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महानगरों में प्रदूषण बड़ी समस्या: बाबुल

पहली सरकार में पहले मिला शहरी विकास, फेरबदल बाद भारी उद्योग व लोक उपक्रम इस मंत्रालय पर कहा- पहले से है बुनियादी जानकारी, खुद को समृद्ध करने का मिलेगा मौका अंतर्राष्ट्रीय सेमिनारों में शामिल होने के होंगे अवसर आसनसोल : आसनसोल संसदीय क्षेत्र से भारी मतों के अंतर से जीत दर्ज करनेवाले बाबुल सुप्रियो बराल […]

पहली सरकार में पहले मिला शहरी विकास, फेरबदल बाद भारी उद्योग व लोक उपक्रम

इस मंत्रालय पर कहा- पहले से है बुनियादी जानकारी, खुद को समृद्ध करने का मिलेगा मौका
अंतर्राष्ट्रीय सेमिनारों में शामिल होने के होंगे अवसर
आसनसोल : आसनसोल संसदीय क्षेत्र से भारी मतों के अंतर से जीत दर्ज करनेवाले बाबुल सुप्रियो बराल को केंद्र सरकार में राज्यमंत्री का दर्जा तो मिला लेकिन इस बार उन्हें पिछली बार की तरह दमदार मंत्रालय नहीं दिया गया. उन्हें प्रकाश जावड़ेकर के अधीन पर्यवरण, वन तथा मौसम बदलाव मंत्रालय से जोड़ा गया है.हालांकि श्री सुप्रियो ने कहा कि उन्हें इस मंत्रालय में बेहतर काम करने का मौका मिलेगा.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल में विभागों का बंटवारा किया गया. इसमें स्थानीय सांसद श्री सुप्रियो को पर्यवरण, वन तथा मौसम बदलाव मंत्रालय में राज्यमंत्री बनाया गया. पिछली बार पहले उन्हें शहरी विकास मंत्रालय में राज्यमंत्री के बतौर जोड़ा गया था. उस समय उनके पास आसनसोल तथा कोलकाता जैसे महानगरों के विकास से जुड़ने का उन्हें सीधा मौका मिला था. आसनसोल में भले ही शहरी विकास के मामले में वे कुछ अधिक नहीं कर पाये थे. लेकिन कोलकाता में मेट्रो के मुद्दे पर वे काफी सक्रिय रहे थे. बाद में मंत्रिमंडल में हुए फेरबदल के बाद उन्हें भारी उद्योग तथा लोक उपक्रम मंत्रालय से जोड़ा गया था.
इस मंत्रालय में रहने के बाद वे अपने मंत्रालय अधीनस्थ हिंदुस्तान केबल्स लिमिटेड (एचसीएल) को बंदी से नहीं बचा सके थे. हालांकि उसकी रूग्नता के लिए उन्होंने यूपीए सरकार को दोषी ठहराया था तथा चुनाव के दौरान भी उन्होंने दावा किया था कि बंदी के बाद भी इसके कर्मियों को बेहतर विकल्य दिया गया है.
इस बार उन्हें पर्यावरण, वन तथा मौसम बदलाव मंत्रालय से जोड़ा गया है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार में वे भारी उद्योग मंत्रालय से जुड़े हुए थे. इस कारण उन्हें ऑटोमोबाइल्स क्षेत्र की विभिन्न तकनीकी पहलुओं को समझने का मौका मिला था. उस समय परंपरागत ऊर्जा स्त्रोतों के विकल्प के रूप में विभिन्न स्त्रोतों को समझा था. यह मामला पूरी तरह से पर्यावरण से जुड़ा है. इस कारण इस मंत्रालय की बुनियादी जानकारी उनके पास है. जरूरत पड़ने पर वे नितिन गडकरी जैसे वरिष्ठ मंत्री से भी मार्ग निर्देशन ले सकते हैं.
उन्होंने कहा कि आसनसोल, कोलकाता, दिल्ली सहित सभी बड़े महानगरों में प्रदूषण मुख्य समस्या है तथा इस दिशा में काफी काम हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस दौरान उन्हें अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों, सेमिनारों में शामिल होने का मौका मिलेगा. यह कार्य उनकी अनुरूचि के अनुरूप है. उन्होंने कहा कि वे बेहतर कार्य कर पायेंगे. उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व से जो भी दायित्व मिलता है, वे पूरी प्रतिबद्धता से उसका पालन करते हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बारे में टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि वे राज्य में गलत राजनीति को बढ़ावा दे रही हैं. उन्हें उच्त सलाह देने की जरूरत हैं. राज्य की जनता ने उन्हें ठुकरा दिया है. उन्हें संयम से कार्य लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को हजारों कार्ड लिख कर बेजना चाहिए ताकि राज्य में बेहतर राजनीतिक माहौल बना रहे.

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