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डोनल्ड ट्रंप से मिलेंगे इमरान ख़ान, क्या होगी बातचीत

<figure> <img alt="इमरान ख़ान, पाकिस्तान, अमरीका, डोनल्ड ट्रंप" src="https://c.files.bbci.co.uk/362A/production/_107966831_9748c7d3-c706-4150-903a-491a4bb6eef8.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान अमरीका के तीन दिन के दौरे पर हैं. सोमवार को इमरान ख़ान अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप से व्हाईट हाउस के ओवल दफ़्तर में मुलाक़ात करेंगे. </p><p>अमरीका के अपने पहले सरकारी दौरे पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान […]

<figure> <img alt="इमरान ख़ान, पाकिस्तान, अमरीका, डोनल्ड ट्रंप" src="https://c.files.bbci.co.uk/362A/production/_107966831_9748c7d3-c706-4150-903a-491a4bb6eef8.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान अमरीका के तीन दिन के दौरे पर हैं. सोमवार को इमरान ख़ान अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप से व्हाईट हाउस के ओवल दफ़्तर में मुलाक़ात करेंगे. </p><p>अमरीका के अपने पहले सरकारी दौरे पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान एक कमर्शियल एयरलाईंस की फ़्लाईट से वॉशिंगटन पहुंचे.</p><p>पाकिस्तानी सरकार का कहना है कि इमरान ख़ान ने सरकारी ख़र्चा कम करने के मक़सद से कमर्शियल एयरलाईंस से यात्रा की.</p><p>यहीं नहीं इमरान ख़ान महंगे होटल के बजाए पाकिस्तानी दूतावास में ही रहेंगे.</p><p>इमरान ख़ान के साथ इस दौरे पर पाकिस्तानी वेदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी, सेना प्रमुख क़मर जावेद बाजवा और आईएसआई प्रमुख फ़ैज़ हमीद भी हैं.</p><p>अमरीका के अपने पहले सरकारी दौरे के दौरान इमरान ख़ान और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच होने वाली मुलाक़ात में द्विपक्षीय मुद्दों के अलावा अफ़ग़ानिस्तान में शांति बहाली और आतंकवाद सबसे अहम मुद्दे होने की उम्मीद हैं.</p><p>उम्मीद की जा रही है कि इमरान ख़ान पाकिस्तान में आर्थिक बदहाली से निपटने के लिए अमरीकी सरकार के साथ-साथ अमरीकी बिज़नेस क्षेत्र के लोगों से भी मदद की अपील करेंगे. </p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-49060309?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">’क्राउन प्रिंस सलमान के कारण अमरीका गए इमरान ख़ान’ </a></li> </ul><figure> <img alt="अमरीका, डोनल्ड ट्रंप" src="https://c.files.bbci.co.uk/844A/production/_107966833_4589ba0e-c787-472e-84c4-952b09f6c6e2.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h1>दोनों देशों का एजेंडा </h1><p>इमरान ख़ान ने रविवार को विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मालपास और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के कार्यकारी मुखिया डेविड लिप्टन से भी मुलाक़ात की.</p><p>हाल ही में पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से छह अरब डॉलर का क़र्ज़ मिला है.</p><p>अमरीका में राष्ट्रपति ट्रंप के सत्ता मे आने के बाद से अमरीका ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ काफ़ी कड़ा रुख़ अपनाया हुआ था और दोनों देशों के बीच रिश्तों में तनाव बढ़ गया था.</p><p>राष्ट्रपति ट्रंप ने पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद के ख़िलाफ़ नाकाफ़ी क़दम उठाने और पाकिस्तान में कुछ चरमपंथी गुटों को पनाह दिए जाने का हवाला देते हुए पिछले साल अमरीका की पाकिस्तान को दी जाने वाली सैन्य और आर्थिक मदद भी रोक दी.