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आसनसोल : जामुड़िया का लाल किला क्या फतह कर सकेंगे बाबुल सुप्रियो, मुनमुन सेन ?

पिछले संसदीय चुनाव में वाममोर्चा ने तृणमूल, भाजपा पर ली थी बढ़त वर्ष 2011, 2016 के विधानसभा चुनाव में भी लहराता रहा लाल झंडा शहरी, कोलियरी, ग्रामीण इलाके की संरचना में भाजपा का मजबूत तंत्र नहीं स्थानीय, श्रमिक नेता होने का सर्वाधिक लाभ लेफ्ट को विधानसभा क्षेत्र में आसनसोल : आसनसोल संसदीय चुनाव के जामुड़िया […]

  • पिछले संसदीय चुनाव में वाममोर्चा ने तृणमूल, भाजपा पर ली थी बढ़त
  • वर्ष 2011, 2016 के विधानसभा चुनाव में भी लहराता रहा लाल झंडा
  • शहरी, कोलियरी, ग्रामीण इलाके की संरचना में भाजपा का मजबूत तंत्र नहीं
  • स्थानीय, श्रमिक नेता होने का सर्वाधिक लाभ लेफ्ट को विधानसभा क्षेत्र में
आसनसोल : आसनसोल संसदीय चुनाव के जामुड़िया क्षेत्र में निवर्त्तमान सांसद सह भाजपा प्रत्याशी बाबुल सुप्रिय तथा भाजपा प्रार्थी मुनमुन सेन के सामने मुख्य चुनौती लालगढ़ में सेंधमारी करने की है. वर्ष 2011 के विधानसभा चुनाव, 2014 के संसदीय चुनाव तथा वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में वाममोर्चा ने अपनी बढ़त बरकरार रखी है. यहां न तो ममता बनर्जी की सुनामी कोई बदलाव ला सकी है और न नरेन्द्र मोदी की लहर ही प्रार्थी को आगे ले जा सकी है.
पिछले संसदीय चुनाव में तृणमूल प्रार्थी दोला सेन ने कड़ी टक्कर दी थी लेकिन मात्र 263 मतों से पीछे रह गई थीं. तृणमूल जिलाध्यक्ष वी शिवदासन का दावा है कि इस बार निर्णायक बढ़त मिलेगी तो बाबुल सुप्रियो भी पिछली कमी को पाटने का दावा कर रहे हैं. वहीं माकपा प्रार्थी गौरांग चटर्जी का दावा है कि इस बार लीड और अधिक होगा.
वर्ष 2014 के संसदीय चुनाव में 11,42,467 मतदाताओं ने मतदान किया था. इसमें भाजपा प्रार्थी श्री सुप्रियो को 4,19,983 मत, तृणमूल प्रार्थी दोला सेन को 3,49,503 मत, वाममोर्चा प्रार्थी श्री चौधरी को 2,55,829 तथा कांग्रेस प्रार्थी इंद्राणी मिश्रा को 48,502 मत मिले थे.
जामुड़िया विधानसभा क्षेत्र में पड़े कुल 1,47,417 मतों में से श्री सुप्रियो को 38,322 मत, सुश्री सेन को 47,472 मत तथा श्री चौधरी को 47,735 मत मिले थे. इस प्रकार माकमा ने तृणमूल पर 263 मतों की बढ़त हासिल की थी.
संसदीय क्षेत्र में यह इकलौता विधानसभा क्षेत्र था, जहां वाममोर्चा ने बढ़त हासिल की थी. विधानसभा क्षेत्र में कुल 244 बूथों में से भाजपा को 72 बूथों पर, वाममोर्चा को 97 बूथों पर तथा तृणमूल को कुल 78 बूथों पर बढ़त मिली थी. इनमें से बूथ संख्या 92 पर माकपा व तृणमूल को 235-235 मत तथा भाजपा को 234 मत मिले थे. जबकि बूथ संख्या 109 पर माकपा व भाजपा को 252-252 मत मिले थे. इसी तरह बूथ संख्या 141 पर तृणमूल व भाजपा को 206-206 मत मिले थे.
वर्ष 2011 के विधानसभा चुनाव में जामुड़िया में तृणमूल कर्मी की मौत कथित कोयला माफिया के वाहन से कुचलकर हो गई थी. उस समय स्वयं ममता बनर्जी ने जामुड़िया का दौरा किया था तथा मृतक के घर भी गई थी.
इसके बाद भी जामुड़िया में तृणमूल को सफलता नहीं मिली. वाममोर्चा ने अपनी पकड़ बरकरार रखी. उस चुनाव में माकपा प्रत्याशी जहांनारा खान को 72,411 (53 फीसदी) मत मिले, जबकि तृणमूल प्रार्थी प्रभात बनर्जी को 58,538 (43 फीसदी) मत मिले. तीसरे प्रार्थी भाजपा के डॉ प्रमोद पाठक को मात्र 6,146 (चार फीसदी) मत मिले.
वर्ष 2014 के संसदीय चुनाव में वाममोर्चा ने अपनी बढ़त बरकरार रखी. वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में वाममोर्चा ने फिर बोहतर प्रदर्शन किया. कुल 1,55,293 मत पड़े. इसमें माकपा की जहांनारा खान को 67,214 (43.28 फीसदी) मत मिले. संसदीय चुनाव की तुलना में उसके मतों में 19,500 मतों की वृद्धि हुई. दूसरे स्थान पर तृणमूल प्रार्थी वी शिवदासन रहे. उन्हें 59,457 (38.29 फीसदी) मत मिले.
यह संसदीय चुनाव में मिले मतों से 12 हजार अधिक थे. इसके बाद भी जहांनारा खान ने उन्हें 7,757 मतों से पराजित किया. लेकिन इस चुनाव में भाजपा को करारा झटका लगा. उनके प्रत्याशी संतोष सिंह को 22,040 (14.19 फीसदी) मत मिले. उसके मतों में करीब 16 हजार मतों की गिरावट आई.
इस बार फिर से जामुड़िया में चुनावी तैयारी जोरों पर है. जामुड़िया नगरपालिका का विलय आसनसोल नगर निगम में होने के बाद कुछ इलाके शहरी, कुछ ग्रामीण तथा कुछ कोलियरी इलाके हैं. वाममोर्चा ने जिलासचिव गौरांग चटर्जी को प्रत्याशी बनाया है. दो फिल्मी स्टारों के बीच इकलौते स्थानीय प्रत्याशी है. जनता के संघर्षों में भागीदारी के नाम पर केंद्र व राज्य सरकार की विफलताओं पर मत मांग रहे हैं.
तृणमूल नेतृत्व ने इस चुनाव में इस विधानसभा क्षेत्र का दायित्व जिलाध्यक्ष श्री शिवदासन को दिया है. उनका दावा है कि इस चुनाव में पार्टी ही बड़ी बड़त लेगी. इधर बाबुल सुप्रियो का भी दावा है कि पिछले संसदीय चुनाव की तुलना में मोदी लहर अधिक बलवती है तथा पार्टी तंत्र भी मजबूत है. इस चुनाव में लाल किला आसानी से ध्वस्त हो जायेगा.

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