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बस स्टैंड का निर्माण कार्य पड़ा ठप, जमीन पर पेच
महिला कॉलेज का दावा, 1983 में दान में मिली थी जमीन दाउदनगर अनुमंडल : कुछ महीना पूर्व नगर पंचायत द्वारा काली स्थान के पास खाली पड़ी जमीन पर बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड द्वारा उपलब्ध करायी गयी धन राशि से बस स्टैंड का निर्माण कार्य शुरू कराया गया था, लेकिन अब इसका निर्माण […]
महिला कॉलेज का दावा, 1983 में दान में मिली थी जमीन
दाउदनगर अनुमंडल : कुछ महीना पूर्व नगर पंचायत द्वारा काली स्थान के पास खाली पड़ी जमीन पर बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड द्वारा उपलब्ध करायी गयी धन राशि से बस स्टैंड का निर्माण कार्य शुरू कराया गया था, लेकिन अब इसका निर्माण कार्य बंद दिख रहा है.
निर्माण कार्य बंद होने के बाद कई तरह की चर्चाएं सुनने को मिल रही हैं. इसी जमीन पर महिला कॉलेज भी अपना दावा करता है. महिला काॅलेज के सचिव रघुवंश सिंह द्वारा व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद में स्वत्व वाद संख्या-349/2015 (रघुवंश सिंह बनाम बिहार सरकार) में अवर न्यायाधीश प्रथम द्वारा विवादित भूमि पर कोई निर्माण कार्य नहीं करने तथा यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया गया है. महिला कॉलेज के सचिव रघुवंश सिंह का कहना है कि चार एकड़ पांच डिसमिल बेलगान जमीन पूर्व में नगरपालिका दाउदनगर के स्वत्व व कब्जे में थी तथा नगरपालिका, दाउदनगर के तत्कालीन अध्यक्ष शिवशंकर सिंह ने 1983 में महिला काॅलेज को निबंधित दानपत्र से दे दी.
नगरपालिका अध्यक्ष द्वारा यह दानपत्र जेनरल मीटिंग के प्रस्ताव संख्या सात के आधार पर अंतरण किया गया था. दानपत्र से प्राप्त भूमि पर महिला काॅलेज, दाउदनगर का कुछ भाग पर निर्माण किया गया तथा शेष भूमि काॅलेज के खेल मैदान के रूप में प्रयुक्त होती है. दानपत्र की तिथि 30 अगस्त 1983 से ही महिला काॅलेज की भूमि पर भौतिक कब्जा हो गया.
इनका आरोप है कि नगर पंचायत उस जमीन पर बस स्टैंड का निर्माण कराना चाहती है. सचिव रघुवंश सिंह ने न्यायालय में अपील किया था कि प्रतिवादी के खिलाफ विवादित भूमि के बाबत निषेधाज्ञा जारी किया जाये कि प्रतिवादी विवादित भूमि के भौतिक स्वरूप में कोई बदलाव न करें. श्री सिंह ने बताया कि न्यायालय द्वारा उक्त जमीन पर 17 मार्च 2017 को ही विवादित भूमि पर कोई कार्य नहीं करने का आदेश निर्गत किया गया है.
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