स्थल है. हालांकि शहर की भीतरी इलाक़ों में मस्जिदें हैं. मुसलमान चाहते हैं कि नई मस्जिद शहर के बाहर नहीं बने.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम </a><strong>और </strong><a href="https://www.youtube.com/user/bbchindi">यूट्यूब</a><strong>पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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