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रंगेहाथों पकड़ा दो कर्मियों को, प्राथमिकी

आसनसोल / सीतारामपुर. आसनसोल नगर निगम के वाटर विभाग में जारी गड़बड़ियों के खिलाफ मेयर जितेन्द्र तिवारी के निर्देश पर मेयर परिषद सदस्य (जल सप्लाई) पूर्णशशि राय ने गुरुवार को भी अपना अभियान जारी रखा. निरीक्षण के दौरान निगम के बराकर पंप हाउस से पानी बेचने के आरोप में वाटर विभाग के पर्यवेक्षक (सुपरवाइजर) प्रलय […]

आसनसोल / सीतारामपुर. आसनसोल नगर निगम के वाटर विभाग में जारी गड़बड़ियों के खिलाफ मेयर जितेन्द्र तिवारी के निर्देश पर मेयर परिषद सदस्य (जल सप्लाई) पूर्णशशि राय ने गुरुवार को भी अपना अभियान जारी रखा. निरीक्षण के दौरान निगम के बराकर पंप हाउस से पानी बेचने के आरोप में वाटर विभाग के पर्यवेक्षक (सुपरवाइजर) प्रलय बनर्जी तथा हेल्फर दिव्येन्दू चटर्जी को रंगेहाथों पकड़ा गया.
इस संबंध में कुल्टी कार्यालय के सहायक अभियंता उज्जवल बनर्जी ने कुल्टी थाने में इन दोनो के साथ-साथ ट्रेक्टर मालिक सुवेन्दू चटर्जी के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी. निगम के दोनों कर्मियों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया. सनद रहे कि बुधवार को अवैध वाटर कनेक्शन देने तथा 14 हजार रूपये की रिश्वत लेने के आरोप में निगम के दो कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी.
दो दिनों से चल रहे अभियान से निगम कर्मचारियों में भारी हड़कंप है. मेयर श्री तिवारी ने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जीरो टॉलरेंस की नीति तथा अभियान जारी रहेगा. इन दोनों कर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच की जायेगी.
क्या है पूरा मामला
मेयर परिषद सदस्य श्री राय ने बताया कि वे कार्यालय के कार्य से नियामतपुर इलाके के निरीक्षण में थे. उन्होंने देखा कि नगर निगम के वाटर टैंकर में पेयजल लेकर टैंकर नेशनल हाइवे दो की ओर जा रहा है. उधर के इलाकों में निगम के स्तर से वाहन से वाटर सप्लाई की अनुमति नहीं दी गयी है. संदेह होने पर उन्होंने ट्रेक्टर के चालक से पूछताछ की. ट्रेक्टर के चालक ने कहा कि वह पानी लेकर किसी खास व्यक्ति के घर जा रहा है तथा उसे पानी ले जाने की अनुमति सुपरवाइजर प्रलय बनर्जी ने दी है. स्पष्ट हो गया कि पानी की अवैध बिक्री की जा रही है. श्री राय ने इसकी सूचना मेयर श्री तिवारी को दी.
कुल्टी थाने में दर्ज हुई प्राथमिकी
मेयर श्री तिवारी के निर्देश पर निगम के कुल्टी कार्यालय के सहायक अभियंता श्री बनर्जी ने प्राथमिकी दर्ज करायी. उन्होंने अपनी शिकायत में लिखा कि एमएमआईसी (जल सप्लाई) श्री राय तथा वरीय सहायक अभियंता ने निरीक्षण के दौरान पाया कि निगम के हेल्पर दिव्येन्दू चटर्जी तथा वाटर विभाग के सुपरवाइजर प्रलय भनर्जी एक नये निजी ट्रेक्टर की मदद से बिना अनुमति के पानी बेच रहे हैं. पानी की अवैध बिक्री निगम के बराकर पंप हाउस से हो रही थी. यह धंधा काफी दिनों से चल रहा था तथा उनके अनुसार नगर निगम को इससे एक लाख रूपये से अधिक की क्षति हो चुकी है. उन्होंने कहा कि जांच में पाया गया कि ट्रेक्टर मालिक नियामतपुर निवासी सुवेन्दू चटर्जी है. तीनों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.
मेयर ने घटनास्थल पर पहुंचकर की जांच
मेयर श्री तिवारी मेयर परिषद सदस्य श्री राय से शिकायत मिलने के बाद स्वयं घटनास्थल पर पहुंचे तथा पूरे मामले की जांच की. जांच में पाया गया कि विभागीय सुपरवाइजर की सांठगांठ से लंबे समय से पानी की अवैध बिक्री हो रही है. उन्होंने दोनों कर्मियों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी करने का निर्देश दिया.
बर्दाश्त नहीं किया जायेगा भ्रष्टाचार
एमएमआईसी श्री राय ने कहा कि पूरे राज्य को मुख्यमंत्नी ममता बनर्जी तथा आसनसोल नगर निगम को मेयर श्री स्वच्छ, पारदर्शी तथा भ्रष्टाचारमुक्त बनाने में लगे हैं. वही निगम के कुछ कर्मचारी व अधिकारी करप्ट और बदनाम का काम कर रहे हैं. नगर निगम प्रशासन के स्तर से कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
रिश्वतखोरी में नगर निगम के दो आरोपी गये जेल
आसनसोल. आसनसोल नगर निगम के स्तर से नये क्नेक्शन पर लगी रोक के बाद भी 14 हज़ार रु पये की रिश्वत लेकर कल्ला घोष पाड़ा निवासी मुरारी मोहन दत्ता के औद्योगिक परिसर में अवैध वाटर कनेक्शन करने से संबंधित मामले में आसनसोल नॉर्थ थाना पुलिस ने निगम के दो कर्मचारी स्वपन गोराई उर्फ नेपु तथा अमरनाथ गौर उर्फ गोरे को गिरफ्तार कर उन्हें गुरु वार को आसनसोल महकमा कोर्ट में पेश किया.
इस संबंध में मेयर परिषद सदस्य (जल सप्लाई) पूर्णशशि राय ने थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. एसीजेएम कोर्ट ने उनकी जमानत खारिज कर उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. ज्ञात हो कि इस मामले में मुरारी मोहन दत्त को भी नामजद आरोपी बनाया गया है. दर्ज शिकायत में कहा गया है कि एमएमआईसी श्री राय को शिकायत मिली थी कि श्री दत्ता के औद्योगिक परिसर में अवैध वाटर कनेक्शन किया गया है.
इसकी जांच के क्रम में श्री दत्ता ने स्वीकार किया कि उन्होंने निगम के इन दो स्थायी कर्मियों को इस अवैध कनेक्शन के लिए 14 हजार रूपये की रिश्वत दी थी. उन्होंने इसका लिखित जानकारी भी दी. इसके बाद दोनों आरोपी कर्मियों से भी पूछताछ की गयी. उन्होंने अपनी गलती स्वीकार की. इसके बाद मेयर जितेन्द्र तिवारी के निर्देश पर उद्योग संचालक श्री दत्ता तथा इन दो कर्मचारियों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.

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