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शराब के धंधे में आयी गिरावट देशी शराब में 22 प्रतिशत कमी

विदेशी शराब के धंधे में भी कमी औरंगाबाद शहर : उत्पाद विभाग एवं पुलिस के सख्ती के कारण शराबबंदी के बाद शराब के चुपका करोबार में काफी कमी आई है. 1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2017 एवं अप्रैल 2017 से नवंबर 17 तक आकड़ों के तुलनात्मक अध्यन करने से यही स्पष्ट होता है. राज्य […]

विदेशी शराब के धंधे में भी कमी
औरंगाबाद शहर : उत्पाद विभाग एवं पुलिस के सख्ती के कारण शराबबंदी के बाद शराब के चुपका करोबार में काफी कमी आई है. 1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2017 एवं अप्रैल 2017 से नवंबर 17 तक आकड़ों के तुलनात्मक अध्यन करने से यही स्पष्ट होता है. राज्य सरकार द्वारा अप्रैल 2016 से राज्य में पुर्णरूप से शराबबंदी की गई है.
उत्पाद विभाग एवं पुलिस शराबबंदी के हो रहे चुपका करोबार के खिलाफ सघन छापेमारी चलाये जाने के कारण इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में शराब का कारोबार कम हुआ है. हालांकि पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इस बार छापेमारी भी कम हुई है.
उत्पाद विभाग से प्राप्त आंकड़ों का पर गौर करे तो 1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2017 के दौरान जहां 1557.15 लीटर देसी शराब जब्त किया गया था, वहीं इस वित्तीय वर्ष में 1199.4 लीटर शराब जब्त किया गया है. इस प्रकार देखे तो यह पिछले वर्ष की तुलना में 22.97 प्रतिशत की कमी आई है. हालांकि इस वित्तीय वर्ष अभी पूर्ण रूप से समाप्त नहीं हुआ है. वहीं विदेशी शराब के चुपका कारोबार में काफी कमी आई है.
पिछले वित्तीय वर्ष के तुलना में इस वर्ष 75.82 प्रतिशत की कमी आई है. पिछले वर्ष जहां उत्पाद विभाग ने 356.31 लीटर विदेश शराब जब्त किया गया था वहीं इस वर्ष अबतक किये गये छापेमारी में 86.155 लीटर शराब जब्त किया गया है. विभाग के आंकड़े बताते हैं कि जहां देसी एवं विदेशी शराब के करोबार में कमी आई है वहीं बीयर के कारोबार में पिछले वर्ष की तुलना में काफी बढ़ोतरी हुई है.
पिछले वर्ष की तुलना में अबतक 395.55 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. पिछले वित्तीय वर्ष में जहां विभाग ने महज 4.55 लीटर बीयर जब्त किया था वहीं इस वर्ष के नवंबर माह तक 22.35 लीटर बीयर जब्त किया है. सघन छापेमारी एवं कार्रवाई का असर चुलाई शराब के करोबार पर भी देखने को मिल रहा है. पिछले वर्ष की तुलना में 248.35 प्रतिशत की कमी आई है. पिछले वर्ष 105.9 लीटर चुलाई शराब जब्त किये थे वहीं इस वर्ष 30.4 लीटर ही शराब जब्त किया गया है.
हालांकि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष छापेमारी भी कम हुई है. पिछले वर्ष 2846 छापेमारी की गई थी, वहीं इस वर्ष 1883 ही छापेमारी की गई है. छापेमारी के क्रम में जहां पिछले वर्ष 349 लोगों की गिरफ्तार किया गया वहीं इस वर्ष 211 लोग ही गिरफ्तार हुए. इस क्रम में देखे तो शराबबंदी के बाद से उत्पाद विभाग द्वारा 4729 जगहों पर छापेमारी की गई. 560 लोगों को गिरफ्तार करते हुए 2756.55 लीटर देसी शराब, 442.465 लीटर विदेशी शराब, 26.9 लीटर बीयर एवं 136.3 लीटर चुलाई शराब को जब्त किया गया है.
क्या कहते हैं उत्पाद अधीक्षक : उत्पाद अधीक्षक सुनील कुमार ने कहा कि निश्चित रूप से पहले के अपेक्षा शराब के चुपका करोबार में कमी आई है. राज्य सरकार द्वारा बनाये गये कड़े कानुनों के कारण लोगों में भय व्याप्त हो गया है.
पिछले वर्ष की तुलना में कम छापेमारी होने पर पूछे जाने पर कहा कि कारोबार ही कम हो रहे हैं. विभाग शराब के लिए पूरी तरह से सख्त है. उन्होंने बताया कि शराब मामले में जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उन पर चार्टसीट न्यायालय में दायर कर सजा दिलाया जाएगा.

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