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दार्जिलिंग : नेताजी जयंती समारोह में पहाड़ के लिए ममता का एलान, दार्जिलिंग की समस्या का निकाला जायेगा स्थायी हल

दार्जिलिंग : कड़ाके की ठंड और बारिश के बीच हर साल की तरह दार्जिलिंग के चौरस्ता पर आयोजित नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती समारोह में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जीटीए समझौते की समीक्षा की बात कही. साथ ही उन्होंने जीटीए चुनाव लोकसभा चुनाव के बाद कराये जाने का एलान किया. बुधवार को नेताजी की तस्वीर […]

दार्जिलिंग : कड़ाके की ठंड और बारिश के बीच हर साल की तरह दार्जिलिंग के चौरस्ता पर आयोजित नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती समारोह में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जीटीए समझौते की समीक्षा की बात कही. साथ ही उन्होंने जीटीए चुनाव लोकसभा चुनाव के बाद कराये जाने का एलान किया.

बुधवार को नेताजी की तस्वीर पर खादा और पुष्पहार अर्पित करने के बाद अपने संबोधन में उन्होंने गोरखाओं की जातीय पहचान, उनके विकास और जीटीए जैसे विषयों को ध्यान में रखते हुए दार्जिलिंग पहाड़ की समस्या का स्थायी समाधान करने का आश्वासन दिया.

मुख्यमंत्री ने भाजपा का नाम लिये बगैर उस पर गोरखाओं के साथ वादाखिलाफी करने का आरोप लगाया. ममता ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत को आजाद कराने के लिए नेताजी ने आइएनए का गठन किया था, जिसमें गोरखा भी शामिल थे.

लेकिन नेताजी की जन्मदिवस पर केंद्र सरकार ने आज तक अवकाश घोषित नहीं किया है. नेताजी ने सभी को जोड़ने का काम किया, लेकिन आज देश को तोड़ने का काम किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग धर्म और जाति के नाम पर देश को तोड़ने का काम कर रहे हैं, वहीं खुद को देश का नेता बता रहे हैं. लेकिन वह ऐसे लोगों को नेता नहीं मानतीं.
बिना नाम लिये भाजपा पर और हमला करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले लोकसभा चुनाव से पहले दार्जिलिंग में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना करने का वादा किया गया था. वह तो नहीं हुआ, पर मैंने दार्जिलिंगवासियों के लिए राज्य की ओर से विश्वविद्यालय स्थापित कर दिया है. इसी तरह से गोरखा समुदाय की 11 जातियों को अनुसूचित जनजाति की केंद्रीय सूची में शामिल कराने का वादा किया गया था, परंतु पांच साल का कार्यकाल लगभग पूरा होने को है और काम नहीं हुआ.
जबकि राज्य सरकार इन 11 जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल कराने के लिए दो-दो बार प्रस्ताव पारित करके केंद्र सरकार को भेज चुकी है. उन्होंने कहा कि 2019 के आम चुनाव में केंद्र में सत्ता परिवर्तन होना तय है. जैसे ही परिवर्तन होगा गोरखा समुदाय की 11 जातियों को जनजाति का दर्जा दे दिया जायेगा.
कार्यक्रम के मंच से मुख्यमंत्री ने 121 प्राइमरी शिक्षकों को निुयक्तिपत्र प्रदान किये. इसी तरह से दार्जिलिंग पुलिस द्वारा आयोजित फुटबॉल टूर्नामेंट के विजेताओं, अच्छा रिजल्ट करनेवाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया. राज्य सरकार और विकास बोर्ड की कई परियोजनाओं का उन्होंने रिमोट कन्ट्रोल के जरिये उद्घाटन व शिलान्यास किया.
कार्यक्रम में अन्य अतिथियों में राज्य के मंत्री अरूप विश्वास, इंद्रनील सेन, राज्य के मुख्य सचिव मलय दे, जीटीए प्रशासक बोर्ड के चेयरमैन विनय तामांग, उप-चेयरमैन अनित थापा, दार्जिलिंग के विधायक अमर सिंह राई, कर्सियांग के विधायक डॉ रोहित शर्मा, पश्चिम बंगाल भूटिया सांस्कृतिक विकास बोर्ड के चेयरमैन पाल्देन भूटिया, पहाड़िया अल्पसंख्यक विकास बोर्ड के चेयरम्यान रेव फादर सोलोमन सुब्बा, अन्य विकास बोर्डों के चेयरमैन और पहाड़ के नगरपालिकाओं के चेयरमैन इत्यादि उपस्थित थे.
अधिक अधिकार देने पर मुख्यमंत्री सहमत : विनय
नेताजी जन्मदिवस समारोह में मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए जीटीए प्रशासक बोर्ड के चेयरमैन सह गोजमुमो अध्यक्ष विनय तामांग ने कहा कि मुख्यमंत्री वर्तमान जीटीए कानून की समीक्षा कर जीटीए को अधिक अधिकार देने पर राजी हो गयी हैं. जीटीए का चुनाव लोकसभा चुनाव के बाद कराया जायेगा. गोरखाओं की पहचान और सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री की घोषणाओं के प्रति आभार जताते हुए विनय तामांग ने कहा, ‘हमने चाय श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी और जमीन के पट्टे की भी मांग की है.
मुख्यमंत्री ने गोरखाओं की संभी प्रमुख लंबित मांगों पर विचार का आश्वासन दिया है.’ विनय तामांग ने कहा कि इससे मंगलवार को मुख्यमंत्री के साथ बैठक में जीटीए को डोनियर (डेवलपमेंटर ऑफ नॉर्थ ईस्टर्न रिजन) के तहत लाये जाने, डीआइ फंड को फौरन जीटीए को ट्रांसफर करने, दार्जिलिंग नगरपालिका को नगर निगम में बदलने समेत कई मांगें रखी गयी थीं.
लड़खड़ाकर गिरीं मुख्यमंत्री, हाथ में लगी चोट
नेताजी के जन्मदिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री चौरस्ता में सभा को संबोधित करने के बाद सांस्कृतिक मंच की ओर बढ़ीं. उसी क्रम में उनका पैर किसी चीज में उलझ गया और वे लड़खड़ाकर बैरिकेड से टकरा गयीं. इससे उनके दाहिने हाथ की कलाई के पास चोट लग गयी. ठंड की वजह से चोट ने काफी असर किया. चोट लगने के बाद मुख्यमंत्री काफी देर तक कलाई को सहलाती दिखीं. मुख्यमंत्री ने इस अव्यवस्था के लिए अपने स्टाफ को फटकार भी लगायी. हालांकि चोट लगने के बावजूद मुख्यमंत्री ने पूरे धैर्य के साथ कार्यक्रम में शिरकत की.

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