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आर्ट की समझ है और आते हैं क्रिएटिव आइडियाज, तो इंटीरियर डिजाइनिंग में तलाशें अपना करियर

नयी दिल्ली: जो युवा कुछ अलग और क्रिएटिव करना चाहते हैं उनके लिए इंटीरियर डिजाइनिंग एक बेहतर ऑप्शन है. अगर आपको कला की समझ है, रंगो की पहचान है और छोटी-छोटी सी जगह को आकर्षक बना देने का हुनर रखते हैं तो इंटीरियर डिजाइनिंग आपके लिए है. किसी बिल्डिंग, ऑफिस, घर, या कमरे के लिए […]

नयी दिल्ली: जो युवा कुछ अलग और क्रिएटिव करना चाहते हैं उनके लिए इंटीरियर डिजाइनिंग एक बेहतर ऑप्शन है. अगर आपको कला की समझ है, रंगो की पहचान है और छोटी-छोटी सी जगह को आकर्षक बना देने का हुनर रखते हैं तो इंटीरियर डिजाइनिंग आपके लिए है. किसी बिल्डिंग, ऑफिस, घर, या कमरे के लिए ऐसा डिजाइन तैयार करना जिससे वो सुंदर और व्यवस्थित दिखे. एक इंटीरियर इंजीनियर का काम होता है.

चुनौतीपूर्ण होता है इंटीरियर डिजाइनर का काम

आज छोटे शहरों और गांवों से लोग बड़े शहरों का रुख कर रहे हैं और कम जगह में ज्यादा लोगों को घर देने के लिए जो फ्लैट कल्चर पैदा हुआ है, उसने भी इंटीरियर डिजाइनर की भूमिका बहुत खास बना दी है. छोटे-छोटे घरों में पूरे परिवार के हिसाब से सामान व्यवस्थित करना इंटीरियर डिजाइनर का काम होता है.

इंटीरियर डिजाइनिंग अपने आप में स्पेशलाइजेशन वाला कोर्स है, लेकिन इसके अंतर्गत ऑफिस डिजाइनिंग, किचन डिजाइनिंग, रूम्स डिजाइनिंग, बिजनेस डिजाइनिंग और होम डेकोर में एक्सपर्टीज हासिल कर सकते हैं. इंटीरियर डिजाइनर का काम काफी चुनौतीपूर्ण होता है.

एक इंटीरियर डिजाइनर क्या काम करता है

इंटीरियर डिजाइनर की भूमिका इसलिए भी अहम होती है कि वह अपनी ट्रेनिंग, क्रिएटिविटी और अनुभव के आधार पर ऐसे काम करता है, जिससे किसी भी स्पेस का सही और सुंदर रूप सामने आता है. वही तय करता है कि किसी भी घर को आकर्षक बनाने में किस तरह के रंगों का चयन किया जाए, सोफा, टेबल, डाइनिंग टेबल, बेड समेत पूरे फर्नीचर का लुक और डिजाइन कैसा हो. फैंसी लाइट्स और डेकोरेटिव सामान से घर को सजाना भी इंटीरियर डिजाइनर के जिम्मे होता है.

कहां पड़ती है इंटीरियर इंजीनियर की जरूरत

अपना घर सजाना सबको अच्छा लगता है. खास तौर पर हाई प्रोफाइल लोगों के बीच तो इंटीरियर डिजाइनर से अपने बंगले को खूबसूरत बनवाने का खूब चलन है. इंटीरियर डिजाइनिंग के प्रति लोगों का रुझान इस हद तक बढ़ चुका है कि वे खुद किसी स्पेस को डिजाइन करने की अपेक्षा प्रशिक्षित इंटीरियर डिजाइनर की मदद लेना पसंद करने लगे हैं. शादी, बर्थडे, एनिवर्सरी जैसे कई आयोजनों में सजावट के लिए इनकी सेवा लेने का चलन भी आजकल जोर पकड़ रहा है. इसलिए इनकी मांग खूब बढ़ रही है.

इंटीरियर डिजाइनर बनने की जरूरी योग्यता

इंटीरियर डिजाइनिंग के क्षेत्र में आने के लिए क्रिएटिविटी का होना जितना जरूरी है उतनी ही जरूरी है तकनीक से भलीभांति परिचित होना. इसमें रचनात्मकता के साथ-साथ कल्पनाशीलता का होना भी बेहद जरूरी है. लोग हमेशा सबसे अलग चाहते हैं. इसलिए जरूरी है कि एक इंटीरियर डिजाइनर के पास नये और बेहतरीन आइडियाज हों.

क्या होनी चाहिए क्वालिफिकेशन और कोर्स

इंटीरियर डिजाइनिंग में बारहवीं के बाद डिप्लोमा, डिग्री और सर्टिफिकेट कोर्स के लिए आवेदन किया जा सकता है. ग्रेजुएशन के बाद भी इस क्षेत्र पीजी डिप्लोमा, डिग्री कोर्स कर सकते हैं. इस फील्ड में बैचलर इन इंटीरियर डिजाइन, बीए इन इंटीरियर आर्किटेक्चर एंड डिजाइन, डिप्लोमा इन इंटीरियर स्पेस एंड फर्नीचर डिजाइन, पीजी डिप्लोमा इन इंटीरियर डिजाइन जैसे कोर्स कर सकते हैं.

इंटीरियर डिजाइनर के रूप में शुरूआत में 15 से 20 हजार रुपये महीना तक सैलरी मिल जाती है. शुरूआत में किसी फर्म में नौकरी करना उचित रहता है क्योंकि इससे काम करने का तरीका पता चलता है.

प्रमुख संस्थान

  • इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीरियर डिजाइनर्स, नई दिल्ली
  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, अहमदाबाद
  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीरियर एंड फैशन टेक्नोलॉजी, भुवनेश्वर
  • एमआईटी इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, पुणे

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