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कर्नाटक विधायक शाम छह बजे स्पीकर को दें इस्तीफ़ा – सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के 10 विधायकों की उस याचिका पर सुनवाई की, जिसमें मांग की गई थी कि विधान सभा स्पीकर रमेश कुमार को उनके इस्तीफे़ स्वीकार करने का निर्देश दिया जाए. याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विधायक शाम 6 बजे स्पीकर से मिलकर अपना इस्तीफ़ा दे सकते हैं. […]

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के 10 विधायकों की उस याचिका पर सुनवाई की, जिसमें मांग की गई थी कि विधान सभा स्पीकर रमेश कुमार को उनके इस्तीफे़ स्वीकार करने का निर्देश दिया जाए.

याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विधायक शाम 6 बजे स्पीकर से मिलकर अपना इस्तीफ़ा दे सकते हैं.

दरअसल इन विधायकों ने कई दिन पहले इस्तीफ़ा दे दिया था, लेकिन स्पीकर इनका इस्तीफ़ा स्वीकार नहीं कर रहे थे. उनका कहना था कि वो जल्दबाज़ी नहीं करेंगें और "रूलबुक, संविधान और अपने विवेक के आधार पर फ़ैसला लेंगे."

सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पूरी होने के बाद वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने पत्रकारों से कहा, "इस्तीफा देने वाले इन 10 विधायकों ने पुलिस सुरक्षा की मांग की थी, जैसे ही वो बेंगलुरु एयरपोर्ट पर उतरेंगे वो उन्हें मिलेगी. क्योंकि हमने कोर्ट को बताया कि कल भी असेंबली में हंगामा हुआ और मुंबई के होटल के अंदर और बाहर भी हंगाम हुआ. कोर्ट ने फैसला दिया है. बाकी मुकदमा कल है."

16 विधायकों ने इस्तीफा दिया है, लेकिन ये आदेश सिर्फ़ 10 के लिए क्यों?

पत्रकारों के इस सवाल पर रोहतगी ने कहा, "ये ऑर्डर 10 विधायकों के लिए है, क्योंकि 10 विधायक कोर्ट में थे. बाक़ी 5 या 6 विधायक जो हैं, वो नई याचिका लगाएं, फिर देखेंगे."

इस बीच बीएसपी प्रमुख मायावती ने भी कर्नाटक में जारी सियासी उठापटक पर बयान दिया है. उन्होंने दो ट्वीट किए हैं.

https://twitter.com/Mayawati/status/1149190313967120384

https://twitter.com/Mayawati/status/1149190315468660736

मायावती ने इस पूरे घटनाक्रम के लिए बीजेपी को ज़िम्मेदार ठहराया है और दलबदल करने वालों के खिलाफ सख़्त क़ानून बनाने की मांग की है.

मध्यस्थता समिति 25 जुलाई तक दे रिपोर्ट – सुप्रीम कोर्ट

राम मंदिर-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई.

एक याचिकाकर्ता गोपाल सिंह विशारद के वकील के. परासरन ने मामले में जल्द सुनवाई की मांग की.

वहीं एक मुस्लिम पक्ष के वकील डॉ राजीव धवन ने कहा कि ये मध्यस्थता समिति की आलोचना करने का वक्त नहीं है.

दरअसल गोपाल सिंह विशारद ने अपनी याचिका में कहा था कि मध्यस्थता समिति में कुछ नहीं हो रहा है और उन्हें नहीं लगता कि समिति इस मामले का हल ढूंढ पाएगी. उन्होंने कहा कि इस मामले को कोर्ट को हल करना चाहिए.

याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि हमने मध्यस्थता समिति बनाई है. हमें उसकी रिपोर्ट का इंतज़ार करना होगा. मध्यस्थों को रिपोर्ट पेश करने देना चाहिए.

कोर्ट ने मध्यस्थता समिति से 25 जुलाई तक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है.

समिति में धार्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर और मध्यस्थता विशेषज्ञ वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पंचू शामिल हैं.

सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस फ़कीर मोहम्मद इब्राहिम ख़लीफ़ुल्ला भी इस समिति का हिस्सा हैं.

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