- बैंक प्रबंधन व पैक्स अध्यक्षों की लड़ाई में धान अधिप्राप्ति पर आफत
- पैक्स अध्यक्षों के धान अधिप्राप्ति बहिष्कार के बाद सुस्त हो गयी है धान खरीद की प्रक्रिया
- अबतक महज 1103 एमटी धान की हुयी है खरीद
- धोरैया व बेलहर में नहीं खुला खाता
- अबतक 177 किसानों से खरीदी गयी है धान
बांका :सृजन घोटाला का असर धान अधिप्राप्ति पर भी दिखने लगा है. दी भागलपुर सेंट्रल कॉपरेटिव बैंक अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए परेशान है. इसीलिए सीसी की राशि से दस फीसदी कटौती कर बैंक को व्यस्थित करने की कोशिश की जा रही है. यह कहना है मौजूद को-ऑपरेटिव बैंक अध्यक्ष देवेंद्र प्रसाद की. दरअसल, सृजन घोटाला प्रकरण में बैंक की 40 करोड़ राशि फंसी हुई है.
वहीं दूसरी ओर सीसी से दस प्रतिशत राशि कटौति सहित अन्य मुद्दों को लेकर जिले भर के कमोबेश सभी पैक्स अध्यक्षों ने को-ऑपरेटिव बैंक प्रबंधक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बैंक प्रबंधक व पैक्स अध्यक्षों के बीच ठनी इस लड़ाई में धान अधिप्राप्ति को भारी नुकसान पहुंच रहा है. किसानों की समस्या दोगुनी हो गयी है.
अलबत्ता, उन्हें मंडी व व्यापारी के हाथ सस्ते दाम में धान बेचनी पड़ रही है. ज्ञात हो विगत 11 जनवरी को विभिन्न मुद्दों को लेकर सभी पैक्स अध्यक्षों ने धान खरीद का बहिष्कार कर दिया है. पैक्स अध्यक्षों का कहना है कि जबतक उनकी समस्या व मांग पर जायज न्याय नहीं होगा, तब तक धान खरीद नहीं करेंगे.
इस वजह से धान खरीद काफी धीमी गति से चल रही है. जानकारी के मुताबिक जिले भर में 128 क्रय केन्द्र को एक्टिव किया गया है. परंतु अबतक महज 1103.468 एमटी धान की खरीद हुयी है. जबकी जिला का लक्ष्य 80 हजार एमटी है.
अलबत्ता, ऐसी स्थिति में लक्ष्य के 50 फीसदी तक पहुंच पाना भी संभव नहीं दिख रहा है. वहीं दूसरी ओर किसान की हालत काफी खराब दिख रही है. धान तैयार करने के बावजूद क्रय केन्द्र में बिक्री नहीं हो रही है. विभागीय रिपोर्ट के मुताबिक बेलहर व धोरैया में धान अधिप्राप्ति का अबतक खाता तक नहीं खुला है. जिले की बात करें तो कुल मिलाकर 177 किसानों ने अपना धान बेच पाया है.
प्रखंड वार धान खरीद की स्थिति (एमटी में)
अमरपुर- 275
बांका- 50
बाराहाट- 54
बौंसी- 163
बेलहर- शून्य
चांदन- 240
धोरैया- शून्य
कटोरिया- 08
फुल्लीडुमर- 92
रजौन- 116
शंभुगंज- 101
बैंक बचाने के लिए काटी जा रही राशि, जल्द लौटा देंगे : देवेंद्र प्रसाद
दी भागलपुर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष देवेंद्र प्रसाद ने बताया कि सृजन घोटाला प्रकरण में बैंक की करीब 48 करोड़ राशि अभी फंसी हुई है. बैंक धन में कमी हो गयी है. इसलिए सीसी से दस फीसदी राशि काटी जा रही है.
पैक्स अध्यक्ष यह भरोसा रखें की काटी गयी दस फीसदी राशि पर किसी प्रकार का ब्याज नहीं लिया जायेगा. शेयर की राशि भी लौटायी जायेगी. बैंक बचाना प्राथमिकता है, नहीं तो लाइसेंस तक रद्द हो सकता है. इस सिलसिले में अभी भी वे पटना में हैं.
वस्तु स्थिति से डीएम को कराया गया अवगत : जितेंद्र
दी सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने बताया कि पैक्स अध्यक्षों की मांग शत प्रतिशत जायज है. को-ऑपरेटिव बैंक प्रबंधक मनमानी कर रही है.
खरीद के लक्ष्य के अनुरूप सीसी नहीं दिया जा रहा है. बांका में 30 लाख क्विंटल धान की खरीद हो सकती है, परंतु लक्ष्य काफी कम निर्धारित है. किसान व पैक्स की समस्या से डीएम को अवगत कराते हुए इस पर न्याय संगत पहल का अनुरोध किया गया है. डीएम ने 19 जनवरी के बाद इस संबंध में बैठक करने का आश्वासन दिया है.