कोई मत या मजहब राष्ट्र से बड़ा नहीं हो सकता: सीएम योगी
Yogi Adityanath: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोई भी व्यक्ति, मत या मजहब राष्ट्र से बड़ा नहीं हो सकता. यदि व्यक्तिगत आस्था राष्ट्रीय एकता और अखंडता के आड़े आती है, तो उसे एक ओर रख देना चाहिए. योगी ने यह बातें सोमवार को सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती समारोह के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेशभर के 403 विधानसभा क्षेत्रों के लिए ‘एकता यात्रा’ के शुभारंभ में कही.
Yogi Adityanath: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर वंदे मातरम् के विरोध को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर तीखा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि आजादी के आंदोलन के दौरान वंदे मातरम् भारत की सोयी हुई चेतना को जगाने वाला गीत था, जिसने देश को विदेशी दासता से मुक्त करने की प्रेरणा दी. लेकिन, तुष्टिकरण की राजनीति के कारण कांग्रेस ने इस गीत में संशोधन का प्रयास किया, और आज भी कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं. योगी ने कहा कि समाजवादी पार्टी के एक सांसद ने वंदे मातरम् गाने से इनकार किया. ऐसे लोग सरदार पटेल की जयंती के कार्यक्रम में तो नहीं आते, लेकिन जिन्ना को सम्मान देने वाले कार्यक्रमों में शामिल होते हैं. “यह वही मानसिकता है जो देश की एकता और अखंडता को कमजोर करती है.”
वंदे मातरम् भारत माता की उपासना का गीत
सीएम योगी ने कहा कि वंदे मातरम् कोई धार्मिक गीत नहीं बल्कि धरती माता की उपासना का प्रतीक है. भारत का हर नागरिक इस गीत के माध्यम से अपनी मातृभूमि के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता है. उन्होंने कहा कि भारत के ऋषियों ने सदैव यही कहा कि “धरती हमारी माता है और हम उसके पुत्र हैं”, इसलिए यह हमारा दायित्व है कि हम उसकी रक्षा करें.
वंदे मातरम् के विरोध ने दिया विभाजन को जन्म
मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक पृष्ठभूमि का उल्लेख करते हुए कहा कि 1923 में कांग्रेस अधिवेशन में मोहम्मद अली जौहर ने वंदे मातरम् का विरोध किया और मंच से उठकर चले गए. कांग्रेस ने उस समय अगर उनका विरोध किया होता, तो भारत का विभाजन शायद न होता. “वंदे मातरम् का विरोध ही भारत के विभाजन का दुर्भाग्यपूर्ण कारण बना.”
हर शैक्षणिक संस्थान में अनिवार्य होगा वंदे मातरम्
सीएम योगी ने घोषणा की कि उत्तर प्रदेश के हर विद्यालय और शैक्षणिक संस्थान में वंदे मातरम् का गायन अनिवार्य किया जाएगा. इससे विद्यार्थियों में मातृभूमि और राष्ट्र के प्रति श्रद्धा और सम्मान का भाव उत्पन्न होगा. उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् हमारे कर्तव्यों के प्रति जागरूकता और राष्ट्र प्रेम का प्रतीक है.
जिन्ना जैसी सोच को जन्म लेने से पहले ही रोकना होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में फिर से ‘नए जिन्ना’ पैदा करने की कोशिशें हो रही हैं, जिन्हें पनपने से पहले ही रोकना होगा. उन्होंने कहा कि जाति, मत, भाषा और क्षेत्र के नाम पर समाज को बांटने वाली ताकतें देश की एकता के लिए खतरा हैं. “अगर जिन्ना जैसी सोच फिर से जन्म लेती है, तो हमें उसे समाज से मिटाना होगा.”
सरदार पटेल की प्रतिमा एकता का प्रतीक
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि पटेल भारत की अखंडता के शिल्पी थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केवड़िया (गुजरात) में स्थापित ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ भारत की एकता और सामर्थ्य का विश्व प्रतीक बन चुकी है. मुख्यमंत्री के अलावा जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ धर्मेंद्र सिंह, भाजपा महानगर संयोजक राजेश गुप्ता, महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक विपिन सिंह, फतेह बहादुर सिंह सहित कई जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे.
