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‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम में क्यों आना चाहते हैं ट्रंप?

<figure> <img alt="ट्रंप और मोदी" src="https://c.files.bbci.co.uk/5EDB/production/_108838242_a6998272-5103-474d-8d47-8238e4c8a39f.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Reuters</footer> <figcaption>फ़्रांस में हुए जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान भी मोदी और ट्रंप की मुलाक़ात हुई थी</figcaption> </figure><p>भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र अपने अमरीकी दौरे के दौरान 22 सितंबर को टेक्सस प्रांत के ह्यूस्टन शहर में भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करेंगे.</p><p>इस कार्यक्रम को ‘हाउडी मोदी’ नाम […]

<figure> <img alt="ट्रंप और मोदी" src="https://c.files.bbci.co.uk/5EDB/production/_108838242_a6998272-5103-474d-8d47-8238e4c8a39f.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Reuters</footer> <figcaption>फ़्रांस में हुए जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान भी मोदी और ट्रंप की मुलाक़ात हुई थी</figcaption> </figure><p>भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र अपने अमरीकी दौरे के दौरान 22 सितंबर को टेक्सस प्रांत के ह्यूस्टन शहर में भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करेंगे.</p><p>इस कार्यक्रम को ‘हाउडी मोदी’ नाम दिया गया है और अब तक भारतीय मूल के पचास हज़ार लोग इसमें शामिल होने के लिए पंजीकरण करा चुके हैं.</p><p>अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने कहा है कि वो भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. </p><p>ट्रंप का शुक्रिया करते हुए मोदी ने कहा है कि ये अमरीकी राष्ट्रपति की ओर से प्रदर्शित एक विशेष भाव है जो भारत और अमरीका के ख़ास रिश्ते के महत्व को बताता है.</p><p>अमरीका में भारत के पूर्व राजदूत नवतेज सरना का मानना है कि ट्रंप का मोदी के कार्यक्रम में आना अमरीका में भारतीय मूल के लोगों के बढ़ने राजनीतिक महत्व को रेखांकित करता है.</p><p><a href="https://twitter.com/narendramodi/status/1173449532769632261">https://twitter.com/narendramodi/status/1173449532769632261</a></p><p>हाल के सालों में अमरीका और भारत के बीच व्यापारिक रिश्तों में तल्ख़ियां बढ़ी हैं. बावजूद इसके मोदी और ट्रंप के व्यक्तिगत रिश्ते बेहतर हो रहे हैं.</p><p>इस पर सरना कहते हैं, &quot;भारत और अमरीका के रिश्ते सिर्फ़ व्यापार तक सीमित नहीं है बल्कि दोनों देशों की बहुत बड़ी रणनीतिक साझेदारी है, ख़ासतौर से सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी लड़ाई के क्षेत्र में.&quot;</p><p>सरना कहते हैं, &quot;अमरीका और भारत दोनों ही बड़े लोकतांत्रिक देश हैं और दोनों के बीच संबंध बेहद अहम हैं. व्यापार इन संबंधों का छोटा हिस्सा है. व्यापार के क्षेत्र में मतभेद हो जाते हैं.&quot;</p><p>सरना कहते हैं कि दोनों नेताओं का एक साथा आना ये भी दर्शाता है कि भारत के रिश्ते मज़बूत हो रहे हैं.</p><p><a href="https://twitter.com/narendramodi/status/1173450228042584065">https://twitter.com/narendramodi/status/1173450228042584065</a></p><p>सरना कहते हैं, &quot;दोनों नेता एक साथ मिलेंगे, बातचीत करेंगे और भारतीय मूल के पचास हज़ार लोगों को एक साथ संबोधित करेंगे. ये बताता है कि भारत और अमरीका के रिश्ते कहां से कहां पहुंच गए हैं.&quot;</p><p>वहीं अमरीकी मामलों के जानकार और ऑब्ज़र्वर रिसर्च फाउंडेशन में शोधकर्ता कशिश परपियानी का कहना है कि ट्रंप अपने राजनीतिक हितों को ध्यान में रखकर ही मोदी के कार्यक्रम में आ रहे हैं.