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गोद में मरीज को उठा कर ले जाते हैं परिजन

ट्रॉली मिली तो जमा करना पड़ता है एपिक कार्ड, आधार कार्ड, मोबाइल फोन कॉलेज प्रिंसिपल, अस्पताल के उपाधीक्षक ने किया निरीक्षण, स्टोर में दर्जनों ट्रॉली अस्पताल मरीज कल्याण समिति के चेयरमैन सह मंत्री सपन देवनाथ ने दिया आदेश बर्दवान : बर्दवान मेडिकल कॉलेज अस्पताल के स्टोर में ट्रॉली तथा स्ट्रेचर रहने के बाद भी मरीजों […]

ट्रॉली मिली तो जमा करना पड़ता है एपिक कार्ड, आधार कार्ड, मोबाइल फोन

कॉलेज प्रिंसिपल, अस्पताल के उपाधीक्षक ने किया निरीक्षण, स्टोर में दर्जनों ट्रॉली
अस्पताल मरीज कल्याण समिति के चेयरमैन सह मंत्री सपन देवनाथ ने दिया आदेश
बर्दवान : बर्दवान मेडिकल कॉलेज अस्पताल के स्टोर में ट्रॉली तथा स्ट्रेचर रहने के बाद भी मरीजों के परिजनों को इन्हें उपलब्ध नहीं कराया जाता है. मजबूरी में मरीजों के परिजन उन्हें गोद में उठा कर ले जाते हैं. परिजनों ने बताया कि ट्राली ब्याय नहीं मिलता. अपने स्तर से ट्रॉली या स्ट्रेचर लेने पर परिजनों को मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड के साथ ही मोबाइल फोन भी जमानत के बतौर रखना पड़ता है. ट्रॉली वापस करने पर ही उन्हें ये वापस मिल पाती हैं.
परिजनों का कहना है कि अस्पताल में जाने पर मरीजों को एक विभाग से दूसरे विभाग में ले जाने के लिए ट्रॉली नहीं मिलती है. परिजन गोद में ले जाने को विवश होते हैं. मरीजों को मेडिकल जांच के दौरान बर्दवान अस्पताल में जाना पड़ता है. दक्षिण बंगाल के अव्वल अस्पतालों में शामिल मरीजो को इलाज कराने के दौरान इस परेशानी से जूझना पड़ता है. गोद में मरीज को ले जाने पर दुर्घटना की भी आशंका रहती है.
बीरभुम के बोलपुर थाना अंतर्गत बाहिरी गांव निवासी सुबल माल ने बताया कि चचेरी बहन को इलाज के लिए बर्दवान मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले आये. आपातकालीन विभाग में इलाज कराने के बाद मेडिकल जांच के लिए अन्य विभाग में भेजा गया. काफी प्रयास के बाद भी परिजनों को ट्रॉली नहीं मिली. ट्रॉली व्याय भी मौजूद नहीं था. इस कारण बहन को गोद में उठा कर ले जाना पड़ा. बर्दवान जिले के खंडघोष थाना अंतर्गत लोदना निवासी सुकुर अली ने बताया कि गांव के एक रिश्तेदार का इलाज कराने बर्दवान मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आये हैं. आपातकालीन विभाग से मरीज को ले जाने के लिए मतदाता पहचान पत्र तथा आधारकार्ड पेश करने पर ट्रॉली मिली.
कोई ट्रॉली ब्याय नहीं मिला. परिजन ही ट्रॉली ठेल कर ले गये. बर्दवान मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रबीर सेनगुप्त तथा तथा अस्पताल के उपाधीक्षक अमिताभ साहा को सूचीत किया गया. दोनों अधिकारियों ने विभिन्न वार्डो का दौरा किया. जांच में खुलासा हुआ कि अस्पताल के स्टोर में बड़ी संख्या में ट्रॉली मौजूद है. इसके बाद उन्होंने संबंधित अधिकारी को काफी फटकार लगाई. इसके बाद ट्रॉली ब्याय को तलब किया गया.
अस्पताल मरीज कल्याण समिति के चेयरमैन तथा राज्य के लघु व उद्योग मंत्री सपन देबनाथ ने बताया कि पहचानपत्र पेश कर ट्रॉली तथा स्ट्रेचर लेने का कोई नियम नहीं है. इस मुद्दे पर फौरन कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है. स्टोर में रखने के लिए ट्रॉलियों का आवंटन नहीं किया गया है.

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