बांका : ठंड की दस्तक के साथ ही पर्यटन व दार्शनिक स्थल को देखने की इच्छा प्रबल हो जाती है. कई जिलावासी लंबी दूरी तय कर विभिन्न शहर पहुंच वहां की प्रकृति से अवगत होते हैं. जबकि दार्शनिक मन बांका की सौंदर्य वादियों में भी घूमने को लालायित रहता हैं. बांका जिला सौंदर्य की गोद में बैठा हुआ है. यहां की धरती पर जंगल व पहाड़, नदी व डैम जैसी प्रकृति संपदा का अकूत भंडार है. इस ठंड में ऐसे लोग जो बांका की सौंदर्य से अपरिचित हैं, उन्हें मौका है यहां की खूबसूरती को नजदीक से देखने की है. ज्ञात सौंदर्य से धनी बांका जिला पर्यटन की दिशा में तेजी से प्रसिद्धि पा रहा है. मंदार पहाड़ के साथ अनेकों प्राचीन स्थल हैं,
जहां की कृति दूर तक छायी हुयी है. अन्य जिला व अनेकों प्रांत से श्रद्धालु व पर्यक बड़ी संख्या में पहुंचते हैं. इस बार भी ठंड में घूमने के लिए बांका की धरती बांह फैलाकर स्वागत कर रही है. वहीं दूसरी ओर ठंड की उपस्थिति दर्ज होते ही युवा दिलों की धड़कन घुमंतू होने को बेकरार है. इस बार भी तमाम पर्यटन स्थल गुलजार होने के लिए उतावले हैं. युवाओं की रणनीति अभी से पिकनिक के लिए तैयार हो रही है. पर्यटन स्थल के रुप में पहली पसंद मंदार ही होता है.
परंतु यहां ऐसे कई स्थल हैं, जहां एक बार पहुंचने के बाद वादियां बार-बार आकर्षित करती हैं. 15 दिसंबर से बांका विहार का सिलसिला शुरु हो जायेगा. दरअसल, जनवरी माह मंदार की धरती श्रद्धालुओं के समागम से खिल जाता है. एक माह में लाखों-लाख पर्यटक मंदार भ्रमण के लिए पहुंचते है. इसके बाद फुल्लीडुमर अंचल क्षेत्र के झरना व कटोरिया क्षेत्र के झझवा पहाड़ सहित जिले के अन्य पर्यटन स्थल पर पर्यटकों की जबरदस्त भीड़ देखी जाती है.