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गंदगी के कारण लोग यहां नहीं करते हैं बेटियों की शादी

सफाई को लेकर प्रशासन का हर दावा फेल, लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर क्लीन आसनसोल, ग्रीन आसनसोल का सपना कागजों में सिमटा पार्षद ने स्वीकार की सच्चाई, गिनायीं अपनी मजबूरियां आसनसोल : नगर निगम में वार्ड संख्या 41 दिलदारनगर इलाके के स्वीपरपाड़ा में गंदगी से बनी नारकीय स्थिति के कारण यहां लोग अपनी बेटी […]

  • सफाई को लेकर प्रशासन का हर दावा फेल, लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर
  • क्लीन आसनसोल, ग्रीन आसनसोल का सपना कागजों में सिमटा
  • पार्षद ने स्वीकार की सच्चाई, गिनायीं अपनी मजबूरियां
आसनसोल : नगर निगम में वार्ड संख्या 41 दिलदारनगर इलाके के स्वीपरपाड़ा में गंदगी से बनी नारकीय स्थिति के कारण यहां लोग अपनी बेटी का ब्याह करने से कतराते हैं. नालियां गंदगी से भरी पड़ी है, कूड़ेदान नहीं है, सामूहिक शौचालय की सफाई भी भगवान भरोसे है.
यहां से गुजरने वाले नाक में रुमाल डालकर निकलते हैं. ऐसे में यहां रहने वालों की स्थिति क्या है? इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है. स्थानीय लोग नियमित सफाई को लेकर पार्षद के पास शिकायत करते हैं. पार्षद भृगु ठाकुर ने स्वीकार किया कि सफाई कर्मियों की कमी के कारण इलाके की सफाई सही तरीके से नहीं हो पाती है.
आंखों देखी
वार्ड संख्या 41 के दिलदारनगर स्वीपरपाड़ा, उपरपाड़ा, भूईयांपाड़ा में गंदगी का अंबार लगा है. पानी निकासी की सही व्यवस्था नहीं है. जहां नाली है वह कचड़े से भरी है. नाली का पानी सड़कों पर बह रहा है. कूड़े पर मंडराते मक्खी एवं मच्छर रोगों को आमंत्रण दे रहे हैं. इलाके में कूड़ेदान न होने से कचरा चारों ओर बिखरा पड़ा है. सफाई को लेकर प्रशासन की उदासीनता यहां पूरी तरह से उजागर होती है.
क्या कहना है इलाके के लोगों का
दिलदारनगर स्वीपर पाड़ा निवासी किशोर हरिजन ने कहा कि वार्ड में गंदगी की भरमार के कारण लोग अपनी बेटियों को यहां ब्याहना नहीं चाहते हैं. मेहमानों के आने पर शर्मिंदगी उठानी पड़ती है. मेहमान आते हैं तो वे यहां ठहरने से कतराते हैं.
विक्की हरिजन ने कहा कि सफाई कर्मी हमारे इलाके में सफाई नहीं करते हैं. बाहर ही बाहर सफाई कर चले जाते हैं. इलाके में कभी कभार ही ब्लिचिंग पावडर का छिड़काव किया जाता है. सफाई कर्मियों से कुछ बोलने पर वे दुर्व्यवहार करते हैं.
मनोज हरिजन ने कहा कि कूड़ेदान नहीं होने से घरों का कूड़ा आस-पास ही फेंकना पड़ता है. जिससे इलाके में कूड़े का ढ़ेर जमा हो गया है. नियमित सफाई नहीं होने से बरसात में समस्या चरम पर होती है. प्रशासन की उदासीनता के कारण इस गंदगी के बीच जीवन यापन को बाध्य होते हैं. पार्षद की ओर से कोई पहल नहीं की जाती है.
अमर हरिजन ने कहा कि महीने में एक बार भी इलाके की सफाई नहीं होती है. सफाई कर्मी मनमर्जी रवैये से काम करते हैं. पार्षद से शिकायत करने पर वे सिर्फ आश्वासन ही देते हैं.
अनूप हरिजन ने कहा कि इलाके के नागरिक सफाई ही नहीं बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित हैं. आवास योजना का फॉर्म भर कर ले जाने के बावजूद मकान बनाने की दिशा में पहल नहीं की गयी है. घरों से निकलने वाले गंदे पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है. पक्का नाला नहीं होने से इलाके की गंदगी इलाके में ही रहती है. नालियों में कीटनाशक ब्लिचिंग पावडर का छिड़काव नहीं होने से मच्छरों का प्रकोप है.
उपेंद्र हरिजन ने कहा कि दूसरे वार्डों में तो फॉगिंग मशीन का उपयोग करते देखा है. हमारे वार्ड को इससे वंचित रखा गया है. महीने दो महीने में कभी कभार ही कीटनाशकों का छिड़काव किया जाता है. गंदगी के ढ़ेर, नालियों की कीचड़ से इलाके में संक्रामक बीमारियों का खतरा बना रहता है.
भुईयां पाड़ा निवासी अमर भुईयां ने कहा कि न तो इलाके में सफाई होती है और नहीं पार्षद सफाई कार्य का मुआयना करते हैं. ब्लिचिंग पावडर का भी छिड़काव पर्व त्योहारों में ही होता है. कीटनाशक का स्प्रे और फॉगिंग मशीन का उपयोग लोगों के लिए सपना बना है.
उत्तम भूंईयां ने कहा कि इलाके में नियमित रूप से सफाई नहीं होने के कारण लोग गंदगी खुद ही सफाई करने को बाध्य होते हैं. कूड़ादान की व्यवस्था नहीं होने से लोग कहीं भी गंदगी फेंक देते हैं. जिससे लोगों के बीच आपसी कलह बनना सामान्य बात हो गयी है. पार्षद से शिकायत करने पर कोई सुनवाई नहीं होती है.
दिलदारनगर उपरपाड़ा निवासी महेश प्रसाद ने कहा कि इलाके में नियमित रूप से सफाई नहीं होती है. नाली न होने से घरों की गंदगी की निकासी नहीं हो पाती, जिससे इलाके में दुर्गंध बनी रहती है. लोग मोहल्ले से गुजरते समय नाक ढंक कर गुजरते हैं. उसी दुर्गंध के बीच लोग जीवन यापन करने को बाध्य हैं.
क्या कहते हैं पार्षद
वार्ड 41 के पार्षद भृगु ठाकुर ने कहा कि वार्ड की जनसंख्या 12 हजार है. सफाई कर्मी सिर्फ 16 हैं. बड़ा इलाका होने के कारण पर्याप्त सफाई कर्मी न होने से वार्ड में पूरी तरह से सफाई नहीं हो पाती है. मेयर परिषद सदस्य (सफाई) लखन ठाकुर को समस्या से अवगत कराया गया है और पर्याप्त सफाई कर्मियों की मांग की गयी है. उन्होंने सफाइ कर्मी बढ़ाने का आश्वासन दिया था. लेकिन कर्मी की संख्या नहीं बढायी गयी है.
उपलब्ध सफाई कर्मियों से इतने बड़े वार्ड की सफाई करवा पाना संभव नहीं है. जरूरत के अनुरूप वार्ड के इलाकों में कीटनाशक का छिड़काव, फॉगिंग मशीन का उपयोग किया जाता है. उन्होंने कहा कि वे अपने स्तर से हर प्रयास कर रहे हैं

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