32.1 C
Ranchi
Friday, March 29, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

वीडियो कॉलिंग के और भी हैं विकल्प

स्काइप के आधिकारिक ब्लॉग की पोस्ट के अनुसार भारत के यूजर्स 10 नवंबर से स्काइप के जरिये मोबाइल और लैंडलाइन पर कॉल नहीं कर पायेंगे. जाहिर है, इस घोषणा से स्काइप के यूजर्स को निराशा हुई होगी. लेकिन उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है. स्काइप की तरह के कई दूसरे विकल्प मौजूद हैं, जो […]

स्काइप के आधिकारिक ब्लॉग की पोस्ट के अनुसार भारत के यूजर्स 10 नवंबर से स्काइप के जरिये मोबाइल और लैंडलाइन पर कॉल नहीं कर पायेंगे. जाहिर है, इस घोषणा से स्काइप के यूजर्स को निराशा हुई होगी. लेकिन उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है.
स्काइप की तरह के कई दूसरे विकल्प मौजूद हैं, जो आगे भी काम करते रहेंगे. इंटरनेट के जरिये वीडियो कॉलिंग के कुछ अन्य लोकप्रिय विकल्पों के बारे में बता रहा है आज का नॉलेज..
इंटरनेट यूजर्स को स्काइप ने एक अलग तरीके की खुशी महसूस करने का मौका दिया. यह खुशी थी वीडियो कॉलिंग के जरिये दूर बैठे अपनों से आमने-सामने होने के एहसास के साथ बातचीत कर पाने की. यह एप्लीकेशन दुनियाभर के लोगों के लिए एक-दूसरे से जुड़ने का सहज माध्यम बना.
इसने वीडियो कॉलिंग, वीडियो चैटिंग के साथ फोटो भेजने की भी सुविधा दी. इसकी एक खासियत यह है कि यह धीरे चलनेवाले इंटरनेट पर भी बेहतरीन तरीके से काम करता है. लेकिन इंटरनेट के जरिये कॉल की सुविधा देने वाली स्काइप ने हाल ही में कहा है कि 10 नवंबर से वह भारत में मोबाइल और लैंडलाइन पर कॉल करने की सुविधा बंद कर देगा.
स्काइप को बनानेवाली कंपनी माइक्रोसॉफ्ट की ओर से हाल ही में बयान जारी किया गया है कि 10 नवंबर, 2014 से स्काइप भारत में कॉलिंग सुविधा मुहैया नहीं करायेगी. यानी अब स्काइप से मोबाइल और लैंडलाइन पर फोन नहीं किया जा सकेगा. हालांकि, उपयोगकर्ता इंटरनेट सेवा के जरिये वीडियो या वॉयस कॉल कर सकेंगे. जाहिर है इस खबर ने इसके यूजर्स को निराश किया होगा.
लेकिन आपको निराश होने की जरूरत नहीं है. मौजूदा समय में स्काइप के अलावा भी डेस्कटॉप व स्मार्टफोन दोनों में वीडियो कॉलिंग की सुविधा देने वाले कई एप्प लोकप्रिय हैं. जानें ऐसे ही कुछ एप्लीकेशंस के बारे में.
इंस्टेंट मेसैजिंग से वीडियो कॉलिंग तक
इंटरनेट ने लोगों के संवाद करने के तरीके को पिछले दो दशकों में बदल कर रख दिया है. आइसीक्यू, गूगल चैट से लेकर स्काइप और फेसबुक चैट तक ऐसे कई एप्लीकेशन हैं, जिनके जरिये इंटरनेट यूजर्स पलक झपकते ही अपने मित्रों और परिचितों से संवाद कायम कर सकते हैं.
लेकिन इसकी शुरुआत कैसे हुई? इंस्टेंट मैसेजिंग का विकास लंबे समय के दौरान और कई चरणों में हुआ है, इसलिए इसकी सटीक शुरुआत को रेखांकित करना आसान नहीं है. आज शायद ही किसी को पता हो कि इंस्टेंट मैसेजिंग कॉन्सेप्ट वल्र्ड वाइड वेब (डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू) से भी पुराना है.
