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महेंद्र सिंह धोनी को ICC ने नहीं दी ख़ास दस्तानों की इजाज़त

<figure> <img alt="महेंद्र सिंह धोनी" src="https://c.files.bbci.co.uk/12172/production/_107289047_4c5e7ac0-e98b-49ed-91be-e11040f4d5f3.jpg" height="549" width="976" /> <footer>AFP</footer> </figure><p>भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज़ महेंद्र सिंह धोनी के ‘रेजिमेंटल डैगर’ वाले दस्तानों के पक्ष में आईसीसी की ओर से आपत्ति किए जाने के बाद मुहिम छिड़ गई है. भारतीय क्रिकेट प्रशासक समिति ने आगे भी धोनी के दस्ताने पहनने की वक़ालत की है.</p><p>लेकिन आईसीसी ने इस […]

<figure> <img alt="महेंद्र सिंह धोनी" src="https://c.files.bbci.co.uk/12172/production/_107289047_4c5e7ac0-e98b-49ed-91be-e11040f4d5f3.jpg" height="549" width="976" /> <footer>AFP</footer> </figure><p>भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज़ महेंद्र सिंह धोनी के ‘रेजिमेंटल डैगर’ वाले दस्तानों के पक्ष में आईसीसी की ओर से आपत्ति किए जाने के बाद मुहिम छिड़ गई है. भारतीय क्रिकेट प्रशासक समिति ने आगे भी धोनी के दस्ताने पहनने की वक़ालत की है.</p><p>लेकिन आईसीसी ने इस संबंध में बीसीसीआई को दो टूक कह दिया है कि धोनी के ये दस्ताने नियमों के ख़िलाफ़ हैं और इसकी इजाज़त नहीं दी जा सकती. </p><p>आईसीसी के अनुसार, विकेट कीपिंग दस्ताने पर लोगो लगाने की इजाज़त नहीं है. </p><p>आईसीसी ने कहा है, &quot;टूर्नामेंट के नियमों के मुताबिक कपड़े या अन्य चीजों पर किसी भी निजी संदेश या लोगो को नहीं लगाया जा सकता. इसके अलावा विकेटकीपर के दस्ताने पर क्या होना चाहिए, इस पर तय मानकों का भी यह उल्लंघन है.&quot;</p><p><a href="https://twitter.com/ANI/status/1137027310861729793">https://twitter.com/ANI/status/1137027310861729793</a></p><p>इधर शुक्रवार को भारत में ट्विटर पर #DhoniKeepTheGlove और #IndiawithDhoni ट्रेंड बने रहे. खेल प्रशासन और कुछ खिलाड़ी भी धोनी के दस्तानों के पक्ष में उतर आए हैं.</p><p>क्रिकेटर सुरेश रैना ने कहा है कि धोनी का विशेष बलों के प्रतीक चिह्न वाले दस्ताने पहनना देशभक्ति का प्रतीक है, राष्ट्रवाद का नहीं.</p><p>उन्होंने ट्वीट किया, &quot;जब हम मैदान पर होते हैं, हम ख़ुद को देश के लिए समर्पित करते हैं और भारत को गर्व महसूस कराने की पूरी कोशिश करते हैं. हम सब देश से प्यार करते हैं और यही महेंद्र सिंह धोनी ने किया है. हमारे नायकों के बलिदान का सम्मान. इसे देशप्रेम माना जाए, राष्ट्रवाद नहीं.&quot;</p><p><a href="https://twitter.com/ImRaina/status/1136939286576685056">https://twitter.com/ImRaina/status/1136939286576685056</a></p><h1>धोनी के साथ खड़े हैं: सीओए</h1><p>सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनाई गई क्रिकेट प्रशासक समिति (सीओए) की सदस्य डायना एडुल्जी का कहना है कि इस मामले में समिति भारतीय क्रिकेट टीम के साथ खड़ी है और वो हर क़ीमत पर धोनी के साथ अडिग है.</p><p>पत्रकारों ने जब एडुल्जी से पूछा कि क्या इस बारे में धोनी से कोई बात हुई है तब उन्होंने कहा, &quot;धोनी को इसमें लाने की ज़रूरत ही नहीं है. हमने आईसीसी को इस बारे में चिट्ठी लिखी है और अगले मैच से पहले मसले को सुलझा लिए जाने की पूरी उम्मीद है.&quot;</p><p>सीओए ने परोक्ष रूप से यह भी कहा है कि धोनी के दस्तानों पर बना यह निशान सेना से जुड़ा नहीं है.