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दोहरे हत्याकांड में तीन दिनों की ट्रांजिट रिमांड

दुर्गापुर : मध्य प्रदेश के सागर के आरटीओ ऑफिस के समीप पिछले सोमवार को कार में सीमेंट कारोबारी बृजेश चौरसिया (45) उर्फ अजय चौरसिया एवं उसकी पुत्री महिमा चौरसिया (16) की हत्याकांड मामले में मध्य प्रदेश की पुलिस रंजन राय को दुर्गापुर के इस्पात नगर इलाके से सोमवार की सुबह गिरफ्तार कर लिया. मंगलवार को […]

दुर्गापुर : मध्य प्रदेश के सागर के आरटीओ ऑफिस के समीप पिछले सोमवार को कार में सीमेंट कारोबारी बृजेश चौरसिया (45) उर्फ अजय चौरसिया एवं उसकी पुत्री महिमा चौरसिया (16) की हत्याकांड मामले में मध्य प्रदेश की पुलिस रंजन राय को दुर्गापुर के इस्पात नगर इलाके से सोमवार की सुबह गिरफ्तार कर लिया.

मंगलवार को आरोपी को दुर्गापुर महकमा अदालत के पेश कर आरोपी को तीन दिनों के लिए ट्रांजिट रिमांड पर लिया गया. पुलिस को हत्याकांड में शामिल रंजन राय के पास से मृतक बृजेश चौरसिया का गुम हुआ मोबाइल फोन बरामद करने में सफलता मिली है.
आरोपी रंजन ने बृजेश चौरसिया हत्याकांड में शामिल रहने की बात कबूल कर ली है. मध्य प्रदेश के सिविल लाइन थाना के सब इंस्पेक्टर गौरव तिवारी के नेतृत्व में पांच पुलिस कर्मियों का दल दुर्गापुर पहुंचा था. गौरव तिवारी के साथ सब इंस्पेक्टर अजित सिकरवार, आरक्षी गोविंद यादव, बृजेश शर्मा एवं हकीम सिंह शामिल थे.
सब इंस्पेक्टर गौरव तिवारी ने बताया कि 16 जुलाई की रात संदिग्ध कार में पिता पुत्री का पाए गए शव पाए जाने के बाद पुलिस लाइन थाना जांच शुरू करते हुए 149 /19 के तहत केस दर्ज कर मामला शुरू किया. घटनास्थल से रिवॉलवर गायब एवं मृतक का मोबाइल फोन गायब एवं सुसाइड नोट पाए जाने से पुलिस से आत्महत्या मान रही थी. फॉरेंसिक रिपोर्ट के बाद पुलिस इसे हत्या मानकर जांच शुरू की.
गुप्तचरो से पता चला कि दो दिनों से बाहरी युवक आया था, रंजन राय जो कि बिहार के पटना का रहने वाला है. लेकिन वह दुर्गापुर में लंबे अर्से से शरण लेकर रह रहा था. टावर लोकेशन के सहयोग से रंजन को दुर्गापुर से गिरफ्तार किया गया है. इस हत्याकांड मामले में रंजन राय की पहली गिरफ्तारी हुई है, आरोपी के खिलाफ भादवि की धारा संख्या 302/ 306/ 120बी/ 109,आईपीसी एंड 25, 27 आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज किया गया है.
अय्याशी की आदत ने रंजन को धकेला जुर्म में
रंजन राय के बारे में कई खुलासे हुए हैं. रंजन राय के पिता भोला राय दुर्गापुर इस्पात संयंत्र में जेनरल मैनेजर के पद पर कार्यरत थे. 90 के दशक में पिता सेवानिवृत्त हो जाने के बाद अपने परिवार के साथ पटना के कृष्णापुर थानांतर्गत पंचमुखी हनुमान मंदिर के पास आलीशान मकान में रहने लगे. रंजन राय बचपन से मेधावी छात्र था
इंजीनियरिंग का पढ़ाई कुछ दिन करने के बाद उसने पढ़ाई छोड़ दिया ,अधिक पढ़ा लिखा होने के कारण रंजन फर्राटे से अंग्रेजी बोलता था. पिता पटना में शिफ्ट हो जाने के बाद रंजन दुर्गापुर के आनंद विहार में रहने लगा.
वह बेहद अय्याश प्रवृति का था, उस दौरान ब्यूटी पार्लर की बंगाली युवती के साथ घर वालों के खिलाफ शादी रचाने के बाद पिता ने अपनी संपत्ति से रंजन को बेदखल कर दिया था. अय्याशी की आदत के कारण पत्नी ने उसे तलाक दे दिया. उसके गम में रंजन ने खुद अपना शरीर पर आग लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था. घर वालों के सहयोग से उसे बचा लिया गया.
करीब 15 वर्षों से दुर्गापुर में ही अपने दोस्तों के साथ रहता था, शराब एवं बुरी आदत के कारण समाज मे रंजन की काफी बदनाम था. कुछ दिनों के बाद रंजन किसी कंपनी के अधीन मध्य प्रदेश में वेतन पर नौकरी के लिए गया था. रंजन की पहचान बृजेश चौरसिया, दीपक चौरसिया कुछ ठेकेदारों से हो गई. कुछ दिन रहने के बाद रंजन काम छोड़कर दुर्गापुर आ गया था.
अय्याशी की बुरी आदत तो के कारण दुर्गापुर इस्पात संयंत्र के जीएम का बेटा रंजन पूरी तरह से बेरोजगार हो गया ,उसके पास जमा रुपया भी धीरे धीरे खर्च हो गया था. हर दिन रंजन राय अपने उपर हजारों रुपए खर्च किया करता था. अय्याशी के कारण हीं उसने बृजेश चौरसिया हत्या करने की जुर्म कबूली होगा. रंजन राय के पास से 90 हजार रुपया बरामद किया गया है. जो सुपारी देने वाले ने रंजन को दिया था.

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