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भोलेनाथ की भक्ति का आया महीना, इस बार के सावन में बन रहा पंच महायोग

औरंगाबाद : भगवान भोले की भक्ति का महीना सावन दस्तक दे चुका है. सावन को लेकर जिलेभर के शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़नी शुरू हो जायेगी. मंदिर समिति द्वारा इसकी तैयारी पूरी कर ली गयी है. इस सावन कई दुर्लभ संयोग भी बन रहे हैं. संयोग बनने का तात्पर्य यह है कि इस सावन […]

औरंगाबाद : भगवान भोले की भक्ति का महीना सावन दस्तक दे चुका है. सावन को लेकर जिलेभर के शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़नी शुरू हो जायेगी. मंदिर समिति द्वारा इसकी तैयारी पूरी कर ली गयी है. इस सावन कई दुर्लभ संयोग भी बन रहे हैं.

संयोग बनने का तात्पर्य यह है कि इस सावन में भगवान शंकर की आराधना करना अधिक लाभदायक होगा. शिवालयों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ेंगे और बाबा भोलेनाथ का जलाभिषेक व पूजन कर आशीर्वाद मांगेंगे. सावन को देखते हुए मंदिर कमेटी के साथ ही जिला और पुलिस प्रशासन द्वारा भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये जायेंगे. सावन को लेकर श्रद्धालुओं में खूब उत्साह है. इस सावन पंच महायोग बन रहे हैं.
इन मंदिरों में उमड़ेगा सैलाब : जिले के तमाम शिव मंदिरों में बुधवार से श्रद्धा का सैलाब उमड़ेगा. खासकर देवकुंड में भारी भीड़ उमड़ती है. शहर के अदरी नदी तट स्थित बुढ़वा महादेव मंदिर, न्यू एरिया का शिव मंदिर, रमेश चौक समीप महाकाल मंदिर, नागा बिगहा रोड स्थित मनोकामना मंदिर, कर्मा रोड स्थित बिजली ऑफिस शिव मंदिर, शाहपुर रोड स्थित शिव मंदिर, श्रीकृष्ण नगर शिव मंदिर, पीएचईडी कॉलोनी समीप शिव मंदिर समेत तमाम शिवालयों में भक्तों की भीड़ पहुंचेगी. इसे देखते हुए मंदिर समिति द्वारा तैयारी भी कर ली गयी है.
शिव की पूजा के लिए सर्वोत्तम है सावन का महीना : श्रावण मास में कोई जल चढ़ाने का संकल्प लेता है, तो कोई विल्वपत्र चढ़ाने का और कोई सोमवार के व्रत करने का संकल्प लेता है. प्रत्येक व्यक्ति अपने-अपने तरीके से भगवान शिव की आराधना करने का प्रयास करता है. श्रावण मास को भगवान शंकर की आराधना की दृष्टि से सर्वोत्तम माना जाता है.
ज्योतिषाचार्य पंडित सतीश कुमार पाठक ने बताया कि मां पार्वती ने शिव की प्राप्ति के लिए श्रावण मास में विशिष्ट अराधना की थी. इसलिए यह महीना आराधना की दृष्टि से सर्वोत्तम माना जाता है. पुराणों में चार मासों का विशेष महत्व बताया गया है. इनमें कार्तिक मास, माघ मास, वैशाख और श्रावण मास है. ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव को वर्ष के बारह महीनों में श्रावण मास उन्हें सबसे अधिक प्रिय है.
125 साल के बाद बन रहा पंच महायोग
देव के केताकी निवायी ज्योतिषाचार्य पंडित सतीश कुमार पाठक ने बताया कि इस बार सावन में 125 साल बाद पंच महायोग का संयोग बन रहा है. भगवान शंकर की पूजा-अर्चना विशेष फलदायी साबित होगी. 17 जुलाई को सूर्य प्रधान उत्तराषाढ़ा नक्षत्र से सावन माह की शुरुआत हो रही है. इस दिन वज्र और विष कुंभ योग भी बन रहा है.
इस बार पूरे 30 दिन का सावन है और इस दौरान चार सोमवार आयेंगे. इसमें तीसरे सोमवार को त्रियोग का संयोग बन रहा है जिसमें महाकाल की आराधना करना विशेष फलदायी होगा. पांच अगस्त को नागपंचमी का पर्व भगवान शिव के विशेष दिन सोमवार को होगा. सोमवार और नागपंचमी दोनों ही दिन भगवान शिव की आराधना की जाती है.
इसलिए इस बार नागपंचमी का विशेष महत्व है, जबकि कई साल बाद 15 अगस्त को चंद्र प्रधान श्रवण नक्षत्र में स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन का संयोग बन रहा है. रक्षाबंधन के दिन राष्ट्रीय पर्व होने से देश भर में विशेष उमंग और उत्साह का वातावरण होगा. राखियां भी तिरंगे की ही मिलेंगी. श्रावण मास के ग्रह नक्षत्र संकेत दे रहे हैं कि इस बार खंड वर्षा होगी. देश के अनेक इलाकों में रुक-रुक कर वर्षा होगी. कहीं बहुत ज्यादा तो कहीं कम बारिश हो सकती है.

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