हालांकि, ‘इंस्टेंट मैसेजिंग’ शब्द सामान्य प्रयोग में 1990 के दशक में आया, लेकिन इसका विचार 1960 के दशक के मध्य में जन्म ले चुका था. सीटीएसएस- कॉम्पैटिबल टाइम शेयरिंग सिस्टम का निर्माण एमआइटी के कंप्यूटेशन सेंटर में 1961 में किया गया. इसमें एक साथ 30 यूजर लॉगइन कर सकते थे और एक-दूसरे को संदेश भेज सकते थे. यह बहुत कुछ आज के इ-मेल की तरह था.
इसके बाद अलग-अलग रूपों में 1990 तक संस्थागत तौर पर इसका विकास होता रहा, लेकिन इसका व्यावसायिक इस्तेमाल 1990 के दशक में शुरू हुआ. 1996 में इजरायली कंपनी ‘मिराबिलिस’ ने टेक्स्ट आधारित मैसेंजर- ‘आइसीक्यू’ लॉन्च किया. इसके सहारे कई लोग आपस में बात कर सकते थे और फाइलें शेयर कर सकते थे. 1998 में एओएल ने ‘मिराबिलिसस’ और ‘आइसीक्यू’ का अधिग्रहण कर लिया. 1997 में एओएल ने एआइएम-एम को लॉन्च किया. 2005 में यह 5.3 करोड़ यूजर्स के साथ इंस्टेंट मैसेजिंग बाजार का अगुआ रहा. इसमें चैट रूम की भी सुविधा थी.
998 में याहू ने ‘याहू पेजर’ के नाम से ‘याहू मैसेंजर’ लॉन्च किया. वर्ष 1999 में माइक्रोसॉफ्ट ने ‘एमएसएन मैसेंजर’ लॉन्च किया. 2005 में माइक्रोसॉफ्ट ने इसका नाम बदल कर ‘विंडोज लाइव मैसेंजर’ कर दिया. बाद में इसमें फोटो साझा करने का फीचर भी जोड़ दिया गया. 2009 में कंपनी ने घोषणा की थी कि उसके 33 करोड़ से ज्यादा एक्टिव यूजर्स हैं.
वर्ष 2002 में एप्पल ने मैक ओएसएक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए आइ चैट-एवी तैयार किया. 2003 में स्काइप आया, जिसने लोगों को पहले वॉयस चैट और फिर वीडियो चैट द्वारा आपस में बात करने की सुविधा मुहैया करायी. 2011 में स्काइप और फेसबुक ने साथ आने की घोषणा की, ताकि फेसबुक यूजर्स स्काइप के सहारे आपस में बात कर सकें. 2005 में गूगल ने ‘गूगल टॉक’ रिलीज किया. 2006 में माइ स्पेस ने माइ स्पेस आइएम की सेवा लॉन्च की.
बाद में इसको भी स्काइप के साथ जोड़ दिया गया. फेसबुक ने 2008 में फेसबुक चैट की सुविधा शुरू की. 2011 से फेसबुक स्काइप के साथ मिलकर वीडियो कॉलिंग सुविधा दे रहा है. गूगल पहले से ही गूगल टॉक के सहारे वॉयस और वीडियो कॉलिंग की सुविधा दे रहा है. 2013 से गूगल हैंगआउट के साथ उसने अपनी इस सेवा को और बेहतर किया है.
स्काइप का सफरनामा
स्काइप मूल रूप से इंटरनेट चैट सेवा है. अगस्त, 2003 में यह पहली बार दुनिया के सामने आया. जानते हैं इस सेवा के सफर को समयबद्ध रूप से :
2003- स्काइप का गठन : निकलस जेनस्ट्रॉम और जानुस फ्रिस ने इसे शुरू किया था. इस जोड़ी ने पहले ही ‘मित्र से मित्र’ यानी पियर टू पियर (पीटूपी) फाइल शेयरिंग प्लेटफॉर्म ‘काजा’ का निर्माण किया था.
जेनस्ट्रॉम और फ्रिस ने काजा के निर्माण के दौरान विकसित पीटूपी तकनीक की मदद से एक ऐसे मुफ्त सॉफ्टवेयर का निर्माण किया, जिसके सहारे लोग इंटरनेट पर बिना पैसा खर्च किये बात कर सकते थे.
