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गबन के आरोपित ने ले लिया करोड़ों की मिनी जलापूर्ति योजना का काम

अररिया : पीएचइडी से मिली भगत कर गबन के आरोपित पूर्व मुखिया पर करोड़ों रुपये की मिनी जलापूर्ति योजना का काम लेने का आरोप उस क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाली जिला परिषद सदस्य विष्णुमाया देवी ने डीएम को आवेदन देकर लगाया है. उन्होंने गुरुवार को डीएम बैद्यनाथ यादव को आवेदन देकर यह भी कहा है […]

अररिया : पीएचइडी से मिली भगत कर गबन के आरोपित पूर्व मुखिया पर करोड़ों रुपये की मिनी जलापूर्ति योजना का काम लेने का आरोप उस क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाली जिला परिषद सदस्य विष्णुमाया देवी ने डीएम को आवेदन देकर लगाया है. उन्होंने गुरुवार को डीएम बैद्यनाथ यादव को आवेदन देकर यह भी कहा है कि गबन के आरोपित लक्ष्मीपुर के पूर्व मुखिया अरुण कुमार यादव ने क्षेत्र की भोली-भाली जनता से दो-दो लाख रुपये यह कह कर वसूले हैं कि उन्हें मिनी जलापूर्ति योजना में वे ऑपरेटर व अन्य पदों पर नौकरी भी दिलायेंगे. मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएम बैद्यनाथ यादव ने मामले की जांच का आदेश भी पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता को दे दिया है.

डीएम को दिये गये आवेदन में जिप सदस्य ने कहा है कि उनके क्षेत्र में पीएचइडी द्वारा लगभग 40 यूनिट कार्य नल-जल योजना के तहत कराया जाना है. यह काम लगभग 32 करोड़ का है. इसके तहत मिनी जलापूर्ति योजना स्थापित कर घरों में पानी का कनेक्शन दिया जाना है, लेकिन यह काम पूर्व मुखिया अरुण यादव द्वारा विभाग को गलत शपथ देकर धोखे में रख कर ले लिया गया है.
उन पर वर्ष 2016 में लक्ष्मीपुर पंचायत में ही विभिन्न योजनाओं में लगभग 26 लाख रुपये के गबन का आरोप लग चुका है. इस मामले में उन्होंने उन पर जेल जाने का भी आरोप लगाया है. हालांकि उनके द्वारा इस बात का कोई अन्य साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया है.
कुर्साकांटा थाने में दर्ज है गबन का मामला
पूर्व मुखिया पर तत्कालीन डीएम नरेंद्र कुमार सिंह के आदेश पर तत्कालीन कुर्साकांटा बीडीओ द्वारा पंचायत में योजनाओं के विचलन में पूर्व में राशि उठाव नहीं करने को लेकर कांड संख्या 151/14 दर्ज करायी गयी थी. इसमें 13 वें वित्त व अन्य योजनाओं में लगभग 26 लाख रुपये के गबन का आरोप है. मामले में अरुण यादव, तत्कालीन पंचायत सचिव कसासूल हक व सप्लायर को नामजद किया गया है. यह मामला वर्ष 2016 का ही बताया जा रहा है.
डीएम को आवेदन देकर जिप सदस्या विष्णुमाया देवी ने की जांच कर कार्रवाई करने की मांग
कहा, 2016 में विभिन्न योजनाओं में 26 लाख रुपये के गबन के हैं आरोपित
गबन की राशि जमा करने के एवज में मिली जमानत
नहीं गया जेल, मुझे बदनाम करने की रची जा रही राजिश, जिस बात का लगा है आरोप, उसमें हूं आरोपमुक्त : अरुण यादव
बदनाम करने की साजिश
यह सच है कि उनके विरुद्ध गबन का मामला दर्ज किया गया था, लेकिन उनके ऊपर जिन-जिन योजनाओं में गबन का आरोप लगाया गया था, उन्होंने उन योजनाओं को प्राक्कलन के अनुरूप कार्य पूर्ण कर एमबी बुक कराकर न्यायालय को समर्पित कर दिया है. साथ ही गबन का जो आरोप उनके विरुद्ध लगाया गया, उक्त राशि को भी न्यायालय के आदेश पर जमा करा दिया गया.
इसलिए गबन का आरोप अब उनके ऊपर बन ही नहीं रहा है. इस मामले में न्यायालय ने उनका पक्ष जानकर उन्हें जमानत दे दी है. इसमें वे सजायाफ्ता भी नहीं हैं न ही जेल ही गये हैं. ऐसे में उन्हें बदनाम करने की साजिश रची जा रही है. जब तक किसी मामले में सजा नहीं हो जाती है, तो वे दोषी कैसे होंगे. इसके अलावा क्षेत्र में लगाये जा रहे वसूली के आरोप भी बिलकुल निराधर और असत्य हैं.
अरुण यादव, पूर्व मुखिया, लक्ष्मीपुर
विभाग काम कराने के लिए जिम्मेदार, दोषी कौन, यह खोजना पुलिस का काम
संवेदक को काम देने से पूर्व उनसे शपथ पत्र व अन्य दस्तावेज लिये जाते हैं. इसके बाद विभाग बेहतर व गुणवत्तापूर्ण काम कराने के लिए जिम्मेवार है. अगर किसी के विरुद्ध कोई मामला न्यायालय में विचाराधीन है, तो उसे सजायफ्ता नहीं माना जायेगा, जब तक उसमें सजा नहीं हो जाए. बावजूद अगर आरोप लगे हैं, तो उसकी जांच की जायेगी. दोषी पाये जाने पर वरीय पदाधिकारियों के निर्देशानुसार अग्रेतर कार्रवाई की जायेगी.

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