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शिक्षकों के अभाव में छात्रों की पढ़ाई हो रही बाधित

छात्र खुद कागज में हाजिरी बनाकर देते हैं शिक्षक को प्रतिदिन औसत तीन क्लास होने से छात्रों का भविष्य अधर में स्कूल का गेट हमेशा खुला है, छात्र अपने हिसाब से आते-जाते हैं बराकर : श्री मारवाड़ी विद्यालय बराकर के हिंदी माध्यम में कक्षा पांच से 12 तक कुल 1021 छात्रों पर कुल नौ शिक्षकों […]

छात्र खुद कागज में हाजिरी बनाकर देते हैं शिक्षक को

प्रतिदिन औसत तीन क्लास होने से छात्रों का भविष्य अधर में
स्कूल का गेट हमेशा खुला है, छात्र अपने हिसाब से आते-जाते हैं
बराकर : श्री मारवाड़ी विद्यालय बराकर के हिंदी माध्यम में कक्षा पांच से 12 तक कुल 1021 छात्रों पर कुल नौ शिक्षकों की तैनाती से छात्रों में भविष्य संकट में आ गया है. शिक्षक की मांग को लेकर अविभावक और शिक्षकों द्वारा जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक आधिकरियों से लगातार गुहार लगाने के बावजूद भी यहां शिक्षक की नियुक्ति नहीं हुई.
शिक्षकों की कमी के कारण विद्यालय में नियमित क्लास नहीं होता है. रूटिंग में कक्षा ग्यारह-बारह के लिए छह क्लास और पांच से दस के लिए आठ क्लास का प्रावधान है. शिक्षकों की कमी के कारण औसत तीन से चार क्लास ही हो पाता है. अधिकांश समय छात्र बाहर ही भटकते रहते हैं. अनुशासन की भारी कमी है. जिसे जब मन किया वह स्कूल से घर चला जाता है. छात्र खुद अपनी हाजिरी एक कागज में बनाकर शिक्षक को दे आते है.
छात्रों के भविष्य को लेकर चिंतित विद्यालय के शिक्षक सह स्कूल प्रबंधन समिति में शिक्षक प्रतिनिधि सुदर्शन कुमार सुधांशु ने कोलकाता उच्च न्यायालय में रिट पिटिशन दायर किया. जिसपर सुनवाई करते हुए अदालत ने जिला के स्कूल निरीक्षक से आठ सप्ताह के अंदर रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया है. आदेश की प्रति शुक्रवार को जिला स्कूल निरीक्षक को दे दिया गया.
क्या कहते हैं छात्र? विद्यालय में कक्षा ग्यारह कला संकाय की छात्रा अनुराधा कुमारी साव ने बताया कि इतिहास विषय में शिक्षक नहीं हैं. एक नई शिक्षिका आयी, लेकिन वह क्लास नहीं लेती हैं. अन्य विषय हिंदी, अंग्रेजी, भूगोल, ईवीएस में भी नियमित क्लास नहीं होता है. छह पीरियड में रोज दो से तीन पीरियड में ही क्लास होता है.
कक्षा ग्यारह कला संकाय की छात्रा सलोनी पटवा ने कहा कि अंग्रेजी क्लास सप्ताह में तीन दिन होता है. हिंदी और अंग्रेजी विषय में शिक्षक नहीं आते हैं. क्लास नियमित नहीं होने से पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित होती है. माध्यमिक में अच्छा रिजल्ट नहीं होने से अन्य कहीं दाखिला नहीं मिलने के कारण यहीं दाखिला लेना पड़ा.
कक्षा ग्यारह कला संकाय की खुशबू रजक ने कहा कि नियमित कक्षाएं नहीं होती है. छात्र एक कागज में अपनी हाजिरी बनाकर शिक्षक को स्टाफ रूम में जमा देकर आते हैं.
कक्षा ग्यारह की पार्वती कुमारी केवट ने बताया कि पढ़ाई नहीं होती है. स्कूल का गेट खुला रहता है. छात्र घूमते रहते हैं. जिसे जब मन किया, घर चला जाता है.

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