वाशिंगटन : राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इराक पर बहुत बड़े प्रतिबंध लगाये जाने की सोमवार को चेतावनी दी. इससे पहले इराकी संसद ने बगदाद में अमेरिकी ड्रोन हमले में शीर्ष ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या को लेकर अमेरिकी सैनिकों को देश से बाहर करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया था.
इराकी संसद ने अपनी सीमा से अमेरिकी सैनिकों को निकालने के लिए रविवार को एक प्रस्ताव पारित किया था. ये सैनिक इराक में इस्लामिक स्टेट समूह से लड़ने के लिए शासन की मदद के लिए तैनात किये गये थे. आईएस आतंकवादी संगठन के खिलाफ बने अंतरराष्ट्रीय सैन्य गठबंधन के तहत करीब 5,000 अमेरिकी सैनिक इराक में हैं. इराक का यह कदम ईरान के अल कुद्स बल के प्रमुख एवं उसके क्षेत्रीय सुरक्षा तंत्र के निर्माता मेजर जनरल सुलेमानी की हत्या के जवाब में आया है. बगदाद अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से शुक्रवार तड़के रवाना हो रहे एक काफिले पर किये गये ड्रोन हमले में सुलेमानी के साथ ही इराक के शक्तिशाली हाशेद अल शाबी अर्द्धसैनिक बल के उपप्रमुख अबु महदी अल मुहांदिस की भी मौत हो गयी थी.
इराकी संसद द्वारा पारित प्रस्ताव पर पूछे गये एक प्रश्न के जवाब में ट्रंप ने कहा, हम तब तक इराक से नहीं हटेंगे जब तक कि वह इसके लिए हमें भुगतान नहीं कर देता. उन्होंने कहा, वहां हमारा अत्यधिक लागत से तैयार हवाई ठिकाना है. उसे बनाने में अरबों डॉलर लगे थे. हम इसकी कीमत चुकाये जाने तक वहां से नहीं हटेंगे. हालांकि, ट्रंप ने उस हवाई ठिकाने का नाम नहीं बताया. ट्रंप ने इराक के लिए कड़ी चेतावनी जारी करते हुए कहा, अगर वे हमें जाने के लिए कहते हैं और अगर हम दोस्ताना अंदाज में ऐसा नहीं करते तो हम उन पर ऐसे प्रतिबंध लगायेंगे जो इससे पहले उन्होंने कभी नहीं झेले होंगे. ईरान पर लगे प्रतिबंध भी उनके सामने साधारण लगेंगे.