आसनसोल़ : भारतीय रेल वातानुकूलित (एसी) बोगी में सफर करने वाले यात्री आये दिन ट्रेन में गंदे चादर तथा कंबल मिलने की शिकायत करते रहते हैं. रेल मंत्री को ट्विट करने से लेकर कोच अटेंडेंट के साथ बकझक करते रहते हैं. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा़. रेलवे बोर्ड ने इसका उपाय निकाल लिया है.
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… तो वातानुकूलित बोगी में नहीं मिलेंगे गंदे कंबल व चादर
आसनसोल़ : भारतीय रेल वातानुकूलित (एसी) बोगी में सफर करने वाले यात्री आये दिन ट्रेन में गंदे चादर तथा कंबल मिलने की शिकायत करते रहते हैं. रेल मंत्री को ट्विट करने से लेकर कोच अटेंडेंट के साथ बकझक करते रहते हैं. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा़. रेलवे बोर्ड ने इसका उपाय निकाल लिया है. अब […]
अब यात्रियों को दिये जाने वाले बेड रोल की इलेक्ट्रानिक टैगिंग की जायेगी. यह सिस्टम जल्द ही लागू होने जा रहा है़. रेलवे प्रशासन की ओर से अब रेल यात्रियों को जो बेडरोल तथा कंबल मुहैया कराये जायेंगे उनमें इलेक्ट्रानिक टैग लगा होगा़. इस टैग को सेंट्रल कंप्यूटर सेंटर से लिंक किया जायेगा.
जैसे ही 15 दिन पूरे होने वाले होंगे, उससे पहले यह एक अलर्ट जारी करेगा कि उस कंबल को धुलने के लिए भेजना है़. यह व्यवसथा ठीक उसी तरह होगी़ जैसी शापिंग मॉल में किसी उत्पाद पर टैग लगा होता है़. टैग को स्कैन करने पर पूरी जानकारी खुद कंप्यूटर में फीड हो जायेगी़.
इन कंबलों और विस्तरों को धुलाते वक्त स्कैनर से स्कैन किया जायेगा. हर कंबल और विस्तर का एक अलग आइडी नंबर होगा़ यह नंबर टैग पर ही अंकित रहेगा़. धुलाई के 15 दिन बाद उसे लॉड्री में लाना ही होगा़. ऐसा न होने पर 16वें दिन कंप्यूटर पर अलार्म बजेगा़. आइडी नंबर से पता चल जाएगा कि कौन सा कंबल धुलाई के लिए समय पर नहीं लाया गया है़.
ट्रेन में आइडी नंबर के आधार पर ही गंदे कंबल तथा बिस्तर की पहचान की जायेगी.इस नयी व्यवस्था को सबसे पहले उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल लागू करने जा रहा है़. आगामी 15 सितंबर से शुरू होगी़. इसके सफल होने पर आसनसोल समेत पूर्व रेलवे के सभी मंडलों में इसे लागू किया जायेगा.
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