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नहीं चेती सुरक्षा एजेंसियां, तो देश की अर्थव्यवस्था पर होगा प्रहार

सुदीप भारती, जोगबनी : हाल के दिनो में सीमावर्ती इलाके के कई जिलों में नकली नोट छापने वाले गिरोह काफी सक्रिय हुए हैं. जबकि नेपाल में जिस प्रकार से तस्करों व भारतीय मुद्रा के जाली नोट के कालेकारोबारी गिरफ्ता हो रहे हैं. पर्याप्त सुरक्षा तंत्र के रहते भारतीय सीमा के सुरक्षा में मुस्तैद खिफिया तंत्रों […]

सुदीप भारती, जोगबनी : हाल के दिनो में सीमावर्ती इलाके के कई जिलों में नकली नोट छापने वाले गिरोह काफी सक्रिय हुए हैं. जबकि नेपाल में जिस प्रकार से तस्करों व भारतीय मुद्रा के जाली नोट के कालेकारोबारी गिरफ्ता हो रहे हैं. पर्याप्त सुरक्षा तंत्र के रहते भारतीय सीमा के सुरक्षा में मुस्तैद खिफिया तंत्रों व पुलिस तंत्र उम्मीद के मुताबिक सफल नहीं हो पा रहा है.

नेपाल के विभिन्न स्थानों से नकली नोटों के साथ भारतीय व नेपाली नागरिकों की गिरफ्तारी से इस बात को पुख्ता करती है कि नेपाल में बैठकर तस्कर भारत में जाली नोटों का जाल पसार रहे हैं. हालांकि गिरफ्तार कारोबारियों में नेपाली नागरिक भी शामिल हैं. वैसे तो उत्तरप्रदेश व बिहार सिमा से सटे भारत नेपाल बॉर्डर के पास इन गिरोहों के द्वारा आसानी से इस कार्य को अंजाम दिया जाता रहा है.
वहीं इन सीमाओं पर विषेश चौकसी ना होने की वजह से आसानी से सीमावर्ती इलाकों में तस्करो के द्वारा जाली नोटों को भेज कर खपाया जाता रहा है. अगर नेपाल के आंतरिक अनुसंधान विभाग के एक अधिकारी की माने तो नेपाल में कई ऐसे गिरोह सक्रिय है जो प्रिंटिंग प्रेस के आड़ में इस तरह के कार्य में संलग्न हैं.
वहीं अररिया जिला काफी संवेदनशील होने के बावजूद भी एसएसबी व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के द्वारा सख्त निगरानी नहीं रख पाने के कारण कई बार तस्कर आसानी से सिमा पार कर जाते हैं. सूत्रों की माने तो सिमा पर लाइनर की भूमिका निभा रहे कुछ तस्कर गिरोह भी इसमें काफी अहम भूमिका निभा रहे हैं.
जिस प्रकार से जाली नोटों के तस्करो द्वारा नोटो को एक देश से दूसरे देश ले जाने व उसे खपाने के लिये नया- नया तरीका इजाद किया जा रहा है व सीमा पर तैनात भारतीय एजेंसियों द्वारा जिस प्रकार से शिथिलता बरती जा रही है वह भारतीय अर्थव्यवस्था सहित सुरक्षा एजेंसियों के लिये आने वाले दिनों में सिरदर्द साबित हो सकता है.
नेपाली सुरक्षा एजेंसी आये दिन कर रही जाली नोट कर बरामदगी, जबकि भारतीय एजेंसियां नहीं पा पायी हैं आशातीत सफलता
पिछले दिनों कैलाली पुलिस के द्वारा विशेष सूचना के आधार पर की गई कार्रवाई में भारी संख्या में जाली नोटों कों जब्त किया गया था.
इन जब्त नोटों में 500 रुपये के नोटों का सीरियल नंबर जीरोटीबी 401722 व जीरोटीबी 112686 नंबर के नोट 49 पीस वहीं छाप कर तैयारी कर कटिंग के लिये रखे सीरियल नंबर जीरोटीबी 401722 व जीरोएलआर 868925 नंबर के तैयार जाली नोट 86 पीस व सिर्फ पीछे का भाग छापे हुए दो पीस व भारी मात्रा में नोट छापने के पेपर सहित प्रिंटर व इंक बरामद किया गया था. इसमें अनुसंधान में एक सबसे अहम बात सामने आी कि नकली नोट छापने में प्रयोग होने वाला विशेष इंक नेपाल में नही मिलता है.
जबकि रविवार को धनगढ़ी पुलिस के द्वारा भरतीय गाड़ी में भारत से नेपाल जाली नोट कार में छुपा कर ला रहे नेपाली नागरिक को नेपाल पुलिस ने गिरफ्तार किया. वहीं सूत्रों की मानें तो अभी तक भरतीय सिमा में सुरक्षा एजेंसियां किसी भी हवाला कारोबारी सहित अन्य तस्कर को गिरफ्तार करने में असफल रही है. जबकी सीमा पार करते ही नेपाल पुलिस के द्वारा कई बार तस्करों को गिरफ्तार कर भारी मात्रा में रुपये सहित अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है.
वहीं विराटनगर पुलिस के द्वारा हवाले के रुपये के साथ गिरफ्तार फारबिसगंज के ड्राइवर नारायण साह का मामला काफी चर्चा में रहने के बाद भी न ही जिला पुलिस न ही सुरक्षा एजेंसी ही ने ऐसे मामलों में गंभीरता दिखायी. नारायण साह की भी गिरफ्तारी भी सीमा पार करने के बाद नेपाल के रानी पुलिस ने की थी. वहीं एक यक्ष प्रश्न यह है कि जहां नेपाल की सुरक्षा एजेंसी व सूचना तंत्र इतना मजबूत है वहीं सारी सुविधाएं होने के बावजूद हमारी सुरक्षा एजेंसियों के हाथ हमेशा खाली ही क्यों रहते हैं.

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