</p><p>कशिश कहते हैं, &quot;ट्रंप के हाउडी मोदी में आने के कारण राजनीतिक हैं. डेमोक्रेट पार्टी इस समय टेक्सस पर ध्यान केंद्रित किए हुए है. पारंपरिक तौर पर रिपब्लिकन पार्टी को वोट देते रहे इस इस राज्य को वह अपने पक्ष में करना चाहती है. लेकिन ट्रंप के लिए टेक्सस को अपने पास रखना अहम है. यहां के दो शहरों ह्यूसटन और डलास में ही भारतीय मूल को 2 लाख 70 हज़ार लोग रहते हैं. ट्रंप का मोदी के कार्यक्रम में आना भारतीय मूल के लोगों को ख़ुश करने और भारतीय मूल के वोटरों को अपने पक्ष में करने का ही एक तरीका है. आंशिक तौर पर ये कहा जा सकता है कि ट्रंप इस कार्यक्रम में अपने लिए ज़्यादा आ रहे हैं.&quot;</p><p>कशिश का मानना है कि ट्रंप भारतीय मूल के वोटरों को इसी तरह रिझाना चाहते हैं जैसे वो यहूदी मूल के वोटरों को रिझाते रहे हैं. वो कहते हैं, &quot;अमरीकी राजनीति में डेमोक्रेट हों या रिपल्बिकन, दोनों ही इसराइल का समर्थन करते रहे हैं. लेकिन हाल के सालों में ट्रंप ने यहूदी मूल के अमरीकी वोटरों को अपनी पार्टी के पक्ष में करने की कोशिश की है. वो इसराइली मूल के लोगों से कहते रहे हैं कि डेमोक्रेट पार्टी उनके साथ नहीं है. ट्रंप भारतीय मूल के वोटरों को रिझाने के लिए भी यही रणनीति अपना रहे हैं. ऐतिहासिक तौर पर देखा जाए तो भारतीय मूल के अमरीकी डेमोक्रेट पार्टी को ज़्यादा वोट देते रहे हैं. लेकिन 2020 के राजनीतिक रास्ते पर ट्रंप ने जो गणना की है उसमें भारतीय मूल के मतदाताओं को जोड़ना भी शामिल हैं.&quot;</p><figure> <img alt="मोदी और ट्रंप" src="https://c.files.bbci.co.uk/ACFB/production/_108838244_b6c8b353-7895-4589-8908-34ab608c8a9b.jpg" height="371" width="660" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>कशिश कहते हैं, &quot;अमरीका में ट्रंप की राजनीति और भारत में मोदी की राजनीति अब सामांतर चल रही हैं ताकि इससे दोनों का ही अपने-अपने देश में राजनीतिक फ़ायदा हो. ट्रंप मोदी के कार्यक्रम में आकर कहेंगे कि अमरीकी की रिपब्लिकन पार्टी ही ऐसी अकेली पार्टी है जो मोदी के इंडिया का समर्थन करती है.&quot;</p><p>प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्रंप को अपना दोस्त बताते रहे हैं. बावजूद इसके कई मौके ऐसे भी आए जब ट्रंप ने अपने सार्वजनिक बयानों में भारत की खिंचाई की. </p><p>पूर्व राजदूत नवतेज सरना मानते हैं कि दोनों नेताओं के बीच कई मुलाक़ाते हुई हैं और इन मुलाक़ातों में दोनों के व्यक्तिगत रिश्ते मज़बूत होते गए हैं. सरना कहते हैं, &quot;नरेंद्र मोदी और ट्रंप के व्यक्तिगत रिश्ते तो बेहतर है हीं इसके ऊपर अमरीका और भारत के आपसी रिश्ते की अहमियत को भी दोनों नेता जानते हैं.&quot;</p><p>सरना बताते हैं, &quot;जून 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमरीका आए थे तब मैं वाशिंगटन में ही था. तब भी ट्रंप मोदी के प्रसंशक थे और उनके बारे में अच्छी बातें ही करते . उस मुलाक़ात में दोनों नेताओं के बीच रिश्ते और मज़बूत हुए थे.&quot;</p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49416921?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कश्मीर: ट्रंप ने कहा स्थिति ‘विस्फोटक’, फिर की मध्यस्थता की पेशकश</a></p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49492282?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">क्या मोदी ने पाकिस्तान के भीतर कश्मीर पर बहस बदल दी </a></p><p><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-48503137?