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अप्रैल फूल सिर्फ एक दिन नहीं आप हर दिन बन रहे हैं

पटना : बदलते समय के साथ अप्रैल फूल बनाने के तरीकों में भी बदलाव दिख रहा है. अप्रैल फूल अब सोशल मीडिया के जरिये भी खूब बनाया जा रहा है. अप्रैल फूल से एक दिन पहले दिन भर कई तरह के मैसेज, वीडियो व लिंक भेज कर दोस्तों को मूर्ख बनाते रहे. मैसेज में कोई […]

पटना : बदलते समय के साथ अप्रैल फूल बनाने के तरीकों में भी बदलाव दिख रहा है. अप्रैल फूल अब सोशल मीडिया के जरिये भी खूब बनाया जा रहा है. अप्रैल फूल से एक दिन पहले दिन भर कई तरह के मैसेज, वीडियो व लिंक भेज कर दोस्तों को मूर्ख बनाते रहे. मैसेज में कोई घटना जिसके आखिर में अप्रैल फूल लिखा हुआ, ओपन द बॉक्स, फ्री रिचार्ज, ग्रुप में रीमूवड यू, फेक मूवी लिंक व अन्य लिंक आदि भेज कर अप्रैल फूल बनाया जा रहा है. प्ले स्टोर में कई ऐसे एप्स है जिनकी मदद से फोटो या वीडियो में घोस्ट जोड़ दोस्तों को फेक तस्वीरें भेजी जा रही हैं.

फेक न्यूज रोज बना रहा अप्रैल फूल
आज हम सभी सोशल मीडिया का भरपूर इस्तेमाल कर रहें हैं. यहां नयी पोस्ट,फोटो और वीडियो शेयर करना आम बात है. लेकिन कई बार हम इसे बिना चेक किये फॉरवार्ड कर देते हैं. इसका फायदा हैकर्स उठा सकते हैं. वह इन हरकतों से आपकी पर्सनल इंफोर्मेशन चोरी कर लेते हैं और बड़ी घटना को अंजाम देते हैं. ऐसे में सोशल मीडिया के जरिये फेक न्यूज या सूचना फैला कर हमें रोजाना ही अप्रैल फूल बनाया जा रहा है.

फेक मैसेज को ऐसे पहचानें
फेक मैसेज जांचने का पहला कदम यह है कि इस तरह के मैसेज फॉरवार्डेड होते हैं और उनमें डेट और सोर्स दोनों गायब होते हैं. अक्सर इस तरह के मैसेज में विश्वसनीयता कायम करने के लिए किसी बड़े व्यक्ति का नाम या एडिट की गयी इमेज लगा दी जाती है. कई बार कहीं और की तस्वीर को किसी और मुद्दें पर जोड़ कर अफवाह बना दी जाती है.

सर्च इंजन की मदद से फेक और फैक्ट से जुड़ी इमेज और वीडियो चेक की जा सकती है. इमेज के लिए गूगल रिवर्स इमेज सर्च, एक्जिट रीडर, बैडू आदि की मदद ले सकते हैं. वीडियो के लिए इनविड एप की मदद से इसकी प्रमाणिकता को चेक कर सकते हैं.

आज हर दिन लोग फेक न्यूज के चलते अप्रैल फूल बन रहे हैं. अगर लोग कुछ मिनट देकर मैसेज को चेक कर लें तो इस तरह के मैसेज को आसानी से रोका जा सकता है. सर्च इंजन की मदद से आप इमेज और वीडियो का पता आसानी से कर सकते हैं. जिम्मेदार नागरिक के नाते हमें फेक न्यूज को पहचानने की जरूरत है.
मिनती चकलानविस, गूगल सर्टिफाइड ट्रेनर


पहले अप्रैल फूल बनाने से आंतरिक खुशी मिल जाती थी. लेकिन अब सोशल मीडिया की मदद से एक साथ कई लोगों को फूल बनाने का प्रचलन बढ़ा है. सेाशल मीडिया के फेक न्यूज से बचने के लिए जरूरी है कि आप ओथेंटिक सोर्स को जरूर जांच कर क्रॉस वेराफाय कर लें.
शिवानी नाथ, सोशल मीडिया एक्सपर्ट

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