आदिवासी मकानों की कच्ची दीवारों पर दी गई है इसकी सूचना
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वोट बहिष्कार करने की सार्वजनिक घोषणा
आदिवासी मकानों की कच्ची दीवारों पर दी गई है इसकी सूचना गांव की सड़क है जर्जर, पैदल चलना मुश्किल, बरसात में फजीहत मरीजों को खटिया पर लाद कर लाना पड़ता है मुख्य सड़क किनारे बर्दवान : बर्दवान एक नंबर प्रखंड अंतर्गत आदिवासी बस्ती में विकास योजनाओं को लागू नहीं किये जाने के प्रतिवाद में ग्रामीण […]
गांव की सड़क है जर्जर, पैदल चलना मुश्किल, बरसात में फजीहत
मरीजों को खटिया पर लाद कर लाना पड़ता है मुख्य सड़क किनारे
बर्दवान : बर्दवान एक नंबर प्रखंड अंतर्गत आदिवासी बस्ती में विकास योजनाओं को लागू नहीं किये जाने के प्रतिवाद में ग्रामीण मतदाताओं ने चुनाव बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. बस्ती के मकानों की दीवारों पर इस संबंध में लेखन किया गया है.
बस्ती में आदिवासी मतदाताओं की संख्या 250 है. सभी निवासियों ने बैठक के बाद वोट बहिष्कार का निर्णय लिया. उन्होंने कहा कि इलाके की मुख्य सड़क जर्जर है. पैदल चलने में भी परेशानी होती है. इसके कारण वाहनों का आवागमन नहीं होता है. बीमार होने पर मरीजों को खटिया पर लाद कर मुख्य सड़क तक लाना पड़ता है. बरसात के मौसम में परेशानी और अधिक बढ़ जाती है. उन्होंने कहा कि ग्रामीणों की बैठक में वोट बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया. क्योंकि हर चुनाव में प्रत्याशी तथा उनके समर्थक आते हैं तथा आश्वासन देकर चले जाते हैं. रविलाल हांसदा ने कहा ने कहा कि जिला प्रशासन के स्तर से भी इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई है. कई बार संबंधित अधिकारियों से शिकायत की गई है.
जिलाशासक सह जिला निर्वाचन अधिकारी अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि इस संबंध में जांच की जायेगी तथा उनकी समस्याओं की समीक्षा कर उन्हें मतदान के लिए सहमत कराया जायेगा. चुनाव बाद उनकी समस्याओं का समाधान होगा.
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