</p><p>सीओए प्रमुख विनोद राय का कहना है कि आईसीसी के नियमों के मुताबिक खिलाड़ी धार्मिक, सैन्य और कमर्शियल अहमियत के प्रतीक चिह्न नहीं धारण कर सकते. </p><p>उन्होंने कहा, &quot;लेकिन धोनी के केस में यह प्रतीक चिह्न इनमें से किसी से जुड़ा नहीं है इसलिए हम आईसीसी से कहेंगे कि इसे हटाने की ज़रूरत नहीं है.&quot;</p><p>विनोद राय ने कहा, &quot;फिर भी अगर उन्हें लगता है कि यह नियमों का उल्लंघन है तो हम इजाज़त ले लेंगे, जैसा हमने कैमोफ्लाज टोपियों के केस में किया था.&quot;</p><p><a href="https://twitter.com/ANI/status/1136961783783202816">https://twitter.com/ANI/status/1136961783783202816</a></p><h1>भारत और पाकिस्तान के मंत्रियों के बयान</h1><p>भारत के खेल मंत्री किरण रिजिजू ने इसे देश की भावनाओं से जुड़ा मुद्दा बताया है और बीसीसीआई से अनुरोध किया है कि वो इस बारे में आईसीसी से बात करे.</p><p><a href="https://twitter.com/KirenRijiju/status/1136924980812238848">https://twitter.com/KirenRijiju/status/1136924980812238848</a></p><p>उधर पाकिस्तानी मंत्री फ़वाद चौधरी ने इस पूरे मसले में भारत की प्रतिक्रया पर हैरानी जताई है. </p><p>उन्होंने ट्वीट किया, ”धोनी इंग्लैंड में क्रिकेट खेलने गए हैं, महाभारत के लिए नहीं. भारतीय मीडिया में इस बारे कितनी मूर्खतापूर्ण बहस हो रही है. भारतीय मीडिया का एक तबका युद्ध को लेकर इतना उत्साहित है कि उन्हें सीरिया, अफ़गानिस्तान या रवांडा भेज दिया जाना चाहिए. बेवकूफ़!”</p><p><a href="https://twitter.com/fawadchaudhry/status/1136672780206915589">https://twitter.com/fawadchaudhry/status/1136672780206915589</a></p><p>फ़वाद चौधरी के इस ट्वीट पर भारतीय ट्विटर यूज़र्स ने सख़्त आपत्ति जताई जिसके बाद उन्होंने दूसरा ट्वीट किया, ”मैं अपने ट्वीट पर भारतीयों की प्रतिक्रिया देखकर हैरान हूं. इतना ग़ु्स्सा! भाई क्रिकेट को जेंटलमेन्स गेम रहने दीजिए, इसे राजनीति का अड्डा मत बनाइए”</p><p><a href="https://twitter.com/fawadchaudhry/status/1136938683997798405">https://twitter.com/fawadchaudhry/status/1136938683997798405</a></p><p>दरअसल बुधवार को भारत ने क्रिकेट वर्ल्ड कप का अपना पहला मैच दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ खेला था. </p><p>इसमें महेंद्र सिंह धोनी के विकेटकीपिंग दस्तानों पर इंडियन पैरा स्पेशल फ़ोर्सेज़ का प्रतीक चिह्न ‘रेजिमेंटल डैगर’ बना था. इसे ‘बलिदान’ का प्रतीक माना जाता है. </p><p>धोनी के प्रशंसकों ने जब इसे पहचाना तो देश और सुरक्षाबलों के प्रति धोनी के प्रेम और प्रतिबद्धता की तारीफ़ें होने लगीं.</p><p>महेंद्र सिंह धोनी को भी साल 2011 में पैराशूट रेजिमेंट में लेफ़्टिनेंट कर्नल की मानद रैंक दी गई है. साल 2015 में उन्होंने पैरा ब्रिगेड के तहत ट्रेनिंग भी की थी.</p><p>लेकिन धोनी के प्रशंसकों की ख़ुशी ज़्यादा देर नहीं टिक सकी. अगले ही दिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद् (आईसीसी) ने इसे नियमों का उल्लंघन बताते हुए धोनी के इन दस्तानों पर आपत्ति जताई और बीसीसीआई से अनुरोध किया कि वे ऐसा भविष्य में न होने दें.</p><p>इसके बाद भारत में ट्विटर पर धोनी के इन विशेष दस्तानों के पक्ष में ट्रेंड चल रहा है. </p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href="https://www.bbc.com/hindi/sport-48522938?xtor=AL-%5B73%5D-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">वर्ल्ड कप की टीम इंडिया धोनी की है या कोहली की?