वाशिंगटन: दक्षिण अमेरिका महाद्वीप में स्थित देश पेरू में 15वीं सदी की एक बड़ी कब्र मिली है जिसमें किसी रीति-रिवाज के तहत 140 से अधिक बच्चों और 200 से अधिक लामा की बलि दिये जाने की बात का खुलासा हुआ है.
लामा दक्षिण अफ्रीका में पाया जाने वाला पशु होता है. पेरू की नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ त्रुजिलो के गैब्रिल प्रिटो और सहकर्मियों ने बताया कि कब्रों पर जमी मिट्टी की एक मोटी परत से पता चलता है कि बड़ी संख्या में बलि दिये जाने के बाद कोई बड़ा तूफान या बाढ़ आई होगी.
पत्रिका पीएलओएस वन में प्रकाशित इस अध्ययन में कहा गया है कि यह नये विश्व में बच्चों और लामाओं की बलि की सबसे बड़ी कब्रगाह है. पुरातन संस्कृतियों में अंत्येष्टि संबंधी, वास्तु कला संबंधी या आध्यात्मिक रीति रिवाजों के तौर पर अक्सर कई तरीके से मनुष्यों और पशुओं की बलि की जानकारी है.
हालांकि इस बात के ज्यादा सबूत नहीं थे कि यह प्रथा पेरू के उतरी तट पर भी प्रचलित थी. साल 2011 और 2016 के बीच चीमू प्रांत में मिले कब्रों से करीब 700 वर्ग मीटर के क्षेत्र में दफनाये गए सैकड़ों शवों का खुलासा हुआ.
मनुष्य के अवशेष पूरी तरह से बच्चों के थे और पशुओं के अवशेषों की पहचान लामा के तौर पर हुई है लेकिन ये भेड़ की नस्ल के पशु भी हो सकते हैं. शरीर विज्ञान और आनुवंशिक सबूतों से पता चलता है कि बच्चों में शामिल लड़कों और लड़कियों की उम्र पांच और 14 साल के बीच है.
इन पर गर्दन से पेट तक की हड्डी पर काटने और हड्डियों के विस्थापित होने के निशान से पता चला है कि बच्चों और लामाओं की छाती को काटा होगा. यह संभवत: एक परंपरा के तहत किया गया होगा जिसमें दिल निकाला जाता है.