</p><p>लेकिन, अफ़ग़ानिस्तान में शांति बहाली के लिए अमरीका और तालिबान के बीच बातचीत में पाकिस्तान ने अहम किरदार निभाया और ट्रंप ने पाकिस्तान की इस सिलसिले में तारीफ़ भी की.</p><p>और यह भी कहा जा रहा है कि इसी सिलसिले में शुक्रिया अदा करने के मक़सद से राष्ट्रपति ट्रंप ने इमरान ख़ान को अमरीकी दौरे की दावत दी. </p><p>साल 2020 में डोनल्ड ट्रंप को चुनाव का सामना भी करना है और वो इससे पहले अफ़ग़ानिस्तान से अमरीकी सेना की वापसी चाहते हैं. लेकिन, इसके लिए अमरीका को पाकिस्तान की मदद की ज़रूरत है. </p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-49045622?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">इमरान-ट्रंप मुलाकात: आग और बर्फ़ जैसे ठंडे रिश्तों का साया</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-49059490?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">ट्रंप से मिलने ISI और सेना प्रमुख को साथ क्यों ले गए इमरान ख़ान</a></li> </ul><figure> <img alt="इमरान ख़ान, पाकिस्तान" src="https://c.files.bbci.co.uk/D26A/production/_107966835_072a0e90-62ed-480c-a10f-53c47d813510.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h1>रिश्ते बेहतर करने का एक मौका </h1><p>अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार कहते हैं कि पाकिस्तान को अमरीका के साथ रिश्ते बेहतर करने का एक और मौक़ा मिला है.</p><p>अमरीका में डेलवेयर यूनिवर्सिटी के अंतर्राष्ट्रीय मामलों के प्रोफ़ेसर मुक्तदर ख़ान कहते हैं, &quot;इमरान ख़ान को अमरीका से संबंध सुधारने का एक और मौक़ा मिला है. पाकिस्तान अब लगता है कि अमरीका की आतंकवाद को रोकने की मांग के बारे में कुछ क़दम उठाने की मंशा रखता है. वह अपने सेना और आईएसआई प्रमुख को भी साथ लाए हैं. हो सकता है कि अमरीका के साथ व्यापार, आर्थिक मदद और निवेश एक बार फिर शुरू हो जाए.&quot;</p><p> &quot;अमरीका की यह कोशिश है कि पाकिस्तान को दी गई मदद के बदले में वह आतंकी गुटों को समर्थन बंद करे. इसके अलावा अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के साथ शांतिवार्ता में मदद करे जिससे अमरीका वहां से निकल सके.&quot;</p><p>याद रहे अफ़ग़ानिस्तान में शांति बहाली के लिए अमरीका और तालिबान के बीच बातचीत की जो प्रक्रिया जारी है उसमें भारत को शामिल नहीं किया गया है.</p><p>तालिबान की एक शर्त यह भी है कि अमरीका अफ़ग़ानिस्तान से पूरी तरह अपनी सेना निकाल ले. लेकिन, भारत इस तरह अमरीका के अफ़ग़ानिस्तान से चले जाने के ख़िलाफ़ है. </p><figure> <img alt="तालिबान, अफ़ग़ानिस्तान" src="https://c.files.bbci.co.uk/1208A/production/_107966837_86b8dd08-fc30-4192-97cd-c4a3da0d6b92.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>चरमपंथ के मुद्दे पर अमरीका पाकिस्तान पर दबाव बनाए रखना चाहता है.</p><p>अमरीका कहता रहा है कि पाकिस्तान के अंदर से काम करने वाले चरमपंथी गुटों से उसे को ख़तरा है.</p><p>और अमरीका यह भी कहता रहा है कि पाकिस्तान चरमपंथी गुटों को पनाह देना बंद करे.</p><p>लेकिन, राष्ट्रपति ट्रंप ने पाकिस्तानी चरमपंथी संगठन लश्कर-ए-तयैबा प्रमुख हाफ़िज़ सईद की पाकिस्तान में चंद दिन पहले होने वाली गिरफ़्तारी पर ट्वीट करके सराहना की थी.</p><p>भारत लश्कर-ए-तयैबा और हाफ़िज़ सईद को 2008 के मुंबई हमलों के लिए ज़िम्मेदार मानता है.