</a></p><figure> <img alt="महेंद्र सिंह धोनी" src="https://c.files.bbci.co.uk/13EA/production/_107289050_471cb8f7-bd83-4a1f-96ec-116061e2a7ee.jpg" height="746" width="1113" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p><strong>क्या कहता है भारतीय नेतृत्व</strong><strong>?</strong></p><p>भारत सरकार में खेल मंत्री किरण रिजिजू ने भी दस्तानों को पहनने देने की बात कही है.</p><p>रिजिजू ने कहा, &quot;सरकार खेल संस्थाओं के मामलों में दखल नहीं देती क्योंकि वो स्वायत्त हैं. लेकिन अगर मुद्दा देश की भावनाओं से जुड़ा है तो इसमें राष्ट्रहित को ध्यान में रखा जाना चाहिए. मैं बीसीसीआई से अनुरोध करता हूं कि वो इस बारे में आईसीसी से बात करे.&quot;</p><p><a href="https://twitter.com/ANI/status/1136912465734901760">https://twitter.com/ANI/status/1136912465734901760</a></p><p>आईपीएल कमिश्नर राजीव शुक्ला ने कहा कि धोनी किसी भी तरह से आईसीसी के दिशानिर्देशों का उल्लंघन नहीं किया है. उन्होंने शुक्रवार को कहा, &quot;दस्तानों का इस्‍तेमाल किसी भी तर‍ह का राजनीतिक, कॉमर्शियल और धार्मिक प्रमोशन नहीं है. आईसीसी की ओर से उठाए गए इन तीनों मामलों में धोनी किसी भी नियम का उल्‍लंघन नहीं कर रहे हैं. यह बैज उन्‍हें किसी भी तरह से आर्थिक फ़ायदा भी नहीं पहुंचा रहा है.</p><p>मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी कहा जा रहा है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने धोनी के दस्तानों की शिकायत आईसीसी से की थी.</p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href="https://www.bbc.com/hindi/sport-48539293?xtor=AL-%5B73%5D-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">धोनी के दस्तानों पर ये क्या बना है?</a></p><h3>क्या कहते हैं भारतीय फ़ैंस</h3><p>बीबीसी हिंदी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भी ‘कहासुनी’ के जरिए इस विषय में पाठकों से राय मांगी और लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं. </p><p>भवानी शंकर ने बीबीसी के फ़ेसबुक पेज पर लिखा, ”आईसीसी धोनी की देशभक्ति से परेशान क्यों है?” स्वरूप चरण ने लिखा, ”मैं भी धोनी का समर्थन करता हूं.”</p><p><a href="https://twitter.com/Hariom93726949/status/1136954101734957057">https://twitter.com/Hariom93726949/status/1136954101734957057</a></p><p>कई लोगों ने लिखा कि धोनी, भारतीय टीम और बीसीसीआई को नियमों के साथ ही चलना चाहिए.</p><p>अमर ने लिखा, &quot;धोनी मुझे बेहद प्रिय है लेकिन अगर यह नियमों के खिलाफ़ है तो इसे हटा देना चाहिए. ये खेल है युद्ध नही. हर बात को देशभक्ति से न जोड़ें.”</p><p><a href="https://twitter.com/ramgopalthakur/status/1136954071548514304">https://twitter.com/ramgopalthakur/status/1136954071548514304</a></p><p>पिंटू सिंह चौहान लिखते हैं, &quot;नियम तो सभी के लिए एक जैसे है. जब अन्य खिलाड़ी आदेश का पालन कर सकते है फिर आप क्यों नहीं? भारत का और आर्मी नाम खराब ना करें.&quot;</p><p>मनोज सुमन लिखते हैं, &quot;नियम सबके लिये बराबर होना चाहिए लेकिन इस चिन्ह को नहीं हटना चाहिए.