विशेष मौकों पर लोगों को खुद करनी होती है सफाई.
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बोगड़ा नीचेधौड़ा में नहीं पहुंचती है प्रशासनिक सफाई परिसेवा
विशेष मौकों पर लोगों को खुद करनी होती है सफाई. पुराने कोयला डिपो को कचरे से भरने के कारण इलाके में फैली है दुर्गंध आसनसोल : नगर निगम के वार्ड नंबर 32 के बोगड़ा नीचेधौड़ा इलाके में सफाई की सरकारी परिसेवा नहीं मिलने से विशेष मौके पर लोग खुद सफाई करने को मजबूर है. यहां […]
पुराने कोयला डिपो को कचरे से भरने के कारण इलाके में फैली है दुर्गंध
आसनसोल : नगर निगम के वार्ड नंबर 32 के बोगड़ा नीचेधौड़ा इलाके में सफाई की सरकारी परिसेवा नहीं मिलने से विशेष मौके पर लोग खुद सफाई करने को मजबूर है. यहां ब्लीचिंग पाउडर और कीटनाशक का छिड़काव नहीं होता है. नौ हजार की आबादी वाले इस वार्ड में सफाई कर्मियों की संख्या सात है. पार्षद पूर्णशशि राय ने कहा कि उनके क्षेत्र में सफाई व्यवस्था की स्थित दुरुस्त है. जमीनी हकीकत में उनका यह दावा सच्चाई से परे है.
आंखों देखी ः वार्ड 32 बोगड़ा नीचेधौड़ा में जगह-जगह गंदगी का अंबार है. रेलवे साइडिंग में पुराने डिपू में बने गड्ढे को कचरा से भरने के कारण दुर्गंध पूरे इलाके में फैली है. कचरा गाड़ी इलाके की सारी गंदगी लाकर यहीं डाल रही है. दुगोला नीचेधौड़ा जीटी रोड से लेकर बोगड़ा श्मशान घाट तक काफी गंदगी है.
क्या कहते हैं स्थानीय निवासी? बोगड़ा नीचेधौड़ा इलाके के निवासी गुलेश्वर यादव ने कहा कि इलाके में सफाई नहीं होती है. हर ओर कचरा फैला हुआ है. कूड़ेदान नहीं होने से लोग कहीं भी कूड़ा फेंकने को विवश हैं. नगर-निगम की कचरा संग्रह गाड़ी यहां का कचरा नहीं उठाती है. जगह-जगह फैला कचरा आवारा पशुओं का चारागाह बन गया है. स्थानीय लोग खुद सफाई करते हैं. प्रशासन से सिर्फ आश्वासन मिलता है. यहां ब्लीचिंग पाउडर तथा कीटनाशक का छिड़काव नहीं होता है.
बोगड़ा नीचे धौड़ा इलाके के निवासी चंदन हेला ने कहा कि कूड़ेदान नहीं होने से लोग खुले में कहीं भी कचरा फेंकने को मजबूर हैं. जिससे इलाके में गंदगी चारों ओर फैली रहती है. विशेष मौके पर यहां प्रशासन की ओर से सफाई करवाई जाती है. प्रशासन से शिकायत के बावजूद भी यहां कूड़ेदान नहीं बैठाया गया. ब्लीचिंग पाउडर एवं कीटनाशक का छिड़काव व फॉगिंग मशीन का उपयोग यहां नहीं होता है.
बोगड़ा नीचे धौड़ा निवासी आजाद हेला ने कहा कि इलाके में सफाई नहीं होती है. सफाई के अभाव में नालियां जाम रहती हैं. जिससे दुर्गंध आती रहती है. ब्लीचिंग पाउडर तथा कीटनाशक का छिड़काव नहीं होने से मच्छरजनित बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है. विशेष मौकों पर ब्लीचिंग तथा कीटनाशक का छिड़काव होता है. फॉगिंग मशीन का उपयोग नहीं होता है.
क्या कहते हैं स्थानीय पार्षद?
स्थानीय पार्षद व मेयर परिषद सदस्य (जलापूर्ति) पूर्णशशि राय ने कहा इलाके में नियमित सफाई होती है.ब्लीचिंग पाउडर तथा कीटनाशक का छिड़काव भी नियमित किया जाता है. जरूरत के आधार पर फॉगिंग मशीन का उपयोग किया जाता है.
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