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सुरंग निर्माण को ब्लास्टिंग से थर्राया इलाका

कालिम्पोंग : सेवक-रंग्फू रेल परियोजना के साथ विवाद का नाता छूटा नहीं है. इसी कड़ी में ताजा घटना गुरुवार को लोहापुर और रोंगचोंग के बीच खोदे जा रहे सुरंग में ब्लास्टिंग का है. सेवक-रंग्फू रेल परियोजना की जिम्मेवारी इरकॉन कंपनी को मिली है. जबकि इस कंपनी के अधीन कई कंपनियां परियोजना के लिए काम कर […]

कालिम्पोंग : सेवक-रंग्फू रेल परियोजना के साथ विवाद का नाता छूटा नहीं है. इसी कड़ी में ताजा घटना गुरुवार को लोहापुर और रोंगचोंग के बीच खोदे जा रहे सुरंग में ब्लास्टिंग का है. सेवक-रंग्फू रेल परियोजना की जिम्मेवारी इरकॉन कंपनी को मिली है.

जबकि इस कंपनी के अधीन कई कंपनियां परियोजना के लिए काम कर रही है. लोहापुल से रोंगचोंग का परियोजना का जिम्मा पिछले तीन सालों से एबीसीआई कंपनी के पास है. लेकिन तीन साल से बिना ब्लास्टिंग लाइसेंस के ही उक्त कंपनी ने 88 मीटर सुरंग की खुदाई कर दी है.
अभी हाल में ही कंपनी को ब्लॉस्टिंग का लाइसेंस मिला है. जिसके बाद कल पहली बार दोपहर को कंपनी ने ब्लास्टिंग किया. ब्लास्टिंग इतना जबरदस्त था कि लोहापुल व आसपास के लोग भयभीत हो गये. इलाके में अफरा-तफरी मच गयी. ब्लास्टिंग से भयभीत स्थानीय लोगों ने परियोजना के काम को बंद करा दिया.
मिली जानकारी के अनुसार ब्लास्ट के बाद स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे व शिक्षक बाहर निकल गये. घर में रहने वाली महिलाएं काम छोड़कर भागने लगी. दरअसल लोहापुर से पांच सौ मीटर की दूरी पर जमीन के नीचे ब्लॉस्टिंग करने पर इलाके में भूकंप की स्थिति पैदा हो गयी. स्थानीय निवासी हरि न्योपाने ने बताया कि ब्लास्ट की बाद जान बचाने के लिए लोग इधर-उधर भागने लगे.
गांववासियों का कहना है कि एनएचपीसी द्वारा पानी छोड़ने पर सायरन बजता है, परंतु रेलवे का काम करने वाले उक्त कंपनी ने बिना कोई सूचना दिये ही ब्लास्टिंग का उपयोग कर क्षेत्रवासी के मन में डर का माहौल पैदा कर दिया. क्षेत्रवासियों ने बताया कि 2011 में आये विनाशकारी भूकंप का अनुभव क्षेत्र में हुआ था.
जब बाद में पता चला तो ब्लास्टिंग से कम्पन होने की बात स्थानीय लोगों ने कंपनी से कहा. भय से लोग रात को चैन की नींद नहीं सो सके. लोगों का कहना है कि केंद्र सरकार की इस राष्ट्रीय हित परियोजना से हमें कतई एतराज नहीं है. परंतु देश के उक्त प्रोजेक्ट के कारण क्षेत्र की सुरक्षा पर यदि आंच आता है तो उसकी ज़िम्मेवारी कौन लेगा?
स्थानीय लोगों ने बताया कि सुरंग के लिए बन रहा हॉल लोहापुल से पांच सौ मीटर की दूरी पर है. जो भविष्य में लोहापुल होते हुए रम्बी तक 2.1 किलोमीटर तक अंदर जायेगा. जब सुरंग लोहापुल पहुंचेगा एवं ब्लास्टिंग का उपयोग यदि किया जाता है तो क्षेत्रवासियों को वहां से विस्थापित होने का डर भी सता रहा है. स्थानीय लोगों ने अब उक्त क्षेत्र से अन्य जगह लोगों को लेकर बसाने की मांग रखी है.
दरअसल कम्पनी ने सुरंग-5 का काम गत तीन साल पहले शुरू किया था. 8/8 के सुरंग के हॉल तक 2.1 किलोमीटर में सिर्फ 88 मीटर बना है. पहाड़ के अंदर से सुरंग बनने के कारण पहाड़ काटने हेतु ब्लास्टिंग अनिवार्य भले ही है, परंतु एक ब्लास्टिंग में ही नींद उड़ने की घटना से लोग भयभीत हैं.
लोगों ने ब्लास्टिंग के बाद रेलवे ऑफिस में जाकर काम बंद करने की मांग की. गुरुवार को परियोजना स्थल पर जाकर काम को बंद करा दिया. इस विषय पर एबीसीआइ कम्पनी के एजीएम संजीव सिंह ने कहा कि पत्रकारों को आस्वस्त किया कि उच्च अत्याधुनिक तकनीक से किये गए ब्लास्टिंग के कारण कोई भी क्षति नहीं होगा.
ब्लास्टिंग करने के दौरान चार एजेंसी की उपस्थिति में पहला ब्लास्टिंग सफलता पूर्वक करने की जानकारी दी. हॉल आधुनिक पद्धति में क्षति के भय कम होता है. जिसके कारण देश समेत पूर्वोत्तर भारत में रेलवे के कार्य में उक्त पद्धति द्वारा काम करने की जानकारी उन्होंने दी.
रेलवे परियोजना के लिए सरकार द्वारा क्षेत्र के सर्वेक्षण पूरा करने के बाद ही कंपनी को ब्लास्टिंग की अनुमति मिलने की जानकारी उन्होंने दी. आज से क्षेत्रवासी के विरोध के बाद टनल-5 का काम रुका है. नॉर्थइस्ट फ्रंटियर रेलवे, इरकॉन एवं प्रशासन को घटना की सूचना कंपनी ने दे दिया है. जब तक ये निकाय से निर्णय नहीं आता है, तब तक काम को रोककर रखने की जानकारी दी.
कैदी की मौत पर परिजनों ने किया पथावरोध
कोलकाता. दक्षिण 24 परगना के बारूईपुर संशोधनागार में एक कैदी की संदिग्ध मौत के बाद उसके परिजनों ने गुरुवार सुबह गरिया में पथावरोध कर दिया. मृतक का नाम काजल दे (31) बताया गया है. मिली जानकारी के अनुसार, काजल को विगत शनिवार यानि 17 अगस्त को पुलिस ने अवैध रूप से शराब बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया था.
पुलिस ने उसे रविवार को बारूईपुर महकमा अदालत में पेश किया. वहां से उसे जेल हिरासत में भेज दिया गय था. उसके परिजनों ने बताया कि सोमवार को जब वे जेल में काजल से मिलने गये तो उसके शरीर पर पट्टियां बंधी देखी.
वह बुधवार की रात अचानक बीमार पड़ा और अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. जिससे गुस्साये परिजनों व स्थानीय लोगों ने गुरुवार की सुबह गरिया सड़क अवरोध कर विरोध जताया. करीब दो घंटे तक पथावरोध चलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच के आश्वासन के बाद अवरोध समाप्त कराया.
वहीं पुलिस ने बताया कि बुधवार की देर शाम अचानक काजल की अचानक तबीयत खराब हो गयी और वह अचेत होकर गिर पड़ा. उसे तुरंत बारुईपुर महकमा अस्पताल ले जाया गया. वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. बारुईपुर जिला पुलिस ने संदिग्ध मौत का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है.

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