चाईबासा :सावन की पूर्णिमा को भाई बहन के प्रेम के प्रतीक का पर्व रक्षा-बंधन मनाया जाता है. जो गुरुवार, 15 अगस्त को है. इस दिन स्नानादि से निवृत्त होकर सबसे पहले निकटस्थ मंदिर या घर पर ही अाराध्य देव और कुल देवी-देवता का पूजन करना चाहिए.
इसके बाद थाल में केसर, रोली, चंदन, अक्षत, दूर्बा और राखी(रेशम का डोर) सजाकर दीप प्रज्वलित करना चाहिए. भाई को पूर्वाविमुख कर किसी ऊंचे स्थान पर बैठाकर सर्वप्रथम अक्षत छींटकर तिलक लगाया जाता है.
इसके बाद भाई के दाहिनी कलाई में राखी बांधी जाती है. संभव हो तो रक्षा-बंधन करते समय, येन बद्धो बलिराजा दानवेंद्रो महाबल:/ तेन त्वां मनुबध्नामि रक्षंमाचल माचल, मंत्र का उच्चारण करना चाहिए. पंडित एके मिश्रा बताते हैं कि वैसे तो सूर्योदय के बाद किसी भी समय भाई कीकलाई में राखी बांधी जा सकती है. फिर भी इसके लिए सुबह 5:23 से 6:58 बजे और दिवा 10:14 से 1:25 बजे तक शुभ मुहूर्त है.