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पश्चिम बर्दवान में तृणमूल कमेटियों का गठन होगा 21 जुलाई के बाद

आसनसोल : पश्चिम बर्दवान जिले में संसदीय चुनाव के बाद तृममूल जिलाध्यक्ष वी शिवदासन उर्फ दासू के स्थान पर आसनसोल के मेयर सह विधायक जितेन्द्र तिवारी के जिलाध्यक्ष बनाये जाने के बाद पार्टी की जिला कमेटी से लेकर प्रखंड कमेटी तथा अन्य निचली कमेटियां स्वत: भंग हो गई है. हालांकि नई कमेटियों के गठन की […]

आसनसोल : पश्चिम बर्दवान जिले में संसदीय चुनाव के बाद तृममूल जिलाध्यक्ष वी शिवदासन उर्फ दासू के स्थान पर आसनसोल के मेयर सह विधायक जितेन्द्र तिवारी के जिलाध्यक्ष बनाये जाने के बाद पार्टी की जिला कमेटी से लेकर प्रखंड कमेटी तथा अन्य निचली कमेटियां स्वत: भंग हो गई है.

हालांकि नई कमेटियों के गठन की प्रक्रिया शुरू करने से पहले पार्टी नेतृत्व नेताओं तथा कर्मियों की सक्रियता की जांच करना चाहता है. इस दिशा में नये तथा पुराने नेताओं को शामिल कर समायोजन का प्रयोग करने की तैयारी चल रही है. इस संबंध मे पूचे जाने पर जिलाध्यक्ष श्री तिवारी ने कहा कि 21 जुलाई की शहीद रैली के बाद ही कमेटी गठन की प्रक्रिया शुरू होगी.

सनद रहे कि श्री शिवदासन को जिलाध्यक्ष पद से हटाने तथा श्री तिवारी को जिलाध्यक्ष बनाने से संवैधानिक स्तर पर जिला कमेटी से लेकर निचले स्तर की हर कमेटी स्वत: भंग हो जाती है. बीते 25 मई को ही पार्टी नेतृत्व ने जिला नेतृत्व बदल दिया. इसके बाद कोई जिला कमेटी या निचली कमेटी अस्तित्व मे नहीं है.
संसदीय चुनाव परिणाम आते ही पार्टी को जिले में काफी झटका लगा था. वर्ष 2014 की तुलना में एक लाख मतों (4.41 फीसदी) की वृद्धि करने के बाद भी पार्टी को 1.93 लाख मतों के अंतर से हारना पड़ा था. हालांकि इसका मुख्य कारण पिछले संसदीय चुनाव में वाममोर्चा तथा कांग्रेस के मिले मतों मे भारी संख्या में मतों का भाजपा में शिफ्ट हो जाना था. वाममोर्चा के 1.75 लाख मत तथा कांग्रेस के 28 हजार मत भाजपा की ओर शिफ्ट कर गये. चुनाव के बाद ही तृणमूल कर्मियों पर हमले तथा पार्टी कार्यालयों पर दखल शुरू हो गया.
पार्टी जिलाध्यक्ष श्री तिवारी को प्राथमिकता के साथ इन कार्यों में जुट जाना पड़ा. दुर्गापुर से लेकर बराकर तक उन्होंने अपनी सक्रियता बनाई रखी. इसके कारण गिनी-चुनी घटनाओं के बाद कार्यालयों पर दखल तो बंद हो गये लेकिन राजनीतिक संघर्ष जारी हैं.
इसके साथ ही आगामी 21 जुलाई को शहीद दिवस की तैयारियां शुरू हो गई है. इस सभा के माध्यम से पार्टी दिखाना चाहती है कि राज्य मे उसका जनाधार उसके साथ है. जिलाध्यक्ष श्री तिवारी के नेतृत्व में पहली बार जिले को इसमें शामिल होना है. इस कारण उनकी प्राथमिकता अधिक से अधिक कर्मियों तथा समर्थकों को पार्टी के साथ जोड़ने तथा शहीद रैली में शामिल होने की है.
जिलाध्यक्ष श्री तिवारी ने कहा कि 21 जुलाई के बाद ही जिला कमेटी सहित विभिन्न कमेटियों का गठन किया जायेगा. तब तक उन्हें कर्मियों की सक्रियता को भी परखने का मौका मिल जायेगा. उन्होंने कहा कि पार्टी के विधायकों तथा वरीय नेताओं से विचार-विमर्श के बाद कमेटी गठित की जायेगी. लेकिन कमेटी में नये तथा पुराने कर्मियों का समायोजन किया जायेगा. बेहतर प्रदर्शन कर रहे कर्मियों को प्राथमिकता दी जायेगी. उनकी प्राथमिकता पार्टी को प्रभावशाली तथा सक्षम बनाना है.

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