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भारत ने जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश को प्रतिबंधित आतंकी संगठन घोषित किया

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है. गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश को जमात-उल-मुजाहिदीन इंडिया या जमात-उल-मुजाहिदीन हिंदुस्तान भी कहा जाता है. यह एक जुलाई 2016 को बांग्लादेश की राजधानी ढाका के एक कैफे में हुए आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार […]

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है. गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.

जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश को जमात-उल-मुजाहिदीन इंडिया या जमात-उल-मुजाहिदीन हिंदुस्तान भी कहा जाता है. यह एक जुलाई 2016 को बांग्लादेश की राजधानी ढाका के एक कैफे में हुए आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार माना जाता है. इस हमले में 17 विदेशियों सहित 22 लोग मारे गये थे और एक संयुक्त अभियान के दौरान पुलिस ने छह हमलावरों को मार गिराया था. इसके छह दिन बाद आतंकवादियों ने बांग्लादेश में ईद के मौके पर इकट्ठा हुए लोगों के सबसे बड़े समूह की निगरानी कर रही पुलिस पर हमला किया था और तीन अन्य लोगों की हत्या कर दी थी. बांग्लादेश पुलिस ने इन दोनों आतंकी हमलों के लिए आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश को जिम्मेदार ठहराया था. गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर कहा कि इस संगठन ने आतंकी वारदातों को अंजाम दिया है, आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दिया है और यह भारत में आतंकी गतिविधियों के लिए युवाओं में कट्टरपंथी भावनाएं भरने और उनकी भर्ती करने का काम करता रहा है.

अधिसूचना के मुताबिक, जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश या जमात-उल-मुजाहिदीन इंडिया या जमात-उल-मुजाहिदीन हिंदुस्तान एवं इसके सभी सहयोगी संगठनों को गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून, 1967 की पहली अनुसूची में डाला गया है. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून की पहली अनुसूची में नाम शामिल किये जाने का मतलब है कि संगठन अब भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया है. भारत की सुरक्षा एजेंसियों को भी दो अक्तूबर 2014 को पश्चिम बंगाल के वर्धमान और 19 जनवरी 2018 को बिहार के बोध गया में हुए बम धमाकों के तार जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश से जुड़े होने के सुराग मिले थे. असम पुलिस को उसकी ओर से दर्ज पांच मामलों में जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश की संलिप्तता नजर आयी है और इस संगठन से जुड़े 56 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. अधिसूचना के मुताबिक, जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश 1998 में अस्तित्व में आया और उसका मकसद जिहाद के जरिए एक खिलाफत कायम करना है.

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