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विदेशी नागरिक भारतीयों के निशाने पर क्यों

<p>भारत में विदेशी नागरिकों के ख़िलाफ़ और विदेशियों के हाथों होने वाले अपराध तेज़ी से बढ़ रहे हैं.</p><p>नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक़ विदेशी नागरिकों के ख़िलाफ़ होने वाले जुर्म जहां 65 फ़ीसद से ज़्यादा बढ़े हैं, वहीं विदेशी नागिरकों के हाथों होने वाले अपराध साल भर में लगभग दोगुने (91.9%) हो […]

<p>भारत में विदेशी नागरिकों के ख़िलाफ़ और विदेशियों के हाथों होने वाले अपराध तेज़ी से बढ़ रहे हैं.</p><p>नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक़ विदेशी नागरिकों के ख़िलाफ़ होने वाले जुर्म जहां 65 फ़ीसद से ज़्यादा बढ़े हैं, वहीं विदेशी नागिरकों के हाथों होने वाले अपराध साल भर में लगभग दोगुने (91.9%) हो गए हैं.</p><p>केंद्रीय गृह मंत्रालय के भीतर काम करने वाले नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो में साल 2017 तक के क्राइम डाटा को शामिल किया गया है.</p><p>भारत के कुल 29 राज्यों और सात केंद्र शासित प्रदेशों में विदेशी नागरिकों के ख़िलाफ़ होने वाले अपराधों में दिल्ली एक बार फिर बदनाम हुई, जहां साल भर में ऐसे तक़रीबन एक तिहाई से अधिक केस दर्ज किए गए.</p><p>हालांकि विदेशी नागरिकों के ख़िलाफ़ होने वाले जुर्मों में सबसे अधिक मामले चोरी, डकैती और मानव तस्करी के होते हैं लेकिन जिन मामलों में दिल्ली और ख़ासकर भारत की सबसे अधिक बदनामी होती है, वो बलात्कार और हत्या से संबंधित हैं.</p><p>इनको लेकर कई बार कई यूरोपीय और एशियाई देशों ने अपने नागरिकों को भारत न जाने या वहां जाने पर सचेत रहने की सलाह तक जारी की हैं.</p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-50133006?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">लिंचिग पर नदारद</a></p><p>भारत अभी साल 2012 के चर्चित निर्भया रेप-हत्या कांड से किसी तरह से उभरने की कोशिश ही कर रहा था कि दिल्ली में डेनमार्क की 52-वर्षीय महिला और 19-साल की जर्मन टूरिस्ट बलात्कार जैसे मामले घटित हुए जिसने दिल्ली को फिर से चर्चा में ला दिया.</p><p>एनसीआरबी के मुताबिक़ साल 2017 में विदेशी नागिरकों के बलात्कार के 32 मामले भारत में दर्ज हुए जिनमे से पाँच बांग्लादेशी नागिरकों द्वारा दर्ज करवाए गए.</p><p>इसके बाद जिन विदेशी नागिरकों ने बलात्कार के मामले दर्ज करवाए उनका संबंध नेपाल और अफ़ग़ानिस्तान से था.</p><p>टाटा इंस्टीच्यूट ऑफ़ सोशल साइंसेज़ में क्रिमिनॉलजी एंड जस्टिस के प्रोफ़ेसर विजय राघवन कहते हैं कि इस बैकग्राइंड की अधिकतर पीड़िता कामकाजी तबक़े से तालुक्क़ रखनेवाली होती हैं और उन्हें कुछ लोग ‘कमज़ोर तबक़े’ में गिन लेते हैं.</p><p>विदेशियों ख़ासतौर पर यूरोपीय, अमरीका जैसे मुल्कों से तालुक्क़ रखनेवालों के ख़िलाफ़ बढ़ने वाले अपराधों की एक बहुत बड़ी वजह प्रोफ़ेसर राघवन समाज में बढ़ती आर्थिक विषमता को मानते हैं.</p><p>प्रोफ़ेसर राघवन कहते हैं कि हाशिये पर चला गया समाज ऐसी पृष्ठभूमि से आने वालों को अमीरी के प्रतीक के तौर पर देख सकते हैं और ये बहुत बार उन्हें अपराध के लिए उकसाता है.</p><p>साल 2017 में ही चोरी और उससे जुड़े कम से कम 500 मामले पुलिस में दर्ज हुए थे.</p><figure> <img alt="कम उम्र की लड़कियों के साथ रेप के दोषियों को फांसी की सज़ा देने का क़ानून (फ़ाइल तस्वीर)" src="https://c.files.bbci.co.uk/45F0/production/_109340971_b0a0d69b-619c-446a-b0b7-8545036d74a7.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>भारत में पर्यटकों के बढ़ते आगमन से भी जोड़कर देखा जा सकता है जो फ़िलहाल मौजूद आंकड़ों के मुताबिक़ एक करोड़ बीस लाख सालाना के आसपास है.</p><p>निजी शिक्षण संस्थानों के तेज़ी से होते फैलाव और विदेशी निवेश की वजह से बहुत सारे विदेशी नागिरक लंबे समय तक भारत में रहते हैं और कई बार आपसी रंजिश या दूसरी वजहें उनके ख़िलाफ़ होने वाले अपराध के कारण बन सकते हैं.</p><p>हाल से सालों में विदेशी नागिरकों के ख़िलाफ़ तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे राज्यों में भी अपराध के मामले बढ़े हैं.</p><p>साल 2015 में जहां इस तरह के सात मामले तमिलनाडु में दर्ज किए गए, उसकी संख्या अगले साल 24 और 2017 में 43 पहुंच गई. </p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-48953067?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">भोपालः बच्ची के बलात्कार और हत्या के मामले में फांसी</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/magazine-50020496?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">एक महिला की दिल दहलाने वाली कहानी</a></li> </ul><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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