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">मोदी की तारीफ़ कर ट्रंप भारत को झटके क्यों देते हैं </a></p><p>ट्रंप ऐसे समय में मोदी के कार्यक्रम में आ रहे हैं जब कश्मीर का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में है. ट्रंप भी कश्मीर के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने की इच्छा ज़ाहिर कर चुके हैं. ट्रंप ने एक बार फिर कहा है कि वह मोदी और इमरान ख़ान से बात करेंगे. </p><p>तो क्या मोदी के मंच पर ट्रंप के आने से अमरीका भारत की ओर जुका हुआ नज़र नहीं आएगा? सरना कहते हैं, &quot;प्रधानमंत्री मोदी ने कश्मीर पर भारत की स्थिति को जी-7 के दौरान ट्रंप के साथ हुई मुलाक़ात में स्पष्ट कर दिया था. मोदी ने साफ़ तौर पर ट्रंप को बता दिया था कि ये भारत का आंतरिक मामला है और इसमें तीसरे देश की दख़ल का कोई मतलब नहीं हैं. ट्रंप अच्छी तरह समझते हैं कि कश्मीर के मुद्दे पर भारत की स्थिति क्या है. &quot; </p><p>इसी सवाल पर कशिश कहते हैं, &quot;ट्रंप का मोदी के मंच पर आना अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी ये संकेत देगा कि कश्मीर के मुद्दे पर अमरीका भारत के साथ ज़्यादा है.&quot;</p><figure> <img alt="कश्मीर" src="https://c.files.bbci.co.uk/D40B/production/_108838245_2ece94c7-479f-43a5-8a54-b941a337e029.jpg" height="351" width="624" /> <footer>Getty Images</footer> <figcaption>भारत ने जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया है</figcaption> </figure><p>वहीं सरना ये भी कहते हैं कि ट्रंप मोदी के कार्यक्रम में आ रहे हैं तो बहुत सोच समझकर ही आ रहे हैं. वो कहते हैं, &quot;उन्होंने अपने हितों के बारे में ज़रूर सोचा होगा. इससे न सिर्फ़ दोनों देशों के रिश्ते मज़बूत होंगे बल्कि ट्रंप को ये फ़ायदा होगा कि उन्हें पचास हज़ार भारतीयों को संबोधित करने का अवसर मिलेगा.&quot; </p><p>सरना कहते हैं, &quot;जब वो प्रधानमंत्री मोदी से मिलेंगे तो उनकी बातचीत किसी एक मुद्दे तक सीमित नहीं होगी. न कोई एक मुद्दा इस मुलाक़ात को रोक सकता है. ट्रंप का इस कार्यक्रम में आना अमरीका में भारतीय समुदाय की अहमियत को भी रेखांकित करता है. इससे ये भी साफ़ हो गया है कि अमरीका और अमरीकी नेताओं की नज़र में अमरीका में रह रहे भारतीय समुदाय की अहमियत बढ़ रही है.&quot;</p><p>तो क्या ट्रंप मोदी के मंच का इस्तेमाल अपने राजनीतिक हित के लिए कर लेंगे, इस पर सरना कहते हैं, &quot;प्रधानमंत्री मोदी एक मंझे हुए नेता हैं और भलीभांति जानते हैं कि कैसे हर अवसर को भारत के लिए भुनाना है.&quot;</p><p>वहीं कशिश का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ह्सूटन में ट्रंप के साथ भारतीयों को संबोधित करके अपने राजनीतिक एजेंडे को भी पूरा करेंगे.</p><figure> <img alt="मोदी और ट्रंप" src="https://c.files.bbci.co.uk/6346/production/_108841452_96507235-eb54-4061-9971-8f0e783b013b.jpg" height="549" width="976" /> <footer>EPA</footer> </figure><p>वो कहते हैं, &quot;आम भारतीय नागरिक जब ट्रंप के साथ मोदी को देखेगा तो उसके मन में विचार आएगा कि ट्रंप मोदी से कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं. ये मोदी के लिए भी अच्छा है क्योंकि भारत में इस समय अर्थव्यवस्था को लेकर सवाल उठ रहे हैं. ख़बर ये भी आ रही है कि ट्रंप और मोदी इस दौरान एक आंशिक व्यापार समझौता कर सकते हैं. अगर ये हो गया तो मोदी जब भारत लौटेंगे तो इसे अपनी एक जीत के तौर पर पेश करेंगे.&quot;</p><p> &quot;मोदी भारत के लोगों को ये दिखाने की कोशिश करेंगे कि ना सिर्फ़ मैं दुनिया के बड़े देशों के साथ संबंध बना सकता हूं बल्कि व्यापारिक समझौते भी कर सकता हूं. अमरीका में अपनी शो मैनशिप दिखाना भारत में अर्थव्यवस्था को लेकर हो रही आलोचना का जवाब देने की मोदी की रणनीति का हिस्सा भी हो सकता है.&quot;</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a 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