&quot;</p><figure> <img alt="कहासुनी" src="https://c.files.bbci.co.uk/D352/production/_107289045_7e97576b-5119-4970-ae55-3eace2e45d1e.jpg" height="593" width="595" /> <footer>BBC</footer> </figure><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href="https://www.bbc.com/hindi/sport-48539613?xtor=AL-%5B73%5D-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">जब जडेजा की वजह से टूटा दिल बुमराह ने जोड़ा </a></p><p>आईसीसी ने गुरुवार को इस संबंध में बीसीसीआई से निवेदन किया था कि वह धोनी के दस्तानों से वह निशान हटवा दे.</p><p>आईसीसी की जनरल मैनेजर, स्ट्रैटेजिक कम्युनिकेशंस क्लेयर फरलॉन्ग ने पीटीआई से इसकी पुष्टि की. उन्होंने कहा, &quot;यह नियमों के ख़िलाफ़ है और हमने इसे हटाने का अनुरोध किया है.&quot;</p><p>जब उनसे पूछा गया कि क्या इस नियम के उल्लंघन पर कोई सज़ा भी हो सकती है, क्लेयर ने कहा, &quot;पहले उल्लंघन के लिए, नहीं. सिर्फ उसे हटाने का निवेदन किया गया है.&quot;</p><p>भारत का अगला मैच 9 जून, रविवार को ऑस्ट्रेलिया के साथ है.</p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href="https://www.bbc.com/hindi/sport-48522938?xtor=AL-%5B73%5D-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">वर्ल्ड कप की टीम इंडिया धोनी की है या कोहली की?</a></p><figure> <img alt="महेंद्र सिंह धोनी" src="https://c.files.bbci.co.uk/620A/production/_107289052_f9b373bd-1b9c-4eb8-915d-779067797987.jpg" height="549" width="976" /> <footer>YOUTUBE GRAB</footer> </figure><h3>क्या है इंडियन आर्मी की पैराशूट यूनिट</h3><p>महेंद्र सिंह धोनी को पैराशूट रेजिमेंट में लेफ़्टिनेंट कर्नल की मानद रैंक दी गई है.</p><p>भारतीय सेना की पैराशूट यूनिट दुनिया की सबसे पुरानी एयरबोर्न यूनिट में से एक हैं. 50वीं भारतीय पैराशूट ब्रिगेड का गठन 27 अक्टूबर, 1941 में हुआ था. </p><p>ये ब्रिटिश 151वीं पैराशूट बटालियन, ब्रिटिश इंडियन आर्मी 152वीं भारतीय पैराशूट बटालियन और 153वीं गोरखा पैराशूट बटालियन से मिलकर बनी थी.</p><p>साल 1952 में पैराशूट रेजिमेंट का गठन इनसे और दूसरी कई इकाइयों से मिलकर किया गया था.</p><p>पैराशूट रेजिमेंट में फिलहाल नौ स्पेशल फ़ोर्सेज़, पांच एयरबोर्न, दो टेरीटोरियल आर्मी और एक काउंटर इंसरजेंसी (राष्ट्रीय राइफ़ल्स) बटालियन है.</p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href="https://www.bbc.com/hindi/sport-48536149?xtor=AL-%5B73%5D-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">वर्ल्ड कप 2019: विराट कोहली भारत की जीत के बाद क्या बोले </a></p><figure> <img alt="महेंद्र सिंह धोनी" src="https://c.files.bbci.co.uk/C86D/production/_107290315_bf39744d-86c3-47de-977f-eefea564851a.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h3>इससे पहले सेना की टोपी पर हुआ था विवाद</h3><p>इससे पहले मार्च में उन्होंने टीम इंडिया के बाकी क्रिकेटरों को आर्मी स्टाइल वाली कैप बांटी थी जिसे सभी ने एक अंतरराष्ट्रीय मैच में पहना था. </p><p>धोनी ने इसे पुलवामा हमले में शहीद हुए भारतीय सुरक्षाबलों के लिए श्रद्धांजलि बताया था. </p><p>इस पर भी पाकिस्तान ने भारतीय टीम पर खेल का ‘राजनीतिकरण’ करने का आरोप लगाया था और आईसीसी से कार्रवाई की अपील की थी. </p><p>हालांकि आईसीसी ने कहा था कि भारतीय टीम को ये कैप पहनने की इजाज़त है.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते 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