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क्या नीतीश कुमार देंगे भाजपा को मुख्यमंत्री बनाने का मौक़ा?

<figure> <img alt="नीतीश कुमार" src="https://c.files.bbci.co.uk/176E4/production/_108727959_e0b90ccd-530e-4d87-be61-51191eec29f1.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>बिहार के सियासी ख़ेमे में इस वक़्त हलचल मची है. सरकार में सहयोगी भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता संजय पासवान ने सोमवार को यह बयान देकर कि &quot;नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने का एक मौक़ा भाजपा को देना चाहिए.&quot;, गठबंधन के भविष्य पर […]

<figure> <img alt="नीतीश कुमार" src="https://c.files.bbci.co.uk/176E4/production/_108727959_e0b90ccd-530e-4d87-be61-51191eec29f1.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>बिहार के सियासी ख़ेमे में इस वक़्त हलचल मची है. सरकार में सहयोगी भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता संजय पासवान ने सोमवार को यह बयान देकर कि &quot;नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने का एक मौक़ा भाजपा को देना चाहिए.&quot;, गठबंधन के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिए हैं. </p><p>भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य पासवान के इस बयान को जदयू निजी बता रहा है जबकि विपक्षी पार्टी राजद इसी बहाने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला कर रही है. </p><p>पासवान का यह बयान उस वक़्त आया है जब भाजपा की ओर से बिहार में एनआरसी लाने की मांग ज़ोर पकड़ रही है. </p><p>दूसरी तरफ़ जदयू एनआरसी के मुद्दे पर अपने सहयोगी के उलट राय लेकर चल रही है और अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए नीतीश कुमार को अपने चेहरे के रूप में प्रमोट करने में लगी है. </p><p>ऐसे वक़्त में भाजपा के किसी वरिष्ठ नेता की ओर से ऐसा बयान आना आने वाले दिनों में गठबंधन के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है. </p><p>संजय पासवान ने शुरू में एक न्यूज एजेंसी को यह बयान दिया कि &quot;हमनें नीतीश कुमार पर बतौर मुख्यमंत्री 15 सालों तक भरोसा किया, अब उन्हें एक मौक़ा हमें (भाजपा को) देना चाहिए.&quot; </p><p>इसके तुरंत बाद पासवान का यह बयान स्थानीय मीडिया की सुर्खियों में शामिल हो गया. पहली बार भाजपा के किसी वरिष्ठ नेता की ओर से गठबंधन में नीतीश के चेहरे को नकारा गया था. </p><p>बीबीसी ने इस बयान को लेकर संजय पासवान से बात की.</p><p>पासवान कहते हैं, &quot;हां मैंने कहा है कि नीतीश कुमार को एक मौक़ा भाजपा को देना चाहिए. उसके पीछे तमाम वजहें हैं. सबसे बड़ी वजह तो ये है कि वे हमारे कोर इश्यूज़ राम मंदिर, ट्रिपल तलाक़, अनुच्छेद 370 और एनआरसी को लेकर अलग विचार रखते हैं. इतनी सारी असहमतियों के साथ भी जब वोट भाजपा और नरेंद्र मोदी के नाम पर ही मिल रहे हैं, तो क्यों नहीं नीतीश जी एक मौक़ा भाजपा के किसी मुख्यमंत्री के लिए दे देते हैं! हम भी सरकार चला लेंगे. और नीतीश जी का तो इतिहास भी रहा है. बिना किसी स्वार्थ के वे जीतनराम मांझी तक को मुख्यमंत्री बना दिए थे.&quot;</p><p>पासवान का यह कहना इस बात की ओर साफ़ इशारा कर रहा है कि अबतक गठबंधन में &quot;बड़ा भाई&quot; की हैसियत निभाने वाली बीजेपी ये भूमिका जदयू को देना चाहती है.</p><hr /><p><strong>ये भी पढ़ें-</strong></p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49572439?