जुलाई, 2004- स्काइप आउट : स्काइप ने स्काइप आउट को लॉन्च किया. इसके सहारे स्काइप यूजर किसी लैंडलाइन या मोबाइल फोन में कॉल कर सकते थे. यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और अमेरिका में इस कॉल की दर महज दो यूरो सेंट रखी गयी. अगले महीने ही एप्पल में काम करनेवाले स्काइप के वर्जन को लॉन्च किया गया.
जनवरी, 2005 : महज 18 महीने में ही स्काइप के रजिस्टर्ड यूजर्स की संख्या 2.3 करोड़ हो गयी. कहा जाने लगा कि स्काइप परंपरागत टेलीकॉम कंपनियों का बोरिया बिस्तर बंद कर देगा.
अप्रैल, 2005 : स्काइप को अब तक 10 करोड़ लोगों द्वारा डाउनलोड किया जा चुका था.
अगस्त, 2005 : वीओआइपी बाजार में गूगल भी अपने वीडियो चैट एप्लिकेशन के साथ आ गया. इसका नाम था,‘गूगल टॉक.’
दिसंबर, 2005 : वीडियो कॉलिंग सुविधा शुरू की. हालांकि, यह सेवा पहले ही कई वीओआइपी कंपनियां मुहैया करा रही थीं.
मई, 2006 : स्काइप द्वारा स्काइप कास्ट लॉन्च. एक कॉल में इसने 100 लोगों को जुड़ने की सुविधा दी.
मई, 2011 : इ-बे द्वारा खरीदी गयी स्काइप कंपनी को माइक्रोसॉफ्ट ने 8.5 अरब डॉलर में खरीदा. चर्चा थी कि फेसबुक और गूगल दोनों स्काइप को खरीदना चाहते थे.
जुलाई, 2011 : फेसबुक के साथ करार हुआ. स्काइप के जरिये फेसबुक में भी वीडियो चैट शुरू.
वीडियो कॉलिंग के कुछ लोकप्रिय एप्प
गूगल हैंगआउट
गूगल हैंगआउट हर पल अपने दोस्तों से कनेक्ट रहने के साथ वीडियो चैट की भी सुविधा देता है. आप अपने एंड्रॉयड फोन में गूगल प्लस मोबाइल एप्लीकेशन डाउनलोड कर हैंगआउट का प्रयोग कर सकते हैं. वहीं डेस्कटॉप पर जीमेल के जीटॉक के जरिये इससे जुड़ा जा सकता है.
वीडियो कॉलिंग के शौकीन गूगल हैंगआउट के जरिये एक साथ अपने ढेर सारे दोस्तों से वीडियो चैटिंग कर सकते हैं. यह एक साथ 10 लोगों से वीडियो कॉफ्रेंसिग की सुविधा देता है. अगर दूसरी तरफ से कोई यूजर आपको ज्वाइन नहीं कर पा रहा है तो आप उसे एक क्लिक से इनवाइट कर सकते हैं.
हैंगआउट अपनी बात को एक वीडियो फाइल में रिकॉर्ड कर गूगल प्लस में शेयर करने की सुविधा भी देता है. यानी आप इस एप्प की मदद से ऑनलाइन होकर अपने दोस्तों या फिर परिवार वालों से वॉयस या वीडियो कॉलिंग के जरिये बात कर सकते हैं.
वाइबर
वॉट्सएप्प और स्काइप जैसी एप्लीकेशंस का ही मिलाजुला रूप है वाइबर एप्लीकेशन. यह वाइबर टू वाइबर मुफ्त वॉयस कॉल्स और मैसेज सेवा देता है. वॉट्सएप्प की तरह वाइबर भी फोन की कॉन्टेक्ट लिस्ट में वाइबर पर साइनअप करनेवालों को आपकी सूची में शामिल कर देता है. वाइबर टू वाइबर कॉल्स और एसएमएस 3जी और वाइ-फाइ पर काम करते हैं.
