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छठे दिन भी हड़ताल पर डटे रहे कर्मचारी इलाज को अस्पतालों में भटकते रहे मरीज

आंदोलन. स्वास्थ्यकर्मियों ने भैंस के आगे बीन बजा कर सरकार का किया विरोध औरंगाबाद कार्यालय : बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ पटना के आह्वान पर औरंगाबाद के संविदा कर्मियों का हड़ताल शनिवार को भी जारी रहा. संविदा कर्मियों ने सदर अस्पताल परिसर में धरने के दौरान भैंस के आगे बीन बजा कर सरकार का […]

आंदोलन. स्वास्थ्यकर्मियों ने भैंस के आगे बीन बजा कर सरकार का किया विरोध

औरंगाबाद कार्यालय : बिहार राज्य स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ पटना के आह्वान पर औरंगाबाद के संविदा कर्मियों का हड़ताल शनिवार को भी जारी रहा. संविदा कर्मियों ने सदर अस्पताल परिसर में धरने के दौरान भैंस के आगे बीन बजा कर सरकार का विरोध जताया. पूरे अस्पताल परिसर में भैंस के साथ घूम-घूम कर बीन बजाये और फिर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव का पुतला फूंका. इस मौके पर जिला एवं कार्यक्रम प्रबंधन इकाई में कार्यरत पदाधिकारी के साथ-साथ अस्पताल प्रबंधक, लेखापाल, प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक, आयुष चिकित्सक, एएनएम, फार्माशिष्ट, डाटा ऑपरेटर आदि मौजूद थे.
संविदा कर्मियों ने स्पष्ट तौर पर कहा कि स्वास्थ्य विभाग के तरफ से संविदा कर्मियों को हड़ताल से वापस लौटने के लिए शनिवार की शाम तक का अल्टीमेटम दिया गया है. सरकार बिना वार्ता के हड़ताल वापस लेने के लिए कह रही है.
जबकि संघ का निर्णय है जब तक सरकार के साथ सफल वार्ता नहीं होगी तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा. इधर धरना के दौरान संविदा कर्मियों ने जम कर सरकार पर अपनी भड़ास निकाली और स्पष्ट तौर पर कहा कि हमारी मांगे जब तक नही मानी जायेगी हम झुकेंगे नहीं. मौके पर डाॅ मो शम्मी, डाॅ प्रदीप कुमार शर्मा, डाॅ मनोज कुमार, सुशील कुमार, प्रवीण कुमार, हेमंत राजन, कुणाल किशोर, नागेंद्र केसरी आदि मौजूद थे. इधर संविधा कर्मियों के हड़ताल के कारण सदर अस्पताल की व्यवस्था चरमरायी हुई सी नजर आयी. वैसे सभी अस्पतालों की स्थिति एक जैसी थी.
मांगें पूरी करे राज्य सरकार : औरंगाबाद. समान काम के लिए समान वेतन एवं नियमित नियुक्ति करने समेत पांच सूत्री मांगों को लेकर स्वास्थ्य विभाग के संविदकार्मियों द्वारा किये जा रहे आंदोलन को भाकपा माले ने जायज बताया है. पार्टी के जिला कमेटी सदस्य योगेंद्र राम ने कहा कि संविदाकर्मियों का मांग जायज है. समान काम के लिए समान वेतन, नियमित नियुक्त, ईपीएफ कटौती, एचआर पॉलिसी, अनुकंपा का लाभ तथा आश्रितों को एकमुश्त राशि की शामिल है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कर्मियों के सभी मांगों को मानते हुए धरना को जल्द समाप्त कराये. इनके हड़ताल पर चले जाने के कारण आम लोगों को काफी परेशानी का समाना करना पड़ रहा है. अगर सरकार वार्ता कर समस्याओं का समाधान नहीं करेगी तो पार्टी कर्मचारियों के समर्थन में आंदोलन करेगी.
हड़ताल से मरीजों को हुई परेशानी : रफीगंज. विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चल रहे स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारियों का आंदोलन शनिवार को छठे दिन भी जारी रहा. इसके कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रफीगंज में पहुंचे मरीजों को हड़ताल का दंश झेलना पड़ा. बिना जांच कराये ही मरीज वापस लौटने पर मजबूर हो गये. वहीं, मांगों को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में संविदा कर्मियों ने प्रखंड अध्यक्ष स्वास्थ्य प्रबंधक रवि प्रकाश की अध्यक्षता में धरना दिया. इस दौरान अध्यक्ष ने कहा कि जब तक मांगें पूरी नहीं होती है, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. इसके लिए चाहें हमें कुछ भी करना पड़े. उन्होंने कहा कि कई वर्षों से जैसे-तैसे सरकार हम लोगों से काम ले रही है, लेकिन सरकार द्वारा हम लोगों पर कोई ध्यान आज तक नहीं दिया गया. समान काम-समान वेतन के हकदार हम लोग हैं. इसके लिए हम अपना लड़ाई जारी रखेंगे. इस मौके पर जिला अध्यक्ष डॉ मनोज कुमार, डॉ जावेद, डॉ कलामुद्दीन, जनार्दन शर्मा, सनी कुमार, निर्भय कुमार, एएनएम रागिनी पांडेय, सिम्मी कुमारी, उषा कुमारी सहित सभी कर्मी शामिल थे.
12 कर्मचारियों से उपाधीक्षक ने पूछा स्पष्टीकरण
संविदा कर्मियों के हड़ताल पर रहने के बाद सदर अस्पताल का कार्य प्रभावित होने की स्थिति में अस्पताल प्रबंधक हेमंत राजन सहित 12 कर्मियों से अस्पताल उपाधीक्षक डाॅ राजकुमार प्रसाद ने स्पष्टीकरण पूछा है. उपाधीक्षक के अनुसार चिकित्सक डाॅ राजेश रंजन, प्रबंधक हेमंत राजन, लेखापाल दयानंद चौरसिया, परिवार नियोजन परामर्शी स्वेता कुमारी, कार्यपालक सहायक रोहित कुमार, अक्षय कुमार, हुसैन आलम, राहुल कुमार शाही, बिजेंद्र कुमार, अजय नारायण, रोहित कुमार शाही और डाटा ऑपरेटर कुणाल किशोर से स्पष्टीकरण पूछा गया है. इनलोगों ने न तो किसी को चार्ज दिया और न ड्यूटी ही ज्वाइन किया.
362 से डीएम ने मांगा स्पष्टीकरण
जिलाधिकारी व जिला स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष कंवल तनुज ने प्रधान सचिव के पत्र के आलोक में जिले के 362 संविदा कर्मियों से स्पष्टीकरण पूछा है और स्पष्ट कहा है कि 24 घंटे के अंदर अपने मंतव्य के साथ सिविल सर्जन औरंगाबाद को जवाब भेजे. डीएम ने कहा है कि कार्य में लापरवाही बरतने वाले कर्मियों को बख्शा नहीं जायेगा.

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