</p><p>हाफ़िज़ सईद को कई बार पहले भी गिरफ़्तार किया जाता रहा है लेकिन तब वो रिहा हो चुके हैं. </p><p>अमरीका और संयुक्त राष्ट्र हाफ़िज़ सईद को वैश्विक चरमपंथी घोषित कर चुके हैं और अमरीका ने उन पर 10 लाख डॉलर का इनाम भी रखा हुआ है. </p><figure> <img alt="नरेंद्र मोदी, भारत" src="https://c.files.bbci.co.uk/1AD2/production/_107966860_4a5a6fbc-0e48-46f5-a305-b50a3f8ed1f1.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h1>भारत के लिए मुश्किलें </h1><p>भारत का भी इसी बात पर ज़ोर रहा है कि अमरीका समेत आंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान पर चरमपंथी गुटों को पनाह देना बंद करने को लेकर दबाव बढ़ाना चाहिए. </p><p>लेकिन, हाल के महीनों में अमरीका और भारत के बीच व्यापार को लेकर तनातनी चल रही है.</p><p>पहले ट्रंप प्रशासन ने भारत पर इस्पात व्यापार से संबंधित शुल्क लगा दिया. उसके बाद शुल्क में रियायत की जीएसपी की सूचि से भी भारत को बाहर कर दिया था.</p><p>भारत ने उसके जवाब में 28 अमरीकी सामानों पर शुल्क बढ़ा दिया है.</p><p>लेकिन अन्य कई अहम क्षेत्रों में भारत और अमरीका के अच्छे संबंध हैं और उन्हें मज़बूत करने के लिए भी दोनों देश सक्रीय हैं.</p><p>अमरीका दक्षिण पूर्वी एशिया के इलाक़े में चीन के बढ़ते असर से भी परेशान है और चीन के असर को रोकने के लिए उसे भारत की भी मदद की ज़रूरत है.</p><p>अमरीका की यह भी कोशिश रही है कि भारत और पाकिस्तान बातचीत के ज़रिए अपने विवाद सुलझाएं.</p><p>हाल ही में पुलवामा हमलों के बाद भारत और पाकिस्तान ने एक दूसरे पर हवाई हमले किए थे और परमाणु हथियारों से लैस दोनों देशों के बीच युद्व के ख़तरे से अंतरराष्ट्रीय समुदाए में खलबली सी मच गई थी.</p><p>अमरीका में इमरान ख़ान ट्रंप से यह भी अपील कर सकते हैं कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच मुद्दों को सुलझाने के मक़सद से बातचीत का सिलसिला फिर से शुरू कराएं. हालांकि, इसमें ज़्यादा सफलता की उम्मीद नहीं है. </p><figure> <img alt="इमरान ख़ान, पाकिस्तान" src="https://c.files.bbci.co.uk/68F2/production/_107966862_7b6d3dc9-3bc6-4bb9-9080-489020c7b79a.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>प्रोफ़ेसर मुक्तदर ख़ान कहते हैं, &quot;अगर भारत के साथ बातचीत चाहते हैं, तो बेहतर होता राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान तीनों की एक बैठक होती ताकि जटिल मुद्दे सुलझाए जा सकें. इसके अलावा सीपेक प्रॉजेक्ट के चलते पाकिस्तान और चीन के बीच गहराते संबंध भी अमरीका के लिए परेशानी का कारण हैं.&quot;</p><p>यह कहा जा रहा है कि इमरान ख़ान और डोनल्ड ट्रंप की इस मुलाक़ात में सबकी नज़रें इस बात पर होगी कि दोनों नेता एक-दूसरे से किस तरह मिलते हैं. साथ ही क्या इमरान ख़ान ट्रंप को इस बात पर मनाने में सफल होंगे कि अब दोनों के बीच रिश्तों को बेहतर करने में क़दम आगे बढ़ाने का समय आ गया है?</p><p>पाकिस्तानी सेना प्रमुख क़मर जावेद बाजवा पेंटगान में उच्च अमरीकी सैन्य अधिकारियों से भी मुलाक़ात करेंगे.</p><p>प्रधानमंत्री इमरान ख़ान 23 जुलाई को अमरीका कांग्रेस की स्पीकर नैन्सी पेलोसी और सेनेट की अंतरराष्ट्रीय मामलों की समिति के सदस्यों से भी मुलक़ात करेंगे.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम </a><strong>और </strong><a href="https://www.youtube.com/user/bbchindi">यूट्यूब</a><strong>पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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