हालांकि अपने देश में 3जी डेटा का इस्तेमाल करना वॉयस कॉल करने से अधिक महंगा है. लेकिन, आज बहुत से स्थानों पर वाइ-फाइ का इस्तेमाल होता है, इसलिए इस एप्लीकेशन का आसानी से उपयोग किया जा सकता है. यह लोगों के बीच तब प्रसिद्ध हुआ, जब एक जापानी इ-कॉमर्स कंपनी ‘रकुटन’ ने इसे 900 मिलीयन डॉलर में खरीदा था. इसे स्मार्ट फोन और डेस्कटॉप दोनों में इस्तेमाल किया जा सकता है.
फ्रिंग
फ्रिंग ग्रुप कॉल्स और ग्रुप टेक्स्ट के लिहाज से एक अच्छा वीडियो एप्प है. कह सकते हैं कि यह एक मल्टी-प्लेटफॉर्म एप्प है. इसमें चार मित्रों को एक साथ कनेक्ट करने की सुविधा है. इसके 4वे लाइव वीडियो कॉलिंग फीचर में अलग-अलग नेटवर्क यूज करने वाले यूजर्स एक साथ एक ही जगह पर आपस में कनेक्ट हो सकते हैं. फ्रिंग एप्प आइओएस, एंड्रॉयड और सिंबयन डिवाइसेज को सपोर्ट करता है.
ओवो
ओवो मल्टीपल ओएस प्लेटफॉर्म आइओएस, एंड्रॉयड, विंडोज फोन के अलावा पीसी और मैक को भी सपोर्ट करता है. इस वीडियो कॉलिंग एप्प को गूगल प्ले से बिना किसी शुल्क के डाउनलोड किया जा सकता है. क्लाउड कॉल प्रोसेसिंग फीचर के जरिये यूजर ओवो के क्लाउड बेस्ड सर्वर से किसी भी डिवाइस पर हाइ क्वॉलिटी वीडियो कॉल्स कर सकते हैं.
कनेक्शन लॉक फीचर ऑटोमैटिकली कनेक्शन की स्पीड का पता लगाकर वीडियो को उसके अनुसार एडजस्ट कर देता है और इसमें कॉल ड्रॉपिंग की दिक्कत नहीं होती. इसमें रीयल टाइम में रिकॉर्डिग करने के साथ 12 लोग ग्रुप वीडियो चैट कर सकते हैं. इस एप्प को डाउनलोड करने के लिए एंड्रॉयड 2.3 या इससे ऊपर के ऑपरेटिंग सिस्टम की जरूरत होती है.
लाइन
लाइन में यूजर अनलिमिटेड वॉयस कॉल्स, वीडियो कॉल्स और फ्री मैसेजिंग कर सकते हैं. लाइन में फन स्टिकर्स, ड्राइंग के लिए लाइन ब्रश, लाइन एंटी वायरस, लाइन यूटिलिटी टूल्स और ग्रुप चैट जैसे कई क्रिएटिव फीचर्स हैं.
लाइन को डेस्कटॉप पर भी डाउनलोड किया जा सकता है और पीसी से मोबाइल पर भी कॉलिंग की जा सकती है. यह एप्प आइओएस, एंड्रॉयड, ब्लैकबेरी, विंडोज मोबाइल के साथ मैक और विंडोज डेस्कटॉप को सपोर्ट करता है.
टैंगो
यह एप्लीकेशन हाइ क्वॉलिटी वीडियो कॉलिंग के साथ इंस्टेंट मैसेजिंग की सुविधा देता है. इस एप्प को आप गूगल प्ले के जरिये डाउनलोड कर सकते हैं. इसमें सभी लोकल और ग्लोबल कॉल्स, मैसेज और वीडियो कॉल बिना शुल्क के की जा सकती हैं. यह हाइ क्वॉलिटी वीडियो कॉलिंग, वन टू वन ग्रुप चैट की सुविधा देता है.
टैंगो के मल्टीपल सोशल नेटवर्किग प्लेटफॉर्म के जरिये यूजर सोशल प्लेटफॉर्म पर एक्टिव फ्रेंड्स को ऑटोमैटिकली ट्रैक कर सकते हैं.
साथ ही सॉन्ग लाइब्रेरी के जरिये यह गाने सुनने और शेयर करने की भी सुविधा देता है. टैंगो में सोशल गेम्स, फोटो और वीडियो शेयरिंग जैसे कई फीचर हैं. यह आइओएस और एंड्रॉयड डिवाइसेस को सपोर्ट करता है.
You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें