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पांच मकान, दुकान व सड़क पर पड़ीं दरारें

जरूरी सामान समेट कर खुले आसमान के नीचे रहने की विवशता कालीपहाड़ी कोलियरी के अधिकारियों ने किया घटनास्थल का दौरा पीड़ितों ने मांगा पुनर्वास, अधिकारियों ने दिया मुख्यालय का हवाला इसके पहले भी जुलाई में हुआ था धंसान, क्षेत्र असुरक्षित घोषित 50 वर्ष पहले अवैज्ञानिक तरीके से हुआ था कोयला खनन, सुरक्षा की उपेक्षा आसनसोल […]

जरूरी सामान समेट कर खुले आसमान के नीचे रहने की विवशता

कालीपहाड़ी कोलियरी के अधिकारियों ने किया घटनास्थल का दौरा
पीड़ितों ने मांगा पुनर्वास, अधिकारियों ने दिया मुख्यालय का हवाला
इसके पहले भी जुलाई में हुआ था धंसान, क्षेत्र असुरक्षित घोषित
50 वर्ष पहले अवैज्ञानिक तरीके से हुआ था कोयला खनन, सुरक्षा की उपेक्षा
आसनसोल : आसनसोल साउथ थाना अंतर्गत कालीपहाड़ी शिवमंदिर रोड साहेबबांध एजेंट ऑफिस से सटे छठ घाट के निकट के पांच घर सोमवार की सुबह अचानक हुए भू-धंसान की चपेट में आ गये. क्षतिग्रस्त मकान और एक दुकान का सारा सामान निकाल कर लोगों ने बाहर सुरक्षित स्थान पर शरण ली. घटना में किसी व्यक्ति को कोई चोट नहीं आयी है.
पीड़ितों ने कहा कि कोयला खनन के बाद इलाके में बालू की पर्याप्त भराई न होने के कारण घटना घटी है. इसीएल के श्रीपुर एरिया अंतर्गत रोटीबाटी कोलियरी के प्रबंधक सोमनाथ मुखर्जी, श्रीपुर एरिया के कार्मिक प्रबंधक देवज्योति घोष, सर्वेयर एके झा ने धंसान स्थल का निरीक्षण किया तथा पीड़ितों की सूची तैयार की. पीड़ित परिवारों ने रहने की वैकल्पिक व्यवस्था की मांग की. कोलियरी अधिकारियों ने कंपनी मुख्यालय से बात करनेकाआश्वासन दिया.
स्थानीय लोगों ने कहा कि सोमवार की सुबह 5.15 बजे अचानक घर की दीवारें दरकने लगी. मकानों की फर्श, दीवारें और चारदीवारी में बड़ी दरारें पड़ गईं. दरारें धीरे-धीरे बढ़ती जा रही थी. भू-धंसान का आभास होते ही स्थानीय लोगों में चीख- पुकार शुरू हो गई. सभी लोग अपने परिजनों के साथ घरों से बाहर निकल गये. देखते ही देखते धंसान ने आसपास की जमीन, मकान, दीवार, छत और कई घरों के फर्श को अपने कब्जे में ले लिया. लोगों ने घर का जितना सामान हो सका, बाहर निकाला और खुद दूर जाकर आश्रय लिया.
धंसान पीड़ित स्थानीय निवासी महेश कोयरी ने कहा कि सुबह अचानक दीवार दरकने की आवाज सुन कर परिजनों को उठाया. कमरे से बाहर निकलने पर देखा कि घर की दीवारें में बड़ी दरारें पड़ गई है. घर के कमरों और सड़क पर भी धंसान पड़ा है. उन्होंने कहा कि वे यहां काफी दिनों से रह रहे हैँ. धंसान से पूरा घर अस्त- व्यस्त हो गया है. घर का सारा सामान निकाल कर बाहर रख दिये हैँ. उन्होंने कहा कि इसीएल वैकल्पिक आवास की व्यवस्था करे.
फर्नीचर व्यवसायी नारायण रॉय ने कहा कि धंसान से उनकी दुकान बुरी तरह प्रभावित हुई है. दुकान में रखा गया कुछ फर्नीचर भी नष्ट हो गया. घटना के कारण व्यवसाय पूरी तरह प्रभावित हो गया. उन्होंने इसके लिए गैर जिम्मेदाराना तरीके से बालू भराई करने को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि वर्षों पहले यहां प्राइवेट कोलियरी थी. नीचे का कोयला निकालने के बाद कोलियरी प्रबंधन ने निजी ठेकेदार को बालू भराई का दायित्व दिया था. परंतु ठीक से बालू न भरे जाने के कारण यह हादसा हुआ है.
स्थानीय निवासी टुन्नू कोयरी ने कहा कि धंसान से घर में रखा कुछ सामान नष्ट हो गया. घर की दीवार, छत, चारदीवारी में दरारें आ गयी है. घर की सड़क से सटे इलाके में दरार और घर एक तरफ झुक जाने से बच्चे और परिजन काफी डरे हुए हैँ. उन्होंने इसके लिए इसीएल प्रबंधन को जिम्मेवार ठहराया.
कालीपहाड़ी कोलियरी के एजेंट उमेश यादव ने कहा कि इस घटना के बाद कंपनी अधिकारियों की टीम ने प्रभावित इलाके का मुआयना किया है. उन्होंने मानवीय आधार पर पीड़ित परिवारों के लिए सहयोग का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि कालीपहाड़ी शिवमंदिर एवं साहेबबांध संलग्न इलाके को धंसान प्रभावित घोषित किया जा चुका है.
कभी भी किसी बड़े हादसे की आशंका है. वर्ष 1990 में भी इल इलाके में भू-धंसान की घटना हो चुकी है. साहेबबांध छठ घाट इलाके में जहां भू-धंसान की घटना हुई, वहां पिछले वर्ष जुलाई में भी धंसान की घटना हो चुकी है. 50 साल पहले अवैज्ञानिक तरीके से भूमिगत खदान से कोयला खनन किया गया है. जमीन के नीचे पांच मीटर का कोयला पीलर छोड़ा गया है. इसके कारण निरंतर धंसान की आशंका बनी रहती है.

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