औरंगाबाद : बिहार के औरंगाबाद जिले से अपने आप में एक चौंकाने वाली खबर आ रही है. यहां के सिविल सर्जन ने अपने तबादले के आखरी दिन 243 कर्मियों का तबादला कर दिया. दरअसल, जिले के सिविल सर्जन (सीएस) डॉ जनार्दन प्रसाद को जैसे ही उनके तबादले की सूचना मिली, साहब ने 243 एएनएम का तबादला कर दिया. सीएस के उठाये गये इस कदम के बाद सदर अस्पताल से लेकर सुदूर स्वास्थ्य केंद्रों तक इसकी चर्चा चलती रही. वहीं, सीएस के इस निर्णय के कारण स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों में काफी आक्रोश बना है.
जनस्वास्थ्य कर्मचारी संघ के मुताबिक, सिविल सर्जन को खुद के तबादले की सूचना मिलने के साथ ही उन्होंने 243 एएनएम का स्थानांतरण कर दिया. दूसरी ओर इस फैसले पर रोक के लिए पिछले 10 दिनों से स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं. इसके बावजूद सिविल सर्जन ने तबादले के दिन ही 243 एएनएम का ट्रांसफर कर दिया. साथ ही, निर्देश दिया गया है कि 27 जून तक नवपदस्थापित स्थान पर योगदान देना सुनिश्चित करेंगे, अन्यथा स्वत: विरमित हो जायेंगे. जून माह का मानदेय नवपदस्थापित स्थान से दिया जायेगा.
इस मामले में सिविल सर्जन डॉ जनार्दन प्रसाद ने कहा है कि जो एएनएम एक ही स्थान पर करीब तीन साल या उससे अधिक समय से पदस्थापित थीं, उन्हीं का स्थानांतरण किया गया है. स्थानांतरण के लिए लगातार निर्देश प्राप्त हो रहे थे. जब उनसे पूछा गया कि जिस दिन उनका स्थानांतरण हुआ, उसी दिन एएनएम का स्थानांतरण क्यों किया? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है. जब तक दूसरा पदाधिकारी प्रभार नहीं ले लेता, तब तक स्थानांतरण करने में कोई दिक्कत नहीं है. बिहार जन स्वास्थ्य कर्मचारी महासंघ के जिला मंत्री वशिष्ठ प्रसाद सिंह ने कहा है कि सिविल सर्जन ने नियम और कानून को ताक पर रख कर एएनएम का स्थानांतरण किया है.