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‘मिशन संबंध’ में कॉरपोरेट जेसीसी की बैठक, कार्मिक निदेशक ने बताया – कंपनी अस्पतालों से जटिल रोगों से पीड़ित 2474 मरीज किये गये रेफर

सांकतोड़िया : इस्टर्न कोलफिल्ड लिमिटेड (इसीएल) के कार्मिक निदेशक विनय रंजन ने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में जटिल रोगों से पीड़ित 2474 रोगियों को निजी अस्पतालों में इलाज के लिए रेफर किया गया था. क्योंकि इनके इलाज के लिए कंपनी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध नहीं हैं. वे गुरूवार को ‘मिशन संबंध’ के तहत […]

सांकतोड़िया : इस्टर्न कोलफिल्ड लिमिटेड (इसीएल) के कार्मिक निदेशक विनय रंजन ने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में जटिल रोगों से पीड़ित 2474 रोगियों को निजी अस्पतालों में इलाज के लिए रेफर किया गया था. क्योंकि इनके इलाज के लिए कंपनी अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध नहीं हैं.

वे गुरूवार को ‘मिशन संबंध’ के तहत गुरुवार को शीतलपुर अतिथिगृह में कॉरपोरेट जेसीसी बैठक को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कंपनी के लिए 27 विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति के लिए पैनल बनाया गया है. इनमें से 16 चिकित्सकों की मेडिकल हो चुका है. इनमें से सात ने योगदान कर लिया है. शेष चिकित्सक भी शीघ्र योगदान करेंगे.

बैठक में एटक के आरसी सिंह, प्रभात राय, एचएमएस के शिवकांत पांडेय, बीएमएस के नरेंद्र कुमार सिंह, सीटू के गौरांग चटर्जी, महाप्रबंधक (कार्मिक) डॉ हरेन्द्र किशोर, महाप्रबंधक (कल्याण व सीएसआर) आरके श्रीवास्तव, सीएमएस डॉ शक्तिकोणा मित्रा, महाप्रबंधक (सिविल) एसके झा, कार्मिक निदेशक के तकनीकी सचिव राजेश त्रिवेदी आदि मौजूद थे.
बैठक के दौरान कार्मिक निदेशक श्री रंजन ने मीडिया को उत्साह से भरी कंपनी की नई टीम के हौसलें और उपलब्धियों की चर्चा की. उन्होंने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में 50 मिलियन टन उत्पादन लक्ष्य को हासिल करने की पूरी संभावना है. झांझरा में बीते 28 जनवरी को भूमिगत खदान से 22 हजार टन कोयले का उत्पादन कर नया रिकॉर्ड बनाया गया. कंपनी का उत्पादन दो लाख टन से अधिक था.
उन्होंने कहा कि कोयला कर्मियों के 35872 आवासों की मरम्मत के लिए 264 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है. इनमें से 65 फीसदी यानी 22,870 आवासों की मरम्मत हो चुकी है. शेष की मरम्मत मार्च तक पूरी हो जायेगी.
उन्होंने कहा कि उन्होंने आवासों की गुणवत्ता की जांच की है. कर्मियों के परिजनों के साथ-साथ वे भी इससे संतुष्ट हैं. उन्होंने कहा कि कर्मियों की समस्याओं को चिन्हित करने तथा उनके समाधान के लिए ‘मिशन संबंध’ शुरू किया गया है.
मुख्यालय सहित विभिन्न स्थलों पर लगे कैंप में दो हजार से अधिक समस्या तथा सुझाव सामने आये हैं. इनका निष्पादन काफी तेज गति
से किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यूनियन नेताओं के साथ संयुक्त निरीक्षण भी किया जा रहा है ताकि जमीनी स्तर पर बदलाव आये.
उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों के साथ सांकतोड़िया तथा कल्ला केंद्रीय अस्पताल में भी आरओ प्लांट लगाय् जा रहे हैं. अस्पताल की हालत सुधारी जा रही है. सीसीटीवी कैमरे से लेकर चिकित्सा सुविधाएं आधुनिक की जा रही है. उन्होंने कहा कि कंपनी ने नई पहल की है ताकि कर्मियों की परेशानी कम से कम हो. पहले से ही कंपनी में कोलियरी स्तरीय द्विपक्षीय कमेटियां है तथा उनके माध्यम से अधिसंख्य समस्याओं का समाधान होता रहता है.
‘मिशन संबंध’ के माध्यम से एक और विकल्प दिया गया है. कर्मी समस्याओं से जितने दूर रहेंगे, कंपनी के विकास में उनका उतना ही अधिक योगदान होगा. उन्होंने कहा कि कंपनी सीआइएल की विभिन्न अनुषांगिक कोयला कंपनियों में अग्रणी है तथा लोक संबंधों को नये तरीके से परिभाषित करने तथा प्रगाढ़ करने की पहल की गई है.
क्या कहा यूनियन प्रतिनिधियों ने
जेसीसी में यूनियन एटक के प्रतिनिधि श्री सिंह ने कहा कि द्विपक्षीय कमेटियों की सक्रियता तथा प्रांसगिकता में कमी आई है. लेकिन कंपनी प्रबंधन की टीम ने सार्थक पहल शुरू की है. इसका सहयोग यूनियनें कर रही है. लक्ष्य कर्मियों की समस्याओं का समाधान है. दोनों की सक्रियता का लाभ कर्मियों को मिलेगा.
उन्होंने कहा कि उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ कर्मियों को सुरक्षित कार्य परिवेश भी प्रबंधन उपलब्ध कराये. शून्य दुर्गटना के लक्ष्य के बाद भी दुर्घटनाओं में श्रमिक की मौत हो रही है. एचएमएस प्रतिनिधि श्री पांडेय ने कहा कि श्री रंजन के प्रभार ग्रहण करने के बाद नियोजन की फाइलों का निष्पादन तेजी से हो रहा है.
प्रबंधन का रवैया काफी सकारात्मक है तथा यूनियन व कर्मियों से जीवंत संबंध बनाने की पहल हो रही है. वे इसका समर्थन करते हैं. आनेवाले समय में स्थिति में और बदलाव की संभावना है. सीटू प्रतिनिधि श्री चटर्जी ने कहा कि प्रबंधन में काफी बदलाव आया है. किसी की प्रासंगिकता और सार्थकता समयानुकूल होती है तथा इस समय प्रबंधन के रवैये का समर्थन यूनियन कर रही है.
बीएमएस प्रतिनिधि श्री सिंह ने कहा कि पहले से ही कंपनी मुख्यालय में ग्रिवासेंज सेल गठित है. लेकिन वह मृतप्राय: है. ‘मिशन संबंध’ के साथ इस सेल और द्विपक्षीय कमेटियों को भी समान रूप से सक्रिय रखा जाना चाहिए. उन्होंने प्रबंधन की पहल को खुला समर्थन दिया.

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