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#Bihar : खिलाड़ियों व खेल संघों के अनुदान से खिलवाड़ कर रहा है खेल विभाग

आमोद सिंह पटना : खिलाड़ियों को चिकित्सा, किट्स और एनआईएस के लिए मिलनेवाले अनुदान से खेल विभाग जमकर खेल रहा है. पिछले एक वर्ष से खिलाड़ी व खेल संघ अपने अनुदान के लिए खेल विभाग के चक्कर काट रहे है, लेकिन उन्हें आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिल रहा है. 2017 में खिलाड़ी कल्याण कोष […]

आमोद सिंह

पटना : खिलाड़ियों को चिकित्सा, किट्स और एनआईएस के लिए मिलनेवाले अनुदान से खेल विभाग जमकर खेल रहा है. पिछले एक वर्ष से खिलाड़ी व खेल संघ अपने अनुदान के लिए खेल विभाग के चक्कर काट रहे है, लेकिन उन्हें आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिल रहा है. 2017 में खिलाड़ी कल्याण कोष के तहत अनुदान के लिए सूबे के खिलाड़ियों ने आवेदन किया था. लेकिन अभी तक राशि नहीं दी गयी है. हालांकि, अनुदान की राशि 26 मार्च 2018 को ही खेल विभाग ने बिहार राज्य खेल प्राधिकरण को निर्गत कर दी थी. लेकिन, राज्य खेल प्राधिकरण ने उस राशि को खिलाड़ियों को देने के बजाय वापस खेल विभाग को लौटा दिया.

राशि के इंतजार में नहीं कराया ऑपरेशन

नालंदा के लहारा के रहनेवाले ताइक्वांडो खिलाड़ी राकेश कुमार को राष्ट्रीय प्रतियोगिता के दौरान चोट लग गयी और उनके लिगामेंट में फ्रैक्चर आ गया. उनको डॉक्टर ने ऑपरेशन करवाने के लिए कहा है. लेकिन, पैसे की वजह से वह अब तक ऑपरेशन नहीं करवा पाये है. राकेश ने बताया कि खेल विभाग में अनुदान के लिए आवेदन दिया था. राशि स्वीकृत होने के बाद भी अनुदान नहीं मिला. ऑपरेशन नहीं होने से अब अगले टूर्नामेंट में खेलने की उम्मीद कम है. वहीं एनआईएस डिप्लोमा करने के लिए कबड्डी खिलाड़ी भवेश ने विभाग से अनुदान मांगा था, लेकिन वह अपना कोर्स पूरा कर लौट आये, मगर अनुदान नहीं मिला.

खेल को लेकर उदासीन विभाग

बास्केटबॉल एसोसिएशन ऑफ बिहार के सचिव सुशील कुमार ने कहा कि खेल विभाग का खेलों के प्रति उदासीन रवैया है. समय से कोई भी काम विभाग में नहीं होता है. जिसकी वजह से राज्य में खेलों की स्थिति दयनीय हो गयी. उचित अनुदान नहीं मिलता है अगर मिलता भी है, तो समय से नहीं. खेल उपकरणों के लिए भी कई बार आवेदन दिया गया. मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई.

विभाग का आदेश नहीं मानता राज्य खेल प्राधिकरण

खेल विभाग ने अनुदान के लिए स्वीकृत राशि राज्य खेल प्राधिकरण को खिलाड़ियों और खेल संघों को देने के लिए सौंपी थी. लेकिन, राज्य खेल प्राधिकरण ने यह फाइल वापस लौटा दी. प्राधिकरण के निदेशक सह सचिव आशीष सिन्हा ने बताया कि अनुदान देने का कार्य प्राधिकरण द्वारा नहीं किया जाता है. यह खेल विभाग की जिम्मेदारी है. हालांकि, यह भी माना कि अगर वापस खेल विभाग वह फाइल भेजता है, तो सभी तथ्यों को जांच कर राशि दी जायेगी. इधर छात्र एवं युवा कल्याण विभाग के निदेशक संजय सिन्हा ने कहा कि अनुदान की फाइल कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि के पास सुधार के लिए भेजी गयी है. वहां से स्वीकृति मिलने के बाद राशि निर्गत कर दी जायेगी.

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