अस्पताल अधीक्षक के आग्रह पर हड़ताली चिकित्सक लौटे अपने-अपने कार्य पर
काफी देर तक इंतजार में खड़े रहे मरीजों के परिजन, इलाज के बाद मिली राहत
आसनसोल : आसनसोल जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने बुधवार को राज्यव्यापी आंदोलन के तहत काला बैच लगा कर विरोध प्रदर्शन किया. डॉ संजीव चटर्जी, डॉ रूहुल आमिन, डॉ सुप्रियो माईती, सुमंत सरकार, निलाजंन चटर्जी, संजीव चटर्जी, सौरव चटर्जी सहित 50 से अधिक चिकित्सको ने हड़ताल की. सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल का दरवाजा बंद कर धरना दिया. चिकित्सकों के खिलाफ होने वाली हिंसा के विरोध में धिक्कार रैली निकाली.
अस्पताल के इमरजेंसी से लेकर सुपर स्पेशलिटी अस्पताल जाकर समाप्त हुयी. चिकित्सको की सुरक्षा की मांग की गयी. चिकित्सकों ने अस्पताल के अधीक्षक डॉ निखिल चंद दास को ज्ञापन सौंपा. श्री दास के अनुरोध पर चिकित्सको ने पुन: कार्य पर लौटने का निर्णय लिया. मेडिसिन वन तथा मेडिसिन दो, ईएनटी, स्कीन, जनरल किसी भी ओपीडी में चिकित्सक नहीं होने से लाइन में खड़े मरीज इंतजार करने को मजबूर थे. वृद्ध रोगी अस्पताल के बाहर ही हताश होकर बैठ गये. चिल्ड्रेन तथा गाईनो ओपीडी में भी मरीज इंतजार करते रहे.
आरजू नाज ने बताया कि उनकी बेटी की तबीयत खराब है. वे उसे अस्पताल में दाखिल करने के लिये आई है. लेकिन ओपीडी तथा इर्मजेंसी में चिकित्सक नहीं होने के कारण वे उसे दाखिल नही करा पा रही है. अन्नपूर्णा देवी ने बताया कि वे श्रीपुर से आयी है. चिकित्सक बाहर निकल गये है.12 बजे के बाद ओपीडी में चिकित्सक वापस लौट आये. जिसके बाद मरीजो ने राहत की सांस ली.
डॉ संजीव चटर्जी तथा डॉ निर्झर माजी ने बताया कि कोलकाता के एनआरएस अस्पताल के एक मरीज की मौत के पश्चात् उसके परिजनों ने पांच चिकित्सको की पिटाई की. स्वास्थ्य परिसेवा देने वाले चिकित्सको के साथ मारपीट की घटना निंदनीय है. एनआएस अस्पताल में यदि पुलिस कैंप होता तो कम उम्र के उन चिकित्सको की इतनी गंभीर रूप से पिटायी नही हुयी होती. पुलिस के देरी के कारण चिकित्सको को मौत के साथ जुझना पड रहा हे.
अधीक्षक डॉ दास ने कहा कि एनआरएस अस्पताल में 22 वर्ष के जूनियर डॉक्टर पर हमला हुआ. जिसके विरोध में आसनसोल जिला अस्पताल में दो घंटे तक चिकित्सको ने पेन डाउन कर प्रतिवाद किया. उन्होने सरकारी अस्पतालो में चिकित्सको की सुरक्षा व्यवस्था को दुरूस्त करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौपा.
उन्होने चिकित्सको को कार्य पर वापस लौटने का आग्रह किया. चिकित्सकों ने उनकी बात मान ली. वापस अपने अपने कार्य पर लौट गये. रोगी कल्याण समिति के चेयरमैन श्रम, विधि व न्याय मंत्री मलय घटक को अस्पताल परिसर में पुलिस कैंप करने की मांग की गयी है.