By Amitabh Kumar | Updated Date: Apr 12 2016 12:45PM
नयी दिल्ली/लाहौर : जासूसी के आरोप में 20 साल से अधिक समय से लाहौर की एक जेल में कैद एक भारतीय नागरिक की सोमवार को रहस्यमय परिस्थितियों में मौत होने के बाद मामला गर्म हो गया है. मृतक भारतीय का नाम किरपाल सिंह है. इस मामले में सरबजीत सिंह की बहन दलबीर कौर का कहना है कि किरपाल सिंह की हत्या हुई है मौत नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि मेरा पूरा मानना है कि किरपाल सिंह के साथ वहीं हुआ है जो सरबजीत के साथ हुआ था. इस मामले में हाई लेबल जांच होनी चाहिए. भारत को एक जांच दल वहां भेजना चाहिए. उल्लेखनीस है कि पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में सरबजीत सिंह की हत्या कर दी गई थी.
आपको बता दें कि पचास वर्षीय किरपाल सिंह 1992 में कथित तौर पर वाघा सीमा से पाकिस्तान में घुसे थे जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. बाद में उन्हें पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बम विस्फोटों के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी. कोट लखपत जेल के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘किरपाल सिंह सोमवार सुबह कोट लखपत जेल में मृत पाया गया.' उन्होंने कहा कि किरपाल का शव पोस्टमॉर्टम के लिए जिन्ना अस्पताल भेजा गया है. अधिकारी ने कहा कि एक न्यायिक अधिकारी को भी बुलाया गया जिसने कुछ कैदियों के बयान दर्ज किए.
यातना से किरपाल की मौत के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘जेल में किरपाल के पास मौजूद कैदियों ने बताया कि उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की और तुरंत उनकी मौत हो गई.' किरपाल गुरदासपुर का रहने वाले थे. कहा जाता है कि लाहौर हाईकोर्ट ने उसे बम विस्फोटों के आरोप से बरी कर दिया था, लेकिन उसकी मौत की सजा अज्ञात कारणों से कम नहीं की जा सकी. उसकी बहन जगीर कौर ने कहा था कि उनका परिवार आर्थिक तंगी की वजह से उनकी रिहाई की आवाज नहीं उठा सका तथा उनके मामले को उठाने के लिए कोई नेता आगे नहीं आया.