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Friday, March 29, 2024

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लटक सकता है वेज रिवीजन, बोनस

विडम्बना : सेल-आईएसपी कर्मियों को निकट भविष्य में केंद्र सरकार दे सकती है झटका नये वेज कोड में सरकार ने तीसरे पक्ष को किया वेतन समझौते में शामिल एनजेसीएस की बैठक नयी दिल्ली में सात सितंबर को, दोनों पर होगी चर्चा आसनसोल : इस्को स्टील प्लांट (आईएसपी) सहित स्टील ऑथोरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के […]

विडम्बना : सेल-आईएसपी कर्मियों को निकट भविष्य में केंद्र सरकार दे सकती है झटका

नये वेज कोड में सरकार ने तीसरे पक्ष को किया वेतन समझौते में शामिल
एनजेसीएस की बैठक नयी दिल्ली में सात सितंबर को, दोनों पर होगी चर्चा
आसनसोल : इस्को स्टील प्लांट (आईएसपी) सहित स्टील ऑथोरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के सभी कर्मचारी वेतन समझौता के लिए नेशनल ज्वाइंट कमेटी फॉर स्टील (एनजेसीएस) की बैठक का इंतजार कर रहे हैं. उन्हें आशा है कि दुर्गापूजा के पहले बोनस पर फैसला हो जायेगा. इसी बीच केन्द्र सरकार ने सभी सरकारी प्रतिष्ठानों में सरकारी गजट में प्रकाशन कर नये वेज कोड को लागू कर दिया है, जो वेतन, बोनस व उससे संबंधित निर्णयों यों के लिए जिम्मेवार होगी.
इसके बाद वेज रीविज तथा बोनस के मुद्दे पर विलंब होने की संभावना है. वर्तमान सरकारी निर्देश के मुताबिक अब कर्मचारियों के वेतन समझौते सहित सभी मामलों में यूनियन प्रबंधन के अलावा केन्द्रीय श्रम मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे. अब तक सेल में कर्मियों के वेतन समझौते में यूनियन तथा प्रबंधन के बीच द्विपक्षीय समझौता होता था.
इसे इस्पात मंत्रालय की अनुशंसा के बाद क्रियान्वित किया जाता था. इसमें तृतीय पक्ष के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी. नये वेज कोड लागू होने के बाद केन्द्र सरकार ने तीसरे पक्ष को कमेटी में ही शामिल कर लिया है. इसके बाद ही कई तरह के कयास लगाये जा रहे हैं. केन्द्र सरकार ने अगस्त, 2019 में सरकारी गजट में नये वेज कोड प्रकाशित करते हुए सभी सरकारी उपक्रमों को इसके तहत समाहित किया है. अब वर्तमान उपक्रम के कर्मियों के वेतन समझौते के लिए तीन पक्षीय समिति फैसला लेगी. इसमें प्रबंधन के प्रतिनिधि कर्मचारियों के प्रतिनिधि समान संख्या में शामिल होंगे.
स्वतंत्र प्रतिनिधि कुल कमेटी के एक तिहाई संख्या में शामिल होंगे. बैठक में यह स्वतंत्र प्रतिनिधि भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे. इस तरह अब वेतन समझौता में सीधा दखल होगा. सेल में अब तक वेतन समझौता था बोनस को लेकर दोपक्षीय व्यवस्था लागू थी. इसके तहत प्रबंधन तथा यूनियन मिल कर कर्मियों के हित में फैसला ले लेते थे. लेकिन अब स्वतंत्र सदस्य होने से सरकारी नीतियों डीओपीटी गाइड लाइन की अनदेखी नहीं की जा सकेगी.
सरकार के प्रतिनिधि उन गाइड लाइन का पालन के लिए कड़ा रुख अपनाने के लिए हाजिर रहेंगे. ऐसे में सेल में वेतन समझौते तथा बोनस जैसे मामले भी लटक सकते हैं. आईएसपी कर्मियों का वेतन समझौता जनवरी, 2017 से लंबित है. डीपी गाइड लाइन की वजह से इसको लेकर कोई फैसला जल्द होगा.
यह उम्मीद कम ही है. इससे सेल के कर्मचारी व अधिकारी दोनों ही प्रभावित हैं. अब सात सितंबर को होने वाली बैठक से कर्मियों को बहुत उम्मीद है. तब वेज कोड के आमद ने सभी को सकते में ला दिया है.
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