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">बिहार में नीतीश कुमार ‘ठीके हैं’ या नहीं पर बहस</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49281590?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">अनुच्छेद 370 पर नीतीश कुमार फँस गए हैं?</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-48734212?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">केंद्रीय योजनाओं के दम पर नीतीश बने ‘सुशासन बाबू’?</a></li> </ul><hr /><p>संजय इसपर कहते हैं, &quot;इतनी सारी असहमतियों के बावजूद भी हमनें इतने दिनों तक अपनी भूमिका निभाई न! लेकिन अब जब हमलोग अपने सदस्यता अभियान को लेकर लोगों के बीच जा रहे हैं तो लोग पूछ रहे हैं कि भाजपा का मुख्यमंत्री कब बनेगा? लोगों ने नीतीश कुमार को देख लिया. और हम भी राजनीति करने आए हैं, कोई लोकोपकार नहीं कर रहे हैं. हमें पता है कि वोट नरेंद्र मोदी के नाम पर मिले हैं तो हम क्यों नहीं चाहेंगे कि बिहार में भी एक बार अपनी सरकार बनाएं. हालांकि मैं मानता हूं कि नीतीश जी के कार्यकाल में बिहार में विकास की गाड़ी चल पड़ी है, लेकिन अब उस गाड़ी को हम दौड़ाना चाहते हैं. हमें दौड़ाना आता है.&quot; </p><p>लेकिन अभी तक भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए कोई चेहरा सामने नहीं दिखता. ना ही गठबंधन में पार्टी की ओर से इसकी कभी मांग की गई. </p><p><strong>पहली बार भाजपा का मुख्यमंत्री बनाने की बात छिड़ी है. लेकिन, भाजपा के पास मुख्यमंत्री पद का चेहरा कौन है? क्या ये भी तय कर लिया गया है? </strong></p><p>संजय कहते हैं, &quot;हमारे पास चेहरों की कमी नहीं है. अभी जो हमारे डिप्टी सीएम सुशील मोदी हैं, वे क्या कम हैं! हमारे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय जी भी हैं, जिनके पास नेतृत्व का अनुभव भी है. हमारे यही दोनों चेहरे काफ़ी हैं.&quot; </p><p><strong>लेकिन, जदयू ने तो अपना चेहरा पहले ही चुन लिया है. नीतीश कुमार को. क्या भाजपा उन्हें इस बार पूरी तरह </strong><strong>ख़ारिज </strong><strong>करने का मन बना चुकी है? </strong></p><p>संजय कहते हैं, &quot;मुझे नहीं पता किस ने नीतीश कुमार को अपना चेहरा चुना है. हालांकि नए पोस्टरों में ऐसा ज़रूर दिख रहा है. वो किसने लगाया, नहीं लगाया, इस पर हम कोई बात नहीं कहेंगे. लेकिन सच यही है कि पिछले लोकसभा चुनाव में हमें वोट नरेंद्र मोदी के नाम पर मिले हैं. हमारे चेहरा नरेंद्र मोदी ही हैं और रहेंगे. &quot;</p><p>दरअसल, बीते 15 सालों में नीतीश कुमार के नाम से बिहार में कई नारे बने हैं. </p><figure> <img alt="क्यों करें विचार, ठीके तो हैं नीतीश कुमार" src="https://c.files.bbci.co.uk/DD89/production/_108731765_5396fbca-0e2e-4149-8f88-83f64526fedf.jpg" height="549" width="976" /> <footer>NIRAJ PRIYADARSHI</footer> </figure><p>पहले बना &quot;अबकी बार नीतीश कुमार&quot;, फिर बना &quot;बिहार में बहार है, नीतीशे कुमार है.&quot; और इस बार नया नारा है, &quot;क्यों करें विचार, ठीके तो हैं नीतीश कुमार&quot;. इसी में एक और आ गया है, &quot; क्यों करें विचार, जब हैं ही नीतीश कुमार&quot; </p><p>जदयू हर बार विधानसभा चुनाव के पहले एक नया नारा लेकर आती है जिसका चेहरा होते हैं नीतीश कुमार. </p><p>इस बार भी चेहरा नीतीश कुमार ही हैं. लेकिन जदयू के लिए मुश्किल ये है कि सरकार में गठबंधन की सहयोगी पार्टी बीजेपी अब चेहरा बदलने की मांग कर रही है. </p><p>संजय के इस बयान को जदयू किस तरह देखती है और गठबंधन के भविष्य को लेकर पार्टी का क्या कहना है? </p><p>यह पूछा हमनें जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन से. </p><p>राजीव कहते हैं, &quot;संजय पासवान के बयान की उनकी पार्टी में कोई अहमियत नहीं है. यह भाजपा का आधिकारिक बयान नहीं है. और हमें पता है कि संजय पासवान का राजनीतिक रिकार्ड कैसा रहा है, वे कहां थे और अभी कहां हैं. ऐसा बयान देकर वे अपनी राजनीति चमकाना चाहते हैं. उसपर हम कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे.&quot;</p><p>इस मसले पर हमनें बात करने की कोशिश की जदयू महासचिव केसी त्यागी से. त्यागी भी राजीव की तरह ही बात करते हैं. कहते हैं, &quot;अभी हम इसपर कोई प्रतिक्रिया देना ज़रूरी नहीं समझते. क्योंकि वो भाजपा की तरफ़ से अधिकृत नहीं हैं और जैसा कि भाजपा में होता चला आया है जब तक उनके शीर्ष नेतृत्व यानी अमित शाह और नरेंद्र मोदी की तरफ़ से कुछ नहीं कहा जाता, तबतक उसे आधिकारिक नहीं माना जा सकता. जहां तक बात संजय पासवान के बयान की है तो उन्होंने गठबंधन धर्म को तोड़ने का काम किया है. हमनें भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मांग की है कि ऐसे ग़ैर-दोस्ताना बयान के लिए उनपर कार्रवाई की जाए. आज तक भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को लेकर जदयू का एक कार्यकर्ता ऐसा कभी नहीं बोला.&quot;</p><p>संजय पासवान के बयान को भले जदयू यह कहकर ख़ारिज कर दे कि ये उनका निजी बयान है, मगर विपक्ष को इससे नीतीश कुमार पर हमला करने का मौक़ा मिल गया है. </p><p>पासवान का बयान आने के तुरंत बाद प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया और लिखा है कि &quot; क्या CM भाजपाईयों की बात का खंडन करने का माद्दा रखते है?&quot;</p><p><a href="https://twitter.com/yadavtejashwi/status/1171021851067211778">https://twitter.com/yadavtejashwi/status/1171021851067211778</a></p><p>जदयू की तरफ़ से कहा जा रहा है कि यह भाजपा का आधिकारिक बयान नहीं है. इस मसले पर हमनें बीजेपी के आधिकारिक राज्य प्रवक्ताओं से बात करने की कोशिश की . लेकिन वे इसके बारे में बात करने से बच रहे हैं. वो कह रहे हैं कि अभी तक पार्टी में ऊपर के लेवल से इससे जुड़ी कोई बात नहीं हुई है, इसलिए वे कुछ भी बोल नहीं पाएंगे. </p><p>इसे लेकर हमनें बात की बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी संजय मयुख से भी. </p><p>मयुख भाजपा-जदयू गठबंधन को अटूट बताते हैं. लेकिन वे संजय पासवान के बयान पर बात करने से बचते हैं. वो कहते हैं, &quot;संजय पासवान के बयान पर बात उन्हीं से करनी चाहिए. पार्टी अभी उस बारे में कोई बात नहीं करेगी.&quot;</p><p>बीते दिनों में भाजपा और जदयू के नेताओं की तरफ़ से जिस तरह की बयानबाज़ी हुई है यह कहना बहुत मुश्किल हो गया है कि बिहार में भाजपा और जदयू का गठबंधन कब तक चलेगा? </p><p>मगर एक बात तय है कि अगर संजय पासवान के बयान को बीजेपी अपना आधिकारिक बयान मान लेती है या फिर ऐसी ही चुप्पी साधे रखती है तो गठबंधन टूटने की कगार तक ज़रूर पहुंच जाएगा. </p><p><strong>(</strong><strong>बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">क्लिक कर</a><strong> सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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