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बिहार चुनाव : मतगणना में चंद घंटे बाकी

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना कल होगी. पांच चरणों में हुआ यह चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुका है और सबकी निगाहें कल आने वाले इसके परिणाम पर टिकी है. बिहार विधानसभा की सभी 243 सीटों के लिए मतों की गिनती कल सुबह […]

पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना कल होगी. पांच चरणों में हुआ यह चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुका है और सबकी निगाहें कल आने वाले इसके परिणाम पर टिकी है. बिहार विधानसभा की सभी 243 सीटों के लिए मतों की गिनती कल सुबह आठ बजे शुरु होगी और अनुमान है कि दोपहर तक अधिकतर सीटों के परिणाम आ जायेंगे.

अधिकतर एक्जिट पोल में भाजपा के नेतृत्व वाले राजग और जदयू, राजद एवं कांग्रेस के महागठबंधन में कांटे की टक्कर देखने को मिली है. इनमें नीतीश कुमार को मामूली बढ़त मिलती दिख रही है. हालांकि टूडेज चाणक्य और एनडीटीवी हंसा के सर्वे में राजग को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है. दो सीटों पर चुनाव लड़ रहे महादलित नेता जीतन राम मांझी और लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटों की सीटों पर सबकी निगाहें टिकी होंगी. यादव के दोनों बेटे पहली बार चुनावी रणक्षेत्र में उतरे हैं. हालांकि कुमार चुनावी मैदान में नहीं हैं. पांच चरणों में हुए इस चुनाव की शुरआत 12 अक्तूबर को हुई थी और आखिरी चरण का मतदान पांच नवंबर को हुआ. इस दौरान दोनों पक्षों के प्रमुख नेताओं ने जमकर अभियान चलाये और आरोप प्रत्यारोप का दौर खूब चला और इस दौरान कई बार व्यक्तिगत आरोप भी लगाये गये.

दोनों प्रमुख गठबंधनों के बड़े नेताओं के विवादास्पद बयानों का संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने उनके खिलाफ बिहार में दर्जन भर से अधिक प्राथमिकी दर्ज करायी. मोदी ने जहां मतदाताओं को अपने पक्ष में लुभाने के लिए 30 से अधिक रैलियां की. वहीं, शाह ने 85 जनसभाओं को संबोधित किया.

बिहार चुनाव में राजग की जीत भाजपा के लिए राहत भरी हो सकती है क्योंकि इससे उसे ‘‘असहिष्णु माहौल” को लेकर विपक्ष के हमलों का जवाब देने में मदद मिलेगी. साथ ही संसद के शीतकालीन सत्र से पहले उसे अपने एजेंडा को स्पष्ट करने में मदद मिलेगी.

दूसरी ओर इस चुनाव में अगर भाजपा की हार होती है तो इससे विपक्ष मजबूत होगा और राष्ट्रीय राजनीति में कुमार का कद बढ़ेगा. महागठबंधन को अगर इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ता है तो कुमार और प्रसाद दोनों को एक बार फिर अपना सियासी कद पाने के लिए लंबा इंतजार करना होगा.

राज्य के इतिहास में पहली बार विधानसभा चुनाव में सर्वाधिक 56.80 प्रतिशत मतदान हुआ और 6.68 करोड़ लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. बिहार में 272 महिलाओं समेत कुल 3450 उम्मीदवारों की किस्मत 62,780 ईवीएम में बंद है. पटना और अन्य जिलों में कुल 14,580 अधिकारियों को मतगणना के काम में लगाया गया है.

संशय के खत्म होने में कुछ घंटे ही शेष हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरे दिन सात, सर्कुलर रोड स्थित अपने आवास पर बने रहे. इसी तरह लालू प्रसाद और भाजपा नेता भी अपने-अपने आवास में रहे. शत्रुघ्न सिन्हा की अनुपस्थिति के प्रभाव के लिहाज से पटना साहिब, बांकीपुर और कुम्हरार के परिणाम भी महत्वपूर्ण हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा और जदयू एक साथ मैदान में उतरे थे और बड़ी जीत दर्ज की थी. अकेले जदयू को 115 सीट वहीं भाजपा को 91 सीटें मिली थी. राजद ने केवल 22 और अपने दम पर लड़ते हुए कांग्रेस ने केवल चार सीटों पर जीत